पैकेज का दर्द
02-Nov-2018 06:30 AM 1234795
मध्य प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड अंचल का सियासी मिजाज कुछ बदला हुआ है। कांग्रेस को बुंदेलखंड पैकेज याद आ रहा है, तो बीजेपी विकास का राग अलाप रही है। मौका चुनावी है, तो भ्रष्टाचार का मुद्दा भी गूंजने लगा है। बुंदेलखंड की राजनीति में बीजेपी, कांग्रेस और बसपा ने सक्रियता बढ़ा दी है। इस अंचल से आने वाले सरकार के पांच मंत्री ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है तो कांग्रेस के दिग्गजों ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी की लहर ने कईयों की नई पार लगाई थी, लेकिन अब हवा भी बदली है और मुद्दे भी। ऐसे में बुंदेलखंड में भ्रष्टाचार भी सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। बुंदेलखंड में भ्रष्टाचार का मुद्दा गरमाने लगा है। मौजूदा कई विधायकों की स्थिति भी ठीक नहीं है। विकास को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हैं। बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दे का जनक कांग्रेस को बता रही है। बुंदेलखंड की 26 सीटों पर सभी सियासी पार्टियों की नजर है। कांग्रेस, बीजेपी या फिर बसपा। सभी सियासी पार्टियों के अपने-अपने मुद्दे हैं। बुंदेलखंड की सियासत किस करवट बैठेगी, ये तो जनता को तय करना है। भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है और सूखा, बेरोजगारी, पानी, उद्योग धंधे, पलायन, शिक्षा, चिकित्सा समेत जनता से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं के मुद्दे भी निकलकर सामने आ रहे हैं। कांग्रेस ने 2008 में यूपीए सरकार के 3860 करोड़ के विशेष पैकेज में 80 फीसदी से ज्यादा भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि मुख्य तकनीकी परीक्षक विजिलेंस की जांच में बुंदेलखंड पैकेज की राशि में बड़े पैमाने में गड़बड़ी उजागर हुई थी। कांग्रेस शुरू से हजारों करोड़ रुपए के बंदरबांट का आरोप बीजेपी के नेताओं पर लगा रही है। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष भानू सहाय कहते हैं कि बुंदेलखंड पैकेज से ठेकेदारों, अफसरों और नेताओं का भला हुआ। यहां किसान खुदकुशी करते रहे और भूखे मरते रहे। बुंदेलखंड के किसानों की तस्वीर और तकदीर नहीं बदली। पैकेज के तहत जितनी धनराशि दी गई थी उससे पूरे बुंदेलखंड की तकदीर बदली जा सकती थी। अब एक बार फिर से पैकेज की मांग की जा रही है। पहले बसपा-सपा के ठेकेदारों ने पैकेज के नाम पर जनता का रुपया लूटा और अब भाजपा के ठेकेदारों के लिए पैकेज की मांग की गई है। बुंदेलखंड को पैकेज नहीं, पृथक राज्य चाहिए। इस मसले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि पैकेज के तहत व्यवहारिक काम होने चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार ने बेहतरीन काम करके दिखाया है। आज बुंदेलखंड, एक ऐसा शब्द जो राजनीति और राजनीतिक रोटी सेंकने वालों के लिए जीता जागता मुद्दा। करोड़ों अरबों के पैकेज देने के चुनावी वादे हों या मूलभूत सुविधाओं को प्रदान करने की बात, हर जगह बुंदेलखंड को प्राथमिकता देने का भरपूर राजनीतिक प्रयास किया जाता है और किया जाता रहा है। इन सबके बीच बुंदेलियों के दिलों में कभी अलग बुंदेलखंड राज्य की सुलगती चिंगारी को हवा देकर राजनीति की बिसात पर शह मात का खेल खेलने वाली कूटनीतिक रणनीति। मतलब साफ है कि जो दल पृथक बुंदेलखंड राज्य की बात करेगा उसका विरोध करते हुए विपक्षी दल उसे झूठा करार देगा और फिर वही विपक्षी दल खुद सत्ता में आने के लिए पृथक बुंदेलखंड राज्य के मुद्दे का राग अलापना शुरू कर देता है, यही होता आया है देश की दो बड़ी धुर विरोधी पार्टियों बीजेपी व कांग्रेस के द्वारा। -सिद्धार्थ पांडे
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^