टारगेट पर सफेदपोश
01-Jan-2019 10:18 AM 1234841
किसी जमाने में बिहार में राजनीति के अपराधीकरण पर काफी हो हल्ला मचा था। यह कहा जाने लगा था कि राजनीति में आपराधिक प्रवृति के लोगों का प्रवेश होने लगा है जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिये शुभ संकेत नहीं है। दरअसल ये वह दौर था जब नेताओं को मदद करने वाले आपराधिक प्रवृति के लोगों का राजनीति में पदार्पण होने लगा था लेकिन जल्द ही राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर छिड़ी बहस और न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद इसमें काफी हद तक सुधार आया। हाल के महीनों की बात कर लें तो सूबे में राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। नेताओं की हत्या की शुरूआत इसी साल पटना में हुई थी जब 12 मई को राजद नेता दीनानाथ सहनी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसी साल 6 जुलाई को नवादा में राजद नेता कैलाश पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई तो 16 जुलाई को सीवान में रालोसपा के संजय साह को अपराधियों ने गोली से छलनी कर दिया। अगस्त महीने की 13 तारीख को वैशाली में रासोलपा के ही मनीष सहनी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। अगस्त महीने की 27 तारीख को भोजपुर में माले नेता रमाकांत राम की गोली मारकर हत्या की गई तो 14 सितंबर को गोपालगंज में जेडीयू के नेता उपेन्द्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिहार के ही मुजफ्फरपुर में वहां के पूर्व मेयर समीर कुमार जो कि कांग्रेस के नेता भी थे कि 24 सितंबर को गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीति में उबाल ही आया था कि पटना में ही 14 नवंबर को रालोसपा के नेता अमित भूषण की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नवंबर में ही 30 तारीख को प्रमोद कुशवाहा की हत्या कर दी गई वो रालोसपा के पूर्वी चंपारण के नेता थे। अपराधियों की गोली का शिकार बने नेताओं की लिस्ट काफी लंबी है लेकिन हम आपको कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बता रहे है जिससे प्रशासनिक अमले की चूल हिल गई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सूबे में गिरती कानून-व्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर शाही ने कहा कि आए दिन हो रही हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाओं से पूरा प्रदेश दहशत में है। राजधानी पटना में पुलिसकर्मी की हत्या और वकील की हत्या ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार का सुशासन का दावा पूरी तरह फेल हो चुका है। उन्होंने सरकार से गिरती कानून व्यवस्था पर जल्द से जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल ने कहा कि जिस तरह से हाल के दिनों में रेप की घटनाएं बढ़ी हैं, उससे साफ पता चलता है कि अपराधियों को जरा भी कानून का भय नहीं रहा। उधर एनडीए में सहयोगी जहांनाबाद सांसद अरुण सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से अराजकता का माहौल कायम हो गया है, उसमें मेरी भी हत्या हो सकती है। ऐसे में बिगड़े हुए हालात को देखते हुए बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू कर देनी चाहिए। हालांकि सत्ता में साझेदार बीजेपी ने सरकार का बचाव किया है। प्रदेश प्रवक्ता अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं कोई घटना होती है तो इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, जेडीयू ने कहा कि पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही है। जहां कहीं भी अपराध होता है, अपराधियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने बाढ़ में महिला के साथ हुए दुष्कर्म के संबंध में कहा कि सामाजिक अपराध करने वाले अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, उसे सख्त सजा दिलाने के लिए अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। - विनोद बक्सरी
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