अब क्या करेंगे
18-Jan-2019 06:45 AM 1234819
नए साल के पहले दिन मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पुरी के समुद्र किनारे कुर्सी डाल कर बैठे चिंतन मनन कर रहे थे जिसकी उन्हें इन दिनों सख्त जरूरत भी है। दर्शन शास्त्र के छात्र रहे शिवराज सिंह को समझ आ रहा है राजनीति अनिश्चितताओं का समुच्चय है, जिसमें एक झटके में सारा वैभव छिन जाता है, ठीक वैसे ही जैसे कभी-कभी एक झटके में मिल भी जाता है। लोकतांत्रिक राजनीति में भाग्य ब्रह्मा नहीं बल्कि वोटर लिखता है, यह बात भी उन्हें बीती 11 दिसंबर को समझ आ गई थी जब राज्य में न भाजपा की सरकार रही थी और न वे मुख्यमंत्री रह गए थे। वोटर ने उन्हें खारिज कर दिया था। अब जो करना है उन्हें ही करना है यह बात भी भ्रम ही साबित हो रही है क्योंकि भाजपा में नेता का भविष्य नागपुर से लिखा जाता है। खुद अपनी तरफ से वे केंद्रीय राजनीति में जाने बाबत अनिच्छा जाहिर कर चुके हैं, क्योंकि वहां उनके करने लायक कुछ है नहीं, उनके क्या स्वयं नरेंद्र मोदी के किसी के पास करने को कुछ नहीं है। दिल्ली में शिवराज सिंह की कद काठी के दर्जनों भाजपाई नेताओं की फौज है जो सुबह कुल्ला कर लौन या दफ्तर मैं बैठकर मुलाकातियों को चाय पिलाया करते हैं। इन नेताओं की हालत पर कटे पक्षियों सरीखी है जिनका काम साहब की हां में हां मिलाना होता है, शायद इन्हीं को ध्यान में रखते हुए मिर्जा गालिब काफी पहले कह गए थे कि, बना है साहिब का मुसाहिब फिरे है इतना इतराता, वगरना शहर में गालिब की आबरू क्या है। 13 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह इन मुसाहिबों की फौज का हिस्सा नहीं बनना चाहते तो यह उनकी समझदारी ही है, लेकिन दिक्कत यह है कि अब उनके गृह राज्य के मुसाहिब ही उन्हें साहिब मानने तैयार नहीं, यानि सर्वमान्य तरीके से उन्हें विपक्ष का नेता स्वीकारने तैयार नहीं। जितनी परेशानियां कांग्रेस को कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने में पेश नहीं आईं थीं उससे ज्यादा भाजपा को अपने विधानसभा नेता चुनने में आई। शिवराज सिंह चौहान यह पद चाहते तो थे, लेकिन वोटिंग के जरिये नहीं, वे निर्विरोध चुने जाना चाहते थे, जिससे उनकी साख और रुतबा बना रहे। हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद गोपाल भार्गव को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि अब शिवराज सिंह चौहान की इस प्रदेश में भूमिका क्या होगी। इसमें कोई शक नहीं कि शिवराज सिंह हार के बाद भी लोकप्रिय हैं जिसे बनाए रखने वे हर मुमकिन कोशिश कर भी रहे हैं। इसलिए दिल्ली में वे सभी बड़े मुसाहिबों से मिले और अपने मन की बात कही, अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा शिवराज सिंह के बारे में क्या फैसला लेती है। संभावना इस बात की ज्यादा है कि उन्हें विदिशा लोकसभा सीट से लडऩे मना लिया जाये, जहां से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद हैं और चुनाव लडऩे से मना कर चुकी हैं। हालांकि इस विधानसभा सीट से शिवराज सिंह के चहेते मुकेश टंडन कांग्रेस के शशांक भार्गव के हाथों हार चुके हैं, लेकिन बाकी 4 सीटें भाजपा अच्छे अंतर से जीतने में कामयाब रही है जिससे उसकी उम्मीदें अभी मरी नहीं हैं। भाजपा की ब्राह्मण लाबी नहीं चाहती कि शिवराज सिंह को प्रदेश की राजनीति में अहमियत दी जाये, इस बाबत उसके अपने तर्क भी हैं कि शिवराज सिंह की दलित हिमायती इमेज के चलते भाजपा चौथी बार सत्ता के मुहाने तक आकर फिसल गई। खासतौर से एक वायरल हुये वीडियो को हार का जिम्मेदार बताया जा रहा है जिसमें दलितों के एक कार्यक्रम में शिवराज सिंह पूरी गर्मजोशी से कह रहे हैं कि जब तक वे हैं तब तक कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि कहीं भाजपा जरूरत से ज्यादा कड़ाई से पेश आते शिवराज सिंह को घर न बैठा दे, इसमें आरएसएस की भूमिका अहम होगी जो भाजपा नेताओं की जन्मकुंडली के ग्रह नक्षत्रों की चाल और दशा तय करती है। लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश भाजपा में बड़ी सर्जरी की तैयारी कांग्रेस के हाथों मिली हार के बाद भाजपा में पार्टी नेताओं के बीच अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई है। इसके बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की जगह किसी अन्य को इस पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पार्टी नेतृत्व प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री और सह-संगठन महामंत्री समेत पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को बदले जाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत की भूमिका को लेकर भी पार्टी में पहले ही कई सवाल खड़े हो चुके हैं। वहीं सह-संगठन महामंत्री अतुल राय की विधानसभा चुनाव में भूमिका को लेकर भी कुछ सवाल पार्टी आला कमान तक पहुंचे हैं। ऐसे में पार्टी आलाकामन लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में भाजपा के संगठन को नए सिरे से तैयार करना चाह रहा है। - अरविन्द नारद
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^