04-Sep-2018 08:56 AM
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मप्र में कांग्रेस इस बार हर हाल में सरकार बनाना चाहती है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दावा किया है कि अगले महीने के पहले पखवाड़े में 80 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी। दरअसल कांग्रेस पार्टी में हर बार टिकट को लेकर मचने वाली हाय-तौबा और बगावत को देखते हुए ऐसा करने की सोच रही है। क्योंकि पिछले दो विधानसभा चुनाव में यह देखने को मिला है कि पार्टी में बड़ी संख्या में नेता टिकट न मिलने पर बागी हो जाते हैं।
इस बार भी पार्टी में टिकट को लेकर टशन देखने को मिल रहा है। पार्टी के नेताओं को लग रहा है कि इस बार सत्ता में वापसी हो सकती है। इसलिए वे भोपाल से लेकर दिल्ली तक टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। भाजपा में टिकट के लिए मारामारी इस हद तक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करीब 32 सौ से अधिक लोगों ने टिकट की दावेदारी की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इसे लोकप्रियता मान रहे हैं, लेकिन टिकट के दावेदारों की फौज ने रणनीतिकारों का गणित बिगाड़ दिया है। इसलिए अब टिकट फाइनल करने से पहले मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है। दावेदारों को भी कहा गया है कि वे
आपस में बैठकर एक नाम पर सहमति बना सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि मप्र में स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री और सदस्यों के बीच उन 130 विधानसभा सीटों में सहमति बन चुकी है, जहां बड़े नेता दावेदार हैं या फिर, दो-चार नाम ही आए हैं। कमेटी को अब उन एक सैकड़ा सीटों में दिक्कत हो रही है, जहां दावेदारों की फौज खड़ी है। इस कारण पैनल बनाने से पहले ही दावेदारों का मान-मनौव्वल हो रहा है, ताकि बाद में गदर की स्थिति न बने। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर करीब 3200 से अधिक नेताओं ने टिकट की दावेदारी की है। इससे आलाकमान भी असमंजश में पड़ गया है। सूत्र बताते हैं कि टिकट दावेदारों की भीड़ से पार्टी को बगावत का डर सता रहा है। इसलिए टिकट फाइनल करने से पहले मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो गया है।
पार्टी के बड़े नेताओं को कहा गया है कि वे अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में दावेदारों से जीतने वाले दावेदार को टिकट दिलाने के लिए अन्य दावेदारों को मनाएं। दरअसल, कांग्रेस हाईकमान, सेंट्रल स्क्रीनिंग कमेटी और स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी इस बार टिकट वितरण के बाद पार्टी का माहौल खराब हो, यह बिल्कुल भी नहीं चाहते। इस कारण वरिष्ठ नेताओं को जहां भी पेंच ढीले लग रहे, उसे कसने में लगे हैं। एक तरफ पार्टी में टिकट को लेकर मारामारी है, वहीं दूसरी तरफ स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी में लगभग तीन दर्जन से अधिक विधायकों को फिर से टिकट देने पर सहमति बनी है। शेष सीटों पर चर्चा ही नहीं हुई, क्योंकि दावेदारों की सूची देखकर यह फैसला लिया गया कि पहले मान-मनौव्वल करके सूची छोटी की जाए। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की कोशिश है कि इस बार आपसी सहमति से टिकट वितरण हो। यही नहीं दावेदार खुद अपना नाम वापस ले लें।
उधर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश के किसी भी नेता को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया है। इसका लाभ उठाकर कांग्रेस के बड़े नेता जनता के सामने चुनावी वादों की बौछार लगा कर अपने आपको मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने में लग गए हैं। कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र आने से पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जनता से लुभावने वादे कर रहे हैं। जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सोशल मीडिया के जरिए राज्य की शिवराज सिंह चौहान की सरकार को घेरने में आगे चल रहे हैं। कांग्रेस की राजनीति को नजदीक से जानने वालों का कहना है कि यह सारी कवायद नेता अपनी साख जमाने के लिए कर रहे हैं। इससे पार्टी पर विपरीत असर पड़ रहा है।
चुनावी घोषणा पत्र नहीं वचन पत्र जारी करेगी कांग्रेस
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस घोषणा पत्र के स्थान पर वचन पत्र जारी करेगी। कमलनाथ कहते हैं कि हम सरकार में आने पर जनता के लिए जो बेहतर कर सकते हैं, उनका वचन दिया जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि वादे तो कई किए जा सकते हैं, लेकिन हमारा यकीन करने में है। इस कारण चुनाव घोषणा पत्र को वचन पत्र का नाम दिया गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। समिति के संयोजक पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहाटा हैं। समिति में राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन भी हैं। चुनाव घोषणा पत्र समिति ने अभी मुद्दों को अंतिम रूप नहीं दिया है। लेकिन, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने उन मुद्दों को सार्वजनिक कर दिया है, जिन्हें लेकर वह चुनाव मैदान में जा रही है। चुनाव की विधिवत घोषणा के पहले ही कमलनाथ ने घोषणा की है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आने पर पेट्रोल प्रति लीटर पांच रुपए और डीजल तीन रुपए प्रति लीटर तक सस्ता किया जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि इसके लिए वैट की दरों में कमी लाई जाएगी।
- अरविंद नारद