हार नहीं मानूंगा!
17-Sep-2018 07:39 AM 1234916
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जिस तरह से सत्ता में आए थे वो किसी फिल्म की तरह था। कई वादे भी किए गए थे और बहुत ही फिल्मी अंदाज में केजरीवाल ने मोहल्ला क्लीनिक से लेकर नायक फिल्म की तरह पब्लिक की फरियाद सुनने की स्कीम बनाई थी, भले ही पब्लिक की स्कीम पूरी न हो पाई हो और जनता दरबार फ्लॉप हो गया हो, लेकिन केजरीवाल सरकार ने हार नहीं मानी और अब इतने समय बाद एक नई स्कीम के साथ आए हैं। करप्शन कम करने की अपनी पहल में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली वालों को आखिरकार उनकी पब्लिक हेल्पलाइन दे दी जिसकी मदद से अब घर बैठे सरकारी काम हो जाएंगे। दिल्ली में पब्लिक सर्विस की होम डिलिवरी शुरू हो गई है। पर पहले ही दिन इस स्कीम ने लोगों को परेशान कर दिया है। अब सोचने वाली बात ये है कि क्या ये स्कीम डॉमिनोज की तरह होम डिलिवरी को सफल बना पाएगी। इस स्कीम के अंदर दिल्ली वाले 40 से ज्यादा सरकारी सर्विसेज जैसे कास्ट सर्टिफिकेट, लर्निंग और परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का ट्रांसफर, या रजिस्ट्रेशन में ऐड्रेस या नाम बदलवाना, नए सीवर या पानी के कनेक्शन लेना, नए राशन कार्ड लेना, पेंशन स्कीम आदि सब काम घर पर ही हो जाएगा और दिल्ली वालों को इसके लिए लंबी लाइनों में नहीं लगना होगा। इस स्कीम के तहत दिल्ली वालों को कॉल सेंटर पर 1076 पर कॉल करना होगा। ये हफ्ते के सातों दिन किया जा सकता है। कॉल सेंटर वाले आपको बताएंगे कि कौन से दस्तावेज तैयार रखने हैं। अगर दस्तावेज तैयार हैं तो अपॉइंटमेंट फिक्स कर लीजिए। एक मोबाइल सहायक आपके घर तय समय पर पहुंचेगा। एप्लिकेशन फॉर्म भरवाएगा और डॉक्युमेंट्स साइन करवाएगा। इसमें बायोमेट्रिक जांच भी होगी। इसके बाद, ई-रिसिप्ट की जाएगी जिसके लिए 50 रुपए फीस जमा करनी होगी। ऐसे में एप्लिकेशन संबंधित डिपार्टमेंट तक पहुंच जाएगी। जो भी मोबाइल सहायक आपके घर आएगा वो पुलिस वेरिफिकेशन के बाद ही चुना जाएगा और हर मोबाइल सहायक कंट्रोल रूम द्वारा ट्रैक किया जाएगा। हालांकि, केजरीवाल सरकार के मुताबिक 50 हेल्पलाइन की जगह 120 हो जाएंगी दूसरे दिन से, लेकिन जिस तरह का दिल्ली वालों का रिस्पॉन्स रहा ये भी नाकाफी ही साबित होंगी। 21000 कॉल्स के लिए 120 हेल्पलाइन कम ही हैं और केजरीवाल सरकार कह रही है कि दो महीने में इसमें 100 सर्विसेज शुरू हो जाएंगी, ऐसे में मुश्किल और बढ़ सकती है। अभी सरकार ने इसमें 40 सर्विस जोड़ी हैं और अगले 2 महीने में 60 सर्विस जोड़ी जा सकती है। अरविंद केजरीवाल ने इस सर्विस को लॉन्च करते समय कहा कि इससे दिल्ली वालों को बहुत सहूलियत होगी और उनका समय बचेगा। जरूर दिल्ली वालों को सहूलियत होगी और जरूर इस तरह की सर्विस काफी उपयोगी साबित होगी अगर सही तरह से लागू की गई तो। दिल्ली सरकार की ये स्कीम लागू होने के बाद क्या ये ठीक तरह से चल पाएगी। इस स्कीम के तहत दिल्ली सरकार को सबसे पहले ये सुनिश्चित करना होगा कि लोगों की कॉल ज्यादा से ज्यादा सुनी जाए। सीएम केजरीवाल ने ये वादा तो कर दिया कि दिल्ली वालों को अब लाइन में लगना नहीं पड़ेगा, लेकिन ये नहीं सोचा कि अब उन्हें टेलिफोन की कॉल वेटिंग में लगना होगा। केजरीवाल सरकार सही मायनों में 2015 में ही सत्ता में आई थी जब दिल्ली वालों ने केजरीवाल पर दूसरी बार भरोसा जताया था और तीन साल में केजरी सरकार ने कई स्कीम लागू की है और कई में वो फेल हुए है। एक लोकल सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि 62 प्रतिशत लोग ये मानते हैं कि केजरीवाल सरकार अपने वादे पूरे करने और काम करने में सफल नहीं हो पाई। पावर सब्सिडी, 8000 क्लासरूम (जिसमें टीचर्स को खास ट्रेनिंग दी जानी थी और प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने नहीं दी।), मजदूरों की तन्ख्वाह, पेंशन, मुआवजे और फ्री 20 किलोलीटर पानी वाली स्कीम को छोड़कर सभी स्कीम में कहीं न कहीं कमी रह गई है। - बिन्दु माथुर
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