18-Jan-2019 06:52 AM
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मप्र के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार संभालते ही कमलनाथ ने प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार सुलभ करवाने के उद्देश्य से उद्योग संवर्धन नीति 2018 और एमएसएमई विकास नीति-2017 में संशोधन का निर्णय लिया। संशोधन के अनुरूप अब राज्य शासन से वित्तीय एवं अन्य सुविधाएं लेने वाली औद्योगिक इकाइयों को 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को देना अनिवार्य होगा। इस पर अमल होगा कि नहीं यह तो आगे पता चलेगा, लेकिन प्रदेश में कलेक्टरों की पदस्थापना को देखकर ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ने प्रशासन में भी इस पर अमल करना शुरू कर दिया है।
दरअसल प्रदेश के 52 जिलों में जिन कलेक्टरों को पदस्थ किया गया है, उनमें से अधिकांश मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं। सरकार ने 24 जिलों में मध्यप्रदेश के मूल निवासी आईएएस अफसरों को कलेक्टर बनाया है। जबकि पूर्व में अक्सर देखा गया है कि उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान के अफसरों का बोल-बाला रहता है। मध्यप्रदेश के बाद सबसे अधिक 10 आईएएस उत्तरप्रदेश के मूल निवासी हैं जिन्हें कलेक्टर बनाया गया है। वहीं तीन राजस्थान, तीन तमिलनाडु और तीन बिहार के मूल निवासी अफसर कलेक्टर बने हैं। वहीं दो आंध्रप्रदेश, दो छत्तीसगढ़, एक-एक महाराष्ट्र, झारखंड, कर्नाटक, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के मूल निवासी आईएएस को कलेक्टर बनाया गया है। प्रदेश की प्रशासनिक वीथिका में अफसर इस जमावट को मुख्यमंत्री के उस कथन से जोड़ रहे हैं, जिसके तहत उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश के युवाओं को महत्व दिया जाए। हालांकि प्रदेश के कुछ वरिष्ठ अफसर इसे महज संयोग मान रहे हैं। वहीं प्रदेश के 10 संभागों में पदस्थ संभागायुक्तों को भी देखा जाए तो उनमें से 7 संभाग की कमान मप्र के मूल निवासी अफसरों के पास हैं जबकि एक बिहार, एक राजस्थान, एक यूपी के मूल निवासी अफसर के हाथ में है।
मध्यप्रदेश के मूल निवासी जिन आईएएस अफसरों को कलेक्टर बनाया गया है उनमें इन्दौर कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, धार-दीपक सिंह, बड़वानी-अमित तोमर, झाबुआ-प्रबल सिपाहा, अलीराजपुर-शमीम उद्दीन, खण्डवा-विशेष गढ़पाले, देवास-डॉ. श्रीकांत पाण्डे, रतलाम-रूचिका चौहान, ग्वालियर-भरत यादव, गुना-भास्कर लक्षकार, अशोकनगर-डॉ. मंजु शर्मा, दतिया-रामप्रताप सिंह जादौन, रीवा-ओमप्रकाश श्रीवास्तव, शहडोल-अनुभा श्रीवास्तव, उमरिया-अमरपाल सिंह, सागर-प्रीति मैथिल, पन्ना-मनोज खत्री, छतरपुर-रमेश भण्डारी, सीहोर-गणेश शंकर मिश्रा, होशंगाबाद-आशीष सक्सेना, बैतूल-तरूण कुमार पिथौड़े, छिन्दवाड़ा-श्रीनिवास शर्मा, मण्डला-जगदीश चन्द्र जटिया, बालाघाट-दीपक आर्य।
उत्तरप्रदेश के मूल निवासी : बुरहानपुर कलेक्टर उमेश कुमार, उज्जैन-शशांक मिश्रा, आगर-मालवा-अजय गुप्ता, भिण्ड-छोटे सिंह, सीधी-अभिषेक सिंह, सिंगरौली-अनुराग चौधरी, सतना-सत्येन्द्र सिंह, विदिशा-कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नरसिंहपुर-दीपक कुमार सक्सेना, डिंडोरी-सुरभि गुप्ता।
राजस्थान के मूल निवासी :- खरगौन कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड, नीमच-राजीव रंजन मीना, सिवनी-प्रवीण सिंह अढायच। तमिलनाडु के मूल निवासी:- शिवपुरी कलेक्टर अनुग्रह पी., रायसेन-षणमुख प्रिया मिश्रा, हरदा -एस. विश्वनाथन। बिहार के मुल निवासी:- टीकमगढ़-सौरव कुमार सुमन, निवाड़ी-अक्षय कुमार सिंह, राजगढ़-निधि निवेदिता। आंध्रप्रदेश के मुल निवासी:- शाजापुर-श्रीकांत बनोठ और कटनी -केवीएस चौधरी। छत्तीसगढ़ के मुल निवासी:- श्योपुर कलेक्टर बसंत कुर्रे और दमोह-नीरज कुमार सिंह।
कर्नाटक के मूल निवासी:- मन्दसौर धनराजू एस., पश्चिम बंगाल की मूल निवासी:- मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास, झारखंड के मूल निवासी:- अनूपपुर-चन्द्रमोहन ठाकुर, महाराष्ट्र के मूल निवासी:- भोपाल-सुदाम पंढरीनाथ खाडे और उत्तराखंड की मूल निवासी :- जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज है।
- सुनील सिंह