19-Jul-2018 09:41 AM
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पाकिस्तान में पनामा पेपर मामले में प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले नवाज शरीफ को आम चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान की राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 80 लाख पौंड (करीब 73 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी लगाया है। एनएबी का सहयोग नहीं करने पर भी एक साल कैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि दोनों सजाएं साथ चलेंगी। उनके साथ ही बेटी मरयम को सात साल कठोर कारावास और दामाद कैप्टन मुहम्मद सफदर को जांच में सहयोग नहीं करने पर एक साल कैद की सजा सुनाई गई। मरयम को भी जांच में सहयोग नहीं करने पर एक साल की सजा दी गई है। उनकी भी दोनों सजाएं साथ चलेंगी। मरयम पर 20 लाख पौंड का जुर्माना भी लगा है। इस समय शरीफ बीमार पत्नी कुलसुम के साथ लंदन में हैं। उनके साथ मरयम भी हैं। शरीफ परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो अन्य मामले चल रहे हैं। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब देश में 25 जुलाई को आम चुनाव होने वाला है। एनएबी कोर्ट ने एवेनफील्ड मामले में फैसला सुनाया है। यह लंदन के पॉश इलाके एवेनफील्ड में स्थित चार लक्जरी फ्लैटों से जुड़ा है।
नवाज शरीफ परिवार ने अपनी विदेशी कंपनियों नील्सन इंटरप्राइजेज लिमिटेड और नेस्कोल लिमिटेड के जरिये इन संपत्तियों को खरीदा था। ये फ्लैट 1993 से 1996 के दौरान खरीदे गए थे। इस मामले में शरीफ के अलावा उनकी बेटी मरयम, दामाद सफदर और दोनों बेटे हसन और हुसैन सहआरोपी बनाए गए थे। ब्रिटेन के लैंड रजिस्ट्री रिकॉर्ड के अनुसार, लंदन के एवेनफील्ड इलाके में ज्यादातर उन कंपनियों के फ्लैट हैं जो पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड्स जैसे टैक्स हैवेन वाली जगहों पर स्थित हैं।
इस्लामाबाद की एनएबी अदालत के जज मुहम्मद बशीर ने 100 से ज्यादा पेजों में फैसला सुनाया। एनएबी के वकीलों की टीम के प्रमुख सरदार मुजफ्फर अब्बासी ने कहा कि कोर्ट ने एवेनफील्ड फ्लैटों को जब्त करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी टीम को बधाई देता हूं। यह एनएबी की जीत है। फैसले से जाहिर होता है कि एवेनफील्ड फ्लैट भ्रष्टाचार के पैसों से खरीदे गए थे। शरीफ परिवार के पास इनका मालिकाना हक 1993 से है।
ब्रिटेन के लैंड रजिस्ट्री रिकॉर्ड के अनुसार, लंदन के एवेनफील्ड इलाके में ज्यादातर उन कंपनियों के फ्लैट हैं जो पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड्स जैसे टैक्स हैवेन वाली जगहों पर स्थित हैं। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में पिछले साल 28 जुलाई को 68 वर्षीय शरीफ को संवैधानिक पद के अयोग्य करार दिया था। इसके चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शीर्ष कोर्ट ने एनएबी को शरीफ और उनके पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे दायर करने का आदेश दिया था। एनएबी ने बीते आठ सितंबर को तीन मुकदमे दायर किए थे।
कोर्ट का फैसला आने के बाद मरयम और सफदर चुनाव लडऩे के अयोग्य हो गए हैं। दोनों 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार हैं। शरीफ के भाई पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कहा कि फैसले को चुनौती दी जाएगी। जनता 25 जुलाई को असली फैसला सुनाएगी। शरीफ के दोनों बेटे भ्रष्टाचार मामलों की सुनवाई में कभी भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसलिए कोर्ट ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया था।
शरीफ परिवार पर अजीजिया स्टील मिल्स और हिल मेटल कंपनी से जुड़े भ्रष्टाचार के दो अन्य मामले भी चल रहे हैं। शरीफ परिवार ने सऊदी अरब के जेद्दा में सात अरब रुपये की पूंजी से अजीजिया स्टील मिल्स का निर्माण कराया था। ज्वाइंट इंवेस्टिगेशन टीम के मुताबिक हिल मेटल कंपनी ने 2010 से 2015 के बीच 99.77 लाख डॉलर का मुनाफा कमाया। इस दौरान इसमें से 4.04 लाख डॉलर नवाज शरीफ को भेजे गए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चला मुकदमा
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में पिछले साल 28 जुलाई को 68 वर्षीय शरीफ को संवैधानिक पद के अयोग्य करार दिया था। इसके चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शीर्ष कोर्ट ने एनएबी को शरीफ और उनके पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे दायर करने का आदेश दिया था। एनएबी ने बीते आठ सितंबर को तीन मुकदमे दायर किए थे। गौरतलब है कि शरीफ परिवार पर अजीजिया स्टील मिल्स और हिल मेटल कंपनी से जुड़े दो अन्य मामले भी चल रहे हैं। शरीफ परिवार ने सऊदी अरब के जेद्दा में सात अरब रुपये की पूंजी से अजीजिया स्टील मिल्स का निर्माण कराया था। जांच टीम के मुताबिक हिल मेटल कंपनी ने 2010 से 2015 के बीच 99.77 लाख डॉलर का मुनाफा कमाया। इस दौरान इसमें से 4.04 लाख डॉलर नवाज शरीफ को भेजे गए।
-बिन्दु माथुर