छोटे चुनाव के बड़े परिणाम
18-Aug-2018 10:21 AM 1234824
मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की सत्ता पर बीते 15 साल से काबिज बीजेपी को राज्य में 14 नगरपालिकाओं में पार्षद पद के लिए हुए उपचुनाव में करारी हार हुई है और कांग्रेस के सबसे ज्यादा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। 7 अगस्त को 14 नगरपालिकाओं के वार्ड के लिए घोषित उपचुनाव के नतीजों में 14 नगरपालिकाओं में से 9 में कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं, जबकि बीजेपी के सिर्फ 4 उम्मीदवार ही जीत पाए हैं। वहीं एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को निर्विरोध जीत हासिल हुई है। ये चुनाव भले ही छोटे थे, लेकिन इसके परिणाम बड़े हैं। इससे कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है। भोपाल बैरसिया नगर पालिका वार्ड नं. 13 उपचुनाव कांग्रेस की भाग्यश्री चंचल खत्री ने भाजपा के राधेश्याम शिल्पकार को 598 वोट से हराया। कांग्रेस की भाग्यश्री चंचल खत्री को 767 वोट और राधेश्याम शिल्पकार को 169 वोट मिले। ग्वालियर, डबरा नगर पालिका पार्षद उपचुनाव में कांग्रेस की रानी रावत ने 22 मतों से जीत हासिल की है। रानी रावत को 1102 भाजपा की अनीता प्रजापति को 1080 मत मिले। नीमच सरवानिया महाराज नगर परिषद के वार्ड उपचुनाव में कांग्रेस 2 मतों से विजय हुईं। मंदसौर शामगढ़ उप चुनाव वार्ड 1 में भाजपा के दिलीप प्रजापति 48 मतों से विजय हुए। सिंगरौली में नगर निगम वार्ड 35 में कांग्रेस को 251 वोट तथा भाजपा को 201 वोट प्राप्त हुए। इसमें कांग्रेस ने 50 वोटों से जीत हासिल की। इसी तरह अनूपपुर-बिजुरी में भाजपा प्रत्याशी संजय कोल 52 मतों से विजयी हुए। सतना नगर निगम वार्ड क्रमांक 10 के चुनाव में भी कांग्रेस ने 940 वोटों से जीत हासिल की है। इंदौर की प्रतिष्ठित सीट राऊ विधानसभा क्षेत्र में जिला पंचायत के वार्ड 3 का नतीजा सबसे चौंकाने वाला आया है। यहां उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जीतू ठाकुर 2294 वोट से जीते। तमाम बड़े नेताओं और संगठन की मजबूत ताकत के बावजूद राऊ विधानसभा क्षेत्र के जिला पंचायत वार्ड 3 के उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां पूर्व विधायक जीतू जिराती, पूर्व महापौर मधु वर्मा, कविता पाटीदार, गोपालसिंह चौधरी, रवि रावलिया, जिलाध्यक्ष अशोक सोमानी, देवराजसिंह परिहार, रमेश मेंदोला और आकाश विजयवर्गीय यहां भाजपा की जीत के लिए दम लगाए हुए थे। इसके पहले भी होशंगाबाद जिले के पंचमढ़ी कॉन्टोनमेंट बोर्ड में हुए चुनाव के नतीजे भी कांग्रेस के पक्ष में रहे थे। पार्टी ने सात में से छह सीटें जीत ली थीं। पार्टी के लिए इन छोटी-छोटी जीत के बड़े मायने हैं, क्योंकि कांग्रेस इस राज्य में 2003 से लौटने के सपने देख रही है। ये जीत अक्टूबर-नवंबर महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस के लिए खुश होने वाली खबर है। वहीं, जाहिर सी बात है कि लगातार उपचुनावों में हार रही बीजेपी के लिए ये चिंता की बात है क्योंकि सिर्फ विधानसभा ही नहीं बल्कि लोकसभा के लिहाज से भी ये बहुत बड़ा राज्य है। ऊपर से सूब पर लंबे समय तक पार्टी की पकड़ रही है। नतीजों के बाद कांग्रेस गदगद है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने उपचुनाव के नतीजों के बाद ट्वीट कर सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनकी जनआशीर्वाद यात्रा पर कटाक्ष किया है। कमलनाथ ने ट्वीट किया और लिखा कि प्रदेश के आए नतीजों में नगर पालिका व पंचायत चुनाव में कांग्रेस को मिली अभूतपूर्व सफलता की सभी कांग्रेसजनों को बधाई व जनता का आभार। जनआशीर्वाद यात्रा की जमीनी सच्चाई एवं डमरू की हकीकत इस परिणाम से प्रदेशवासियों के सामने आ गई है। उपचुनाव के नतीजों पर बीजेपी का कहना है कि ये बेहद छोटे स्तर के चुनाव होते हैं, जिसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा। मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय के मुताबिक स्थानीय निकाय के जो चुनाव हुए हैं वो पार्षदों के होते हैं और उसमें आपसी संबंध और स्थानीय मुद्दे होते हैं। इसका राजनीतिक रूप से कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन फिर भी बीजेपी जिन जगहों पर हारी है वहां की समीक्षा की जाएगी। कमलनाथ के ट्वीट पर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस खुद को भुलावे में रखना चाहे तो रख सकती है। कांग्रेस ने बताया जनता का सर्वे मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने नगर पालिका और पंचायत चुनाव के नतीजों को जनता का सर्वे बताया है। नाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कहा, इसके पहले पचमढ़ी में भी इसी तरह थोक जीत मिली थी। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश को परिवहन और शहरी विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री के नाते मेरे द्वारा जितनी राशि दी गई, वह न तो उसके पहले कभी मिली थी और न ही बाद में अब तक मिली है। छिंदवाड़ा के लिए जो राशि दी वह मेरा कत्र्तव्य था। नाथ ने विदिशा में प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ हुई घटना पर कहा कि कार्यकर्ताओं में अतिउत्साह है। नारेबाजी हुई है और उसके बाद सब शांत हो गया। वहीं बाबरिया के आरएसएस से अनुशासन की सीख के सवाल को वे टाल गए। उन्होंने शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा पर कहा कि उसमें लोग आ नहीं रहे हैं, बुलाए जा रहे हैं। उसमें शिकायती आवेदन काफी संख्या में आ रहे हैं, जिससे अंदाज लगाया जा सकता है कि आम जनता की कितनी शिकायतें होंगी। -विकास दुबे
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