03-Jan-2019 08:30 AM
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जब डेमोक्रेट सदन में बहुमत में आ जाएंगे तो उन पर महाभियोग लगाया जा सकता है और वह ऐसा होने को एक वास्तविक संभावना के तौर पर देख रहे हैं। इसकी वजह यह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से विवादों में रहे डोनाल्ड ट्रंप का राजनीतिक और निजी जीवन का हर पहलू अब जांच के दायरे में है। ट्रंप व्हाइट हाउस, प्रचार अभियान और सत्ता हस्तांतरण से लेकर चैरिटी और कारोबार तक की जांच में उलझे हुए हैं। ट्रंप के कार्यकाल के दो साल से भी कम समय में उनके कारोबारी सहयोगियों, राजनीतिक सलाहकारों और परिवार के सदस्यों सभी की जांच की जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ चल रहे मामलों में रॉबर्ट मूलर जांच, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप, ट्रंप की कथित प्रेमिकाओं को धनराशि देने से जुड़े न्यूयॉर्क अभियान-वित्त मामला और ट्रंप की उद्घाटन समिति के वित्त और कार्यों की जांच चल रही है। ये जांच राष्ट्रपति, ट्रंप के परिवार और उनके कारोबारी हितों के लिए खतरा हैं। डेमोक्रेट्स के सदन पर नियंत्रण के बाद यह खतरा और बढ़ेगा ही। वे खुद से जांच शुरू कर सकते हैं और महाभियोग लाने पर भी विचार कर सकते हैं। अगर ट्रंप महाभियोग से बच भी जाते हैं तो डेमोक्रेट्स की जांच उनके लिए सिरदर्द बनेगी।
पश्चिम विंग के अंदर के सहयोगियों का मानना है कि महाभियोग लगाने का एकमात्र मुद्दा जो हो सकता है वह राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान वित्तीय उल्लंघन को लेकर है, जो राष्ट्रपति के पूर्व निजी वकील माइकल कोहेन द्वारा स्टोर्मी डेनियल्स और करेन मैकडॉगल को चुप कराने के लिए भुगतान करने से जुड़ा हुआ है। दोनों महिलाओं ने ट्रंप के साथ प्रेम-प्रसंग होने का आरोप लगाया है। सदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क में अभियोजकों द्वारा बड़ी संख्या में कानूनी दस्तावेज दाखिल किए जाने के बाद से हाल के दिनों में ट्रंप पर महाभियोग चलाए जाने संबंधी चर्चाएं जोर पकड़ रही थीं। इन दस्तावेजों में पहली बार यह आरोप लगाया गया कि ट्रंप के पूर्व वकील माइकल कोहेन ने राष्ट्रपति के निर्देश पर काम किया था जब उन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान कानून तोड़ा था।
बीते कुछ समय में अमेरिका में ऐसे कई घटनाक्रम हुए हैं जिनसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग का खतरा मंडराने लगा है। ट्रंप ने आशंका को भांप लिया है, इसलिए वह स्वयं कहने लगे हैं कि यदि उनके खिलाफ महाभियोग लाया जाता है, तो आर्थिक उथल-पुथल मच जाएगी। उस समय ट्रंप का भय ही बोल रहा था, जब वह एक साक्षात्कार में कह रहे थे कि मैं नहीं जानता कि आप उस शख्स के खिलाफ महाभियोग कैसे ला सकते हैं जिसने बहुत अच्छा काम किया है। यदि मेरे खिलाफ महाभियोग लाया गया, तो बाजार चरमरा जाएगा। सवाल है कि क्या वास्तव में अमेरिका सहित पूरी दुनिया ट्रंप को आर्थिक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी विकासवादी एवं शांतिवादी नेता के रूप में देख रही है जिसके खिलाफ महाभियोग आने से उथल-पुथल मच जाएगी? लगता तो नहीं है कि विश्व कूटनीति में उनका वैसा स्थान हो गया है, जैसा अमेरिका के अन्य राष्ट्रपतियों का था।
ऐसे में ट्रंप जो कह रहे हैं, वह उनके डर की ही अभिव्यक्ति है और ऐसा हो भी क्यों न, जब एक अदालत ट्रंप के पूर्व वकील माइकल कोहेन और चुनाव प्रभारी पॉल मैनफोर्ट को आठ-आठ मामलों में अपराधी ठहरा चुकी है। कोहेन ने अदालत में यह स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने चुनाव अभियान से जुड़े वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया था और उन्हें ऐसा करने के निर्देश ट्रंप ने दिये थे। कोहेन ने पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स और प्लेबॉय मैग्जीन की पूर्व मॉडल कैरन मैकडॉगल को पैसे दिये थे, ताकि स्टॉर्मी ट्रंप के साथ अपने संबंधों पर मुंह न खोलें, अन्यथा चुनाव प्रभावित हो सकते थे। अदालत में कोहेन की स्वीकारोक्ति के बाद अमेरिका में ट्रंप को लेकर माहौल बदल गया है। ज्यादातर लोग उनके खिलाफ हो गये हैं।
फिलहाल इतना ही कहा जा सकता है कि ट्रंप कुछ भी कर सकते हैं, इसलिए दुनिया को उन तमाम पक्षों व संभावनाओं पर विचार करते हुए आगे की राह निर्मित करनी चाहिए जिनमें नए किस्म के युद्धों और उनके फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली आर्थिक मंदी की आशंकाएं निहित हैं। अगर ट्रंप महाभियोग में फंसते हैं, तो वह दुनिया के किसी भी कोने में युद्ध की शुरुआत कर सकते हैं। आशंका है कि वह ईरान को निशाने पर ले लेंगे।
- संजय शुक्ला