02-Aug-2018 07:54 AM
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भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच 1 अगस्त से खेला जायेगा। बता दें कि इस दौरे के शुरुआत में खेली गयी टी-ट्वेंटी सीरीज भारत ने अपने नाम की थी, तो वहीं वनडे सीरीज इंग्लैंड ने अपने नाम की। इसके बाद ऐसा माना जा रहा है कि दोनों ही टीमें टेस्ट सीरीज को अपने नाम करने से नहीं चूकना चाहेंगी। लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
दोनों ही टीमों के प्रदर्शन में कप्तानों का रोल काफी अहम होगा और इस लिहाज से इस बार विराट कोहली पर अच्छा करने का अतिरिक्त दबाव तो जरूर होगा, क्योंकि वो 2014 में इंग्लैंड में खेली गयी टेस्ट सीरीज में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। तो वहीं दूसरी ओर इंग्लैंड के मौजूदा कप्तान जो रूट ने साल 2014 की सीरीज में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और भारत में खेली गयी साल 2016 की टेस्ट सीरीज में भी उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी की थी। ऐसे में हर किसी की नजर इस पर टिकी हैं कि इन दोनों में बेहतर कौन है। वैसे रिकाड्र्स और रैंकिंग के लिहाज से तो कोहली, रूट से आगे हैं पर इंग्लैंड में उनका रिकॉर्ड 2014 की सीरीज में अच्छा नहीं रहा था जिसे बदलने की वो पूरी कोशिश करेंगे।
साल 2016 में भारत में खेली गई पांच मैचों की सीरीज में विराट कोहली ने सात इनिंग्स में कुल 606 रन बनाये थे, जिसमें से एक बार वो नाबाद भी रहे थे। उनकी सात पारियां हैं 40, 81, 167, 6, 62, 15 और 235। इस सीरीज में मेहमान टीम के बल्लेबाजों को आर अश्विन, रविंद्र जडेजा और जयंत यादव की तिकड़ी ने खूब छकाया था लेकिन रूट ही एक मात्र बल्लेबाज थे जो इस सीरीज में भी रन बनाने से नहीं चूके। वैसे इस दौरान उन्होंने 10 पारियों में कुल 491 रन बनाये थे। बता दें कि इन 10 पारियों में वो 9 बार स्पिनर्स के ही शिकार बने थे। इस सीरीज को भारत ने 4-0 से जीत लिया था लेकिन रूट की तारीफ भी हुई थी। उनकी पारियां इस प्रकार रहीं- 4, 124, 25, 53, 78, 15, 77, 21, 6 और 88। साल 2014 में इंग्लैंड में खेली गयी सीरीज की बात करें तो इंग्लैंड ने इसे 3-1 से जीत ली थी। जो रूट ने सात पारियों में कुल 518 रन बनाये थे जिसमें 2 शतक और 3 अर्धशतकीय पारियां शामिल थीं और दो बार वो नाबाद भी रहे थे। उनकी पारियां 154, 66, 13, 56, 3, 77 और 149 हैं। तो वहीं इस सीरीज में विराट का प्रदर्शन उनके लिए किसी बुरे सपने जैसा था। उन्होंने कुल दस पारियों में महज 134 रन बनाये थे। ये पारियां थीं 8, 1, 0, 25, 28, 39, 7, 0, 6 और 20।
वैसे इस प्रदर्शन के बाद से विराट के खेल में काफी परिवर्तन आया है और वो इस सीरीज में बेहतर करने के लिए आतुर हैं फिर भी इंग्लैंड में उनके अब तक के रिकॉर्ड को देखें तो कहा जा सकता है कि विराट पर काफी दबाव होगा लेकिन हम जानते हैं कि वो मुश्किलों से पार पाना जानते हैं और इस दौरे पर उनसे कुछ इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद होगी। कुछ इसी तरह की झलक हमें इंग्लैंड में हुए हाल के वनडे मुकाबलों में दिखी थी, जिसमें कोहली ने तीन मैचों में से दो में अर्धशतक लगाए थे। वैसे भी कोहली जानते हैं कि अगले साल इंग्लैंड में ही वल्र्ड कप का आयोजन होगा और वो इस सीरीज में अच्छा करते हैं तो वो खुद भी मानसिक रूप से मजबूत होकर अगले साल वहां जायेंगे।
एक बात तो साफ है कि अगर भारत को इंग्लैंड में अच्छा करना है तो उसके स्पिनर्स को वहां अच्छा प्रदर्शन करना होगा और टीम पहले टेस्ट में भी कुछ ऐसा करना चाहेगी, ताकि इस दौरे पर वो मानसिक रूप से इंग्लैंड पर हावी हो सके जैसा हमने इस दौरे के शुरू में देखा था कि कैसे इंग्लैंड के बल्लेबाज ट्वेंटी-ट्वेंटी मुकाबलों में कुलदीप यादव को नहीं समझ पाए थे, जिससे टीम ने ट्वेंटी-ट्वेंटी सीरीज जीत ली थी, लेकिन इंग्लैंड ने वनडे मुकाबलों में वापसी कर सीरीज जीत ली जिसमें एक बड़ी वजह थी जो रूट की बेहतरीन बल्लेबाजी जो कुलदीप को बहुत अच्छे से पढ़ पा रहे थे। बता दें कि कुलदीप यादव पहली बार इंग्लैंड दौरे पर गए हैं, जिन्हें ट्वेंटी-ट्वेंटी और वनडे सीरीज में बेहतरीन गेंदबाजी के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। कप्तान विराट कोहली ने भी उनकी तारीफ की है और कहा है कि वो टेस्ट टीम के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे है। लेकिन अगर कुलदीप को खेलने का मौका मिलता है तो ये टेस्ट सीरीज उनके लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो सकती है। वैसे जिस तरह से आखिरी वनडे में जो रूट और मॉर्गन ने स्पिन के खिलाफ बल्लेबाजी कि थी उससे ऐसा लग रहा है कि कुलदीप से पहले दोनों सीनियर स्पिनर्स को टीम में शामिल किया जा सकता है।
-आशीष नेमा