गरीबों के लिए संजीवनी
04-Sep-2018 10:30 AM 1234798
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत गरीबों के साथ ही आमजन के लिए संजीवनी बनकर सामने आ रही है। इस योजना से तकरीबन 55 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को 25 सितंबर से शुरू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने आयुष्मान भारत को लेकर सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, साथ ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के क्रियान्वयन को लेकर भी काम शुरू हो गया है। योजना के तहत, 94 आईटी कंट्रोल उपलब्ध कराये गये हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े निजी आंकड़ों की सुरक्षा और उसके भंडारण के संबंध में ऐसी व्यवस्था की गई है किसी भी व्यक्ति की मंजूरी के बिना उसका डेटा साझा नहीं किया जाएगा। योजना के लाभार्थी को एक-एक कार्ड जारी किया जाएगा ताकि उसे सालाना पांच लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा लेने में कोई दिक्कत न हो। योजना में शामिल मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के पहले एवं डिस्चार्ज होने के बाद खर्च खुद वहन नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही अस्पताल में आने जाने के लिए परिवहन भत्ता भी दिया जाएगा। इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी इलाज करा सकेगा। कैंसर से पीडि़त मरीजों को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का फायदा उठाने के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होगी। गत दिनों जारी दिशा-निर्देश में यह स्पष्ट कहा गया है कि कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। 25 सितंबर को इस स्कीम को लॉन्च किया जाना है और उससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने धोखाधड़ी विरोधी दिशा-निर्देश (ऐंटी-फ्रॉड गाइडलाइंस) के साथ-साथ जानकारियों की गोपनीयता (डेटा प्रिवेसी) तथा सूचना सुरक्षा नीति (इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी पॉलिसी) जारी कर दी। आयुष्मान भारत के डेप्युटी चीफ एग्जिक्युटिव दिनेश अरोड़ा ने बताया, हमने ट्यूमर बोर्ड गाइडलाइंस अपनाया है, लिहाजा कैंसर के मरीज बिना अस्पताल में भर्ती हुए 5 लाख रुपये तक का फायदा उठा सकते हैं। इसमें कीमोथेरपी, दवाइयां और जांच के खर्च भी कवर किए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, योजना के तहत उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं में 1,300 से ज्यादा प्रसीजर शामिल होंगे जिनमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की प्रक्रियाएं भी शामिल होंगी। साथ ही, बीमारियों के निदान और दवाइयों आदि को भी इसमें समाहित किया गया है। लाभार्थियों को योजना के तहत आने वाले देशभर के अस्पतालों में इलाज करवाने की छूट होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मेगा इंश्योरेंस स्कीम का लोगों भी जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को रजिस्ट्रेशन करवाने और आयुष्मान भारत योजना में शामिल अस्पतालों की सेवाओं के लिए पेमेंट करने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने फर्जी वेबसाइटों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एजेंटों ने लाभार्थियों से पैसे ऐंठने की कोशिश की या वेबसाइटों के जरिए फ्रॉड किया तो आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। पैनल में शामिल हरेक चिकित्सा सुविधा प्रदाता संस्थान में आरोग्य मित्र प्रतिनियुक्त किए जाएंगे जो लाभार्थियों की पहचान की पुष्टि, शिकायतों का समाधान आदि की जिम्मेदारी निभाएंगे। इसके लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच गत दिनों हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत एक लाख आरोग्य मित्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहली बार आर्थिक आधार पर लागू होने वाली योजना देश के करीब 50 करोड़ गरीब लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इस योजना का खाका तैयार किया है। स्कीम का लाभ लेने वाले परिवारों का चयन आर्थिक आधार पर होगा जिनका देश के चुने हुए प्राइवेट अस्पतालों में भी फ्री इलाज हो सकेगा। आयुष्मान भारत योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा और सीनियर सिटीजन इंश्योरेंस स्कीम का स्थान लेगी। मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में अब तक गरीब परिवारों को 30 हजार रुपये का सलाना कवरेज ही मिलता आया है लेकिन अब ये 5 लाख रूपये होगा। इस स्कीम के लिए सरकार ने 85 हजार 217 करोड़ की राशि अलॉट की है। यह राशि 31 मार्च 2020 तक के लिये होगी। अभी तक की जानकारी के मुताबिक इस योजना पर खर्च होने वाली राशि का 60 फीसदी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी। - राजेश बोरकर
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