फ्रांस ने खिताब और क्रोएशिया ने दिल जीता
19-Jul-2018 09:08 AM 1234833
रूस की राजधानी मॉस्को में हुए फुटबॉल विश्व कप -2018 के फाइनल में फ्रांस ने कोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार खिताब अपने नाम किया। क्रोएशिया के समर्थक स्वाभाविक तौर पर इस हार से दुखी थे लेकिन उनके चेहरे पर अपने छोटे से मुल्क की टीम के शानदार प्रदर्शन पर गर्व भी साफ झलक रहा था। फ्रांस ने इससे पहले 1998 में विश्व कप जीता था। तब उसके कप्तान डिडियर डेस्चैम्प्स थे जो अब टीम के कोच हैं। इस तरह से डेस्चैम्प्स खिलाड़ी और कोच के रूप में विश्व कप जीतने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए हैं। उनसे पहले ब्राजील के मारियो जगालो और जर्मनी फ्रैंज बेकनबॉर ने यह उपलब्धि हासिल की थी। हालांकि इस सबके बीच मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की छतरी का चर्चा कहीं ज्यादा रहा। दरअसल मैच के बाद जैसे ही पुरस्कार वितरण की तैयारी हो ही रही थी कि तेज बारिश आ गई। इस समारोह में पुतिन के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और क्रोएशिया की राष्ट्र प्रमुख कोलिंदा ग्राबर कितारोविक भी मौजूद थीं। लेकिन जैसे ही बारिश हुई रूस के सुरक्षा अधिकारी दौड़ कर छाता ले आए और उसे उन्होंने पुतिन पर तान दिया। माक्रों और कोलिंदा भी बारिश में भीग रहे थे। लेकिन उनके लिए काफी देर तक छातों का इंतजाम नहीं हुआ। इस दौरान पुतिन भी किसी तरह का शिष्टाचार या लिहाज दिखाए बिना छाते में खड़े रहे। फिर क्या था। इसके बाद मीडिया और सोशल मीडिया, ट्विटर आदि विभिन्न माध्यमों पर पुतिन के छाते की जो चर्चा शुरू हुई उसने एक बारगी तो फुटबॉल विश्व कप के फाइनल फ्रांस की जीत का मसला भी पीछे छोड़ दिया। हालांकि थोड़ी देर बाद काफी छाते आ गए। फ्रांस, क्रोशियाई राष्ट्रपतियों समेत कोच और अन्य लोगों को भी छाते मिले। मगर पुतिन की छतरी की चर्चा फिर भी जारी रही। ऐसा ही एक ट्वीट था - पुतिन के पास अपना छातेवाला है और बाकी सब बारिश में भीग रहे हैं। यह सब ताकत का खेल है।Ó रोरी स्मिथ ने तंज किया, केवल एक छाता खरीदा गया था और वह पुतिन के लिए था और वह किसी से अपना छाता शेयर नहीं करते।Ó जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस मसले पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, पुतिन के छाते ने ट्रॉफी समारोह को करीब-करीब ढंक लिया।Ó फियोन ली नाम के यूजर ने ट्वीट किया, चलो आखिरकार खिलाडिय़ों को छोड़ सबके लिए छाते आ गए।Ó इसके पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने मैच के दौरान फ्रांस के आगे होने पर प्रेस बॉक्स में आकर ऐसा जश्न मनाया कि उनकी तस्वीर ने भी ट्विटर पर आग लगा दी। लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा, कम से कम प्रेस बॉक्स को तो बख्श देते।Ó फ्रांस और क्रोएशिया के राष्ट्रपति एक साथ मैच देख रहे थे। फ्रांस के गोल पर माक्रों उछले तो क्रोएशिया के राष्ट्रपति के चेहरे पर उदासी थी। लेकिन जब क्रोएशिया के गोल पर कोलिंदा उछलीं तो माक्रों की निराशा भी साफ झलक रही थी। ऐसे ही पुरस्कार वितरण समारोह के बाद फ्रांस की टीम के मैनेजर डिडिए डेशॉम्पस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। तभी फ्रांस की विश्व विजेता टीम वहां आ धमकी। उनके ऊपर शैम्पेन उड़ेल कर नाच-गाना शुरु कर दिया। पत्रकारों को भी शैम्पेन से नहला दिया गया। बाद में डेशॉम्पस ने इसके लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा, वे अभी युवा हैं और खुशी में ऐसा पागलपन कर रहे हैं।Ó यही नहीं फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी एफिल टॉवर के नीचे करीब 90,000 की भीड़ जश्न मनाने के लिए इकट्ठी हो गई। फ्रांस के बाकी हिस्सों के लोगों ने अपनी टीम की जीत पर जमकर जश्न मनाया। फ्रांस के उत्तर-पूर्व में फ्रेंच रिवेरा के सागर तट पर भी बड़ी तादाद में लोग जुटे। दूसरी तरफ फाइनल में हार के बाद क्रोएशिया के समर्थक उदास दिखे। लेकिन उन्होंने अपनी टीम का भरपूर उत्साह बढ़ाया। क्रोएशिया के कोच ने भी समर्थकों का इसके लिए अभिवादन किया। क्रोएशियाई टीम के उत्साहवर्धन की अगुवाई भी क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंदा ग्राबर कितारोविक कर रही थीं। उन्होंने मैच से लेकर पुरस्कार वितरण तक शानदार खेल भावना का परिचय दिया। रूसी राष्ट्रपति पुतिन को उन्होंने फुटबॉल जर्सी भी भेंट की। -आशीष नेमा
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