04-Sep-2018 08:20 AM
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प्र सहित राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव समय पर होंगे। चुनाव तिथि की घोषणा में दीपावली और उसके आसपास के त्योहारों का ध्यान रखा जाएगा। यह संकेत दिया है मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने। चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में भोपाल आए रावत ने दो दिन मंथन करने के बाद मीडिया से कहा, कि मप्र में चुनाव की तैयारी से वे संतुष्ट हैं। चुनाव के लिए तमाम अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम काम करेगा। यानी आयोग इस बार एक नए और व्यवस्थित ढंग से चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है।
मप्र कैडर के आईएएस अधिकारी रहे रावत ने वन नेशन-वन इलेक्शन की बात को अच्छा तो बताया, मगर यह भी कहा कि फिलहाल लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराना इसलिए संभव नहीं है क्योंकि न तो पर्याप्त संख्या में मशीनें उपलब्ध हैं और न ही साधन-संसाधन हैं। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक साथ चुनाव कराने से पहले संविधान में आवश्यक संशोधन करना होंगे और जनप्रतिनिधित्व कानून में भी बदलाव जरूरी रहेंगे अन्यथा इस तरह के निर्णय को अदालती चुनौती बड़ी आसानी से मिल जाएगी। रावत ने यह भी कहा कि वैसे तो तीन साल पहले यानी 2015 में चुनाव आयोग अपने सुझाव एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दे चुका है।
उनका कहना है कि अभी हम विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। ईवीएम को लेकर विपक्ष के सवालों पर रावत का कहना है कि ये मशीनें चीन-जापान में नहीं, देश की सरकारी कंपनियों में तैयार की गई हैं। गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। रावत ने कहा, मतदान केंद्र के बाहर आयोग की ओर से मतदाता सुविधा केंद्र खोले जाएंगे। राजनीतिक दलों की मांग पर आयोग अब अपने स्तर पर इन्हें खोलेगा। फेसिलिटेटर आब्र्जवर नियुक्त होंगे, जो मतदान केन्द्रों और मतदाताओं की सुविधा के संबंध में निगरानी करेंगे।
मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह आयोग की नजर में है। राजगढ़ एसपी सिमाला प्रसाद द्वारा जनआशीर्वाद यात्रा के फोटो को ट्वीट किए जाने पर उन्होंने कहा, यह मामला आयोग के संज्ञान में है। इस यात्रा को जो सपोर्ट करेंगे अथवा जो भी गतिविधियां होगी और आयोग को पता चलेगा तो देखेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल पर निगरानी के लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और खजुराहो एयरपोर्ट पर इंटलीजेंस तैनात किए जाएंगे। वह नकदी व सामग्री पर नजर रखेगी। हर विधानसभा क्षेत्र में वस्तु और राशि बांटने पर निगरानी के लिए 3-3 उडऩ दस्ते और इतनी ही सर्विलांस टीम तैनात होगी। लेन-देन को लेकर इलेक्ट्रॉनिक मानीटरिंग सिस्टम तैयार किया है। 2013 और उसके बाद के चुनावों में जब्त राशि आयकर विभाग ने राजसात कर ली है। ऐसे 17 मामले सामने आए थे। 62 प्रतिशत आरोपियों को सजा मिली है। रावत ने आयकर-ईडी अधिकारियों के साथ बैठक भी की। फर्जी मतदाता को लेकर जो शिकायत आईं थी उनकी जांच में पता चला है कि दरअसल, ये मतदाता बोगस नहीं, बल्कि डुप्लीकेट वोटर थे। रावत ने कहा कि आयोग मल्टीपल वोटर्स के नाम हटाने का काम तेजी से चल रहा है। आयोग राजनीतिक पार्टियों की हर तरह की समस्या को हल करेगा।
रावत ने बताया कि इस बार चुनावी राज्य इस बार चुनाव ड्यूटी में तैनात तमाम कर्मचारियों व अधिकारियों के इलाज की कैशलेस व्यवस्था करेंगे। तनाव या अन्य किसी के कारण बीमारी या मौत नहीं होनी चाहिए।
450 अफसर कर रहे हैं कर्मचारियों को प्रशिक्षित
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत का स्पष्ट कहना है कि ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों में कोई दिक्कत नहीं है, सिर्फ कई जगह निर्वाचन में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही और गलती से शिकायतें आती हैं। अब आयोग जहां निर्वाचन से जुड़े सभी कर्मचारियों को मशीनों के इस्तेमाल को लेकर प्रशिक्षित करने में जुटा है वहीं 450 अफसरों को आयोग ने प्रशिक्षित किया, जो अब देशभर में घूमकर सभी राज्यों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। रावत का स्पष्ट कहना है कि मशीनों को लेकर किसी भी राजनीतिक दल को कोई संदेह हो तो उसे दूर करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। दरअसल समस्या मशीनों की बजाय चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की लापरवाही से ज्यादा है, जो इन मशीनों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते। यही कारण है कि अब आयोग इन मशीनों का विधिवत प्रशिक्षण भी दे रहा है और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी कहा है कि वे इन मशीनों की पूरी कार्यप्रणाली को बेहतर तरीके से समझ लें।
- विशाल गर्ग