टाइगर रिजर्व पार्क से बहुरेंगे दिन!
19-Jul-2018 09:04 AM 1234959
चित्रकूट के पाठा क्षेत्र (मानिकपुर मारकुंडी) के बीहड़ में शैतानों की चहलकदमी के बीच रोजगार के नए अवसर खुल जाएंगे यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो। जी हां आने वाले दिनों में पाठा क्षेत्र में स्थित रानीपुर वन्य जीव विहार को टाइगर रिजर्व पार्क के रूप में विकसित करने की योजना अब आगे बढ़ रही है। अब बस इंतजार है तो प्रदेश सरकार की अंतिम मुहर का। टाइगर रिजर्व पार्क का प्रस्ताव कई चरणों में जनपद से लेकर उच्च स्तर तक शासन को भेजा जा चुका है अब शासन की अंतरिम मंजूरी मिलने का इंतजार सभी को है। टाइगर रिजर्व पार्क बनने से न सिर्फ बुन्देलखण्ड की एक अलग पहचान बनेगी बल्कि सबसे ज्यादा फायदा होगा बेरोजगार बुंदेलियों को। पाठा क्षेत्र को टाइगर रिजर्व पार्क के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है. लगभग 441.93 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले रानीपुर वन्य जीव विहार को रिजर्व पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क के डूब क्षेत्र में आने से इस इलाके में जंगली जानवरों की आमद बढऩे की संभावना है। केन बेतवा गठजोड़ होने से पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क के डूब क्षेत्र में आने की सम्भावना व्यक्त की गई है। प्रभागीय वन अधिकारी चित्रकूट कैलाश प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि टाइगर रिजर्व पार्क का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है अब अंतिम मुहर का इंतजार है। जंगल में हर तरह के दुर्लभ जंगली जानवर मौजूद हैं जिससे रानीपुर वन्य जीव विहार एक अलग तरह के नेशनल पार्क के रूप में विकसित हो सकता है। यदि प्रदेश सरकार की अंतिम मंजूरी मिल जाती है तो योजना पर आगे बढऩे का काम शुरू कर दिया जाएगा। नेशनल पार्क बनने से बुन्देलखण्ड में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। एक अनुमान के मुताबिक लगभग 100 से 150 टूरिस्ट गाइड सैलानियों के घूमने हेतु वाहनों की व्यवस्था पार्क की सुरक्षा के लिए सैकड़ों की संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती जैसे कई कार्य स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देंगे। इसके आलावा सड़कों का जाल भी बीहड़ में बिछेगा। पाठा क्षेत्र के रानीपुर वन्य जीव विहार में तेंदुआ भालू सांभर चीतल, जंगली काले हिरन और लगभग 90 प्रजाति के पक्षी कलरव करते हैं, जिससे यह पूरा इलाका हर स्तर पर नेशनल पार्क के लिए उपयुक्त है। पाठा के बीहड़ों में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। सुंदर और घने जंगल दुर्लभ जीव जंतु पशु पक्षी से लेकर ऐतिहासिक शैल चित्र तक इन बीहड़ों की महत्ता पर्यटन की दृष्टि से बयां करते हैं लेकिन सिर्फ डकैतों के खौफ और सफेदपोशों की कुठाराघाति नीति के चलते पाठा आज तक विकास के पायदान से कोसों दूर है। इन सबके इतर बीहड़ के शैतान कुख्यात डकैत भी नेशनल पार्क के निर्माण में एक चुनौती हैं। कई दशकों से पाठा के बीहड़ में इन शैतानों की चहलकदमी बदस्तूर जारी है जिसकी वजह से आज तक पाठा में विकास की झलक तक नहीं दिख पाई। पाठा क्षेत्र में साढ़े पांच लाख का इनामी डकैत बबुली कोल, डेढ़ लाख का इनामी लवलेश कोल, 50 हजार का इनामी महेंद्र पासी, सवा लाख का इनामी डकैत गौरी यादव आराम से बेखौफ होकर विचरण कर रहें है और जब मन करता है इन डकैतों का विकास कार्यों में रंगदारी और अपहरण की वारदात को अंजाम दे दिया जाता है। वीरप्पन बनने की राह पर बबुली प्राकृतिक गहनों से सुसज्जित पाठा के बीहड़ों में डकैतों की चहलकदमी पिछले चार दशकों से अधिक समय से एक दाग के रूप में इन गहनों की सुंदरता में ग्रहण लगाती है। जिस दिन पूरी तरह से बीहड़ के शैतान अपने अंजाम तक पहुंचा दिए जाएंगे उस दिन विकास के कई दरवाजे अपने आप खुल जाएंगे और चैन की सांस ले सकेंगे बीहड़ के इलाके। यूपी एमपी के सीमावर्ती इलाकों सहित पाठा के बीहड़ों को अपने खौफ के साए में अंगड़ाई लेने को मजबूर करने वाला कुख्यात दस्यु सरगना बबुली कोल किडनैपिंग की वारदात को अंजाम देने में अभी तक कई बार चर्चित हुआ है। अभी हाल ही में मध्य प्रदेश पुलिस ने बबुली के भाई सहित उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार किया था जिसमें खुलासा किया गया कि बबुली सतना के एक बड़े पान व्यापारी के अपहरण की योजना बना रहा था। गैंग को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बबुली ने अभी तक आधा दर्जन से अधिक अपहरण की बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है और मोटी रकम लेकर अपहर्ताओं को मुक्त किया है। -बृजेश साहू
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