19-Nov-2018 09:10 AM
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राजस्थान के बाद अब मध्यप्रदेश में जीका वायरस का आतंक फैल रहा है। राज्य में लगातार इसके नए मामले सामने आ रहे हैं। राजधानी भोपाल में 24 नए मामले सामने आए हैं। कुल मिलाकर पूरे राज्य में अब तक 50 मामले सामने आ चुके हैं। केवल एक दिन में 50 जीका संक्रमित मामले सामने आने की वजह से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। विभाग ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है।
भोपाल के अलावा विदिशा, सीहोर और सागर जीका से प्रभावित जिले हैं। इसके अलावा सभी जिलों में जीका वायरस से लेकर बुखार तक के मरीजों और लार्वा का सर्वे किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं का अलग से सर्वे हो रहा है। भोपाल में हो रहे सर्वे में रोजाना लगभग 80 गर्भवती महिलाएं मिल रही हैं। इतनी ही संख्या में महिलाएं मिलीं।
जीका वायरस जानलेवा वायरस है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह सबसे ज्यादा घातक होता है। भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि जीका वायरस से पीडि़त महिलाओं में गर्भधारण की अवधि के दौरान कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। अब तक राजस्थान, गुजरात और दिल्ली में इस वायरस से संक्रमित कई मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसी आशंका है कि यह कुछ और राज्यों में फैल सकता है। मध्य प्रदेश में जीका वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। राज्य के चार जिलों में पहली बार जीका वायरस के नए मामले सामने आए हैं। राज्य में अब तक इस संक्रमण से 31 लोग ग्रसित हो चुके हैं। मध्य प्रदेश के चार जिलो में जीका वायरस ने अपने पैर फैलाना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार चौकन्नी है, लेकिन सरकार इसे रोकने में नाकामियाब हो रही है। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक की और अधिकारियों को इस संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया। राज्य में लगातार फैल रही इस बीमारी को लेकर लगातार आंकड़े बताए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने भोपाल में 7 मरीज, 12 विदिशा और सीहोर में कंफर्म किया है।
भोपाल के मरीजों में एक गर्भवती भी है शुक्रवार को प्रदेश में इस बीमारी से पीडि़त 3 नए मरीज मिले हैं। इनमें दो भोपाल और एक सागर के हैं। भोपाल के मरीजों में एक गर्भवती भी है। भोपाल एम्स में हुई जांच में इन मरीजों के रिपोर्ट पॉजिटिव आएं हैं। अंतिम जांच के लिए इनके सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे भेजे गए हैं। वहीं इस जीका वायरस की वजह से एक युवती के मौत की जानकारी भी सामने आई है।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। वहीं गर्भवती महिला में जीका वायरस की पुष्टि से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। इसकी वजह यह है कि जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिला को रहता है। जीका वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने शहर में सर्वे के लिए 124 टीमें लगाई हैं। इस टीम ने 5170 घरों का सर्वे किया, जिसमें 222 घरों में लार्वा पाया गया है।
गुजरात, राजस्थान और तमिलनाडु के बाद मध्यप्रदेश में भी जीका वायरस से पीडि़त मरीज मिलने की सूचनाओं के बाद राज्य सरकार भी चौकन्ना हो गयी है। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में इसकी समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।
स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. हिमांशु जायसवार ने बताया कि इस वायरस से पीडि़त मरीज में वायरल बुखार जैसे लक्षण ही पाए जाते हैं, लेकिन इसके साथ ही उसकी आंखों में लालिमा के साथ संक्रमण हो जाता है। हालांकि इसका इलाज भी है और उचित उपचार की स्थिति में मरीज एक सप्ताह में ठीक हो जाता है।
डॉ. जायसवार ने बताया कि भोपाल, सीहोर, विदिशा और सागर जिले में अभी तक जीका वायरस से प्रभावित 85 मरीज मिले हैं। इनमें कुछ गर्भवती महिलाएं भी शामिल है। इन सभी का इलाज किया जा रहा है। जीका वायरस फैलने का मुख्य कारण एडीज मच्छर है और प्रभावित इलाकों में मच्छरों और लार्वा नष्ट करने के अभियान पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
कैसे फैलता है
जीका वायरस
जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने पर फैलता है। गर्भवती महिला से शिशु को फैलता है। यौन संपर्क की वजह से और संक्रमित खून से ये वायरस फैलता है। जीका वायरस के पीडि़त मरीज को बुखार, शरीर में चकत्ते, आंखों के पिछले हिस्से, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, आंखे लाल होना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। जीका वायरस का सबसे पहला मामला गुजरात का गौरतलब है कि देश में जीका वायरस का सबसे पहला मामला गुजरात के अहमदाबाद में फरवरी साल 2017 में सामने आया था। उसके बाद दूसरा मामला तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में जुलाई 2017 में सामने आया था।
- सुनील सिंह