03-Jul-2018 08:27 AM
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प्रदेश में विधानसभा चुनाव की वैतरणी पार करने के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जन आशीर्वांद यात्रा पर निकलने वाले हैं। इसके पहले भी वे प्रदेश में दो विधानसभा चुनावों के पहले इसी तरह की यात्रा कर चुके हैं। उनकी यह यात्रा 14 जुलाई को उज्जैन में बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना के साथ शुरू होगी जो 25 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ के आयोजन के साथ समाप्त होगी। खास बात यह है कि यात्रा की शुरूआत और समापन दोनों में ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल होंगे। खास बात यह है कि यात्रा के पहले दिन उज्जैन में एक जनसभा भी आयोजित की जाएगी। जिसे शाह और शिवराज संबोधित करेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के मुताबिक यात्रा का पहला चरण तीन दिवसीय होगा। इस चरण का आयोजन 14 से 16 जुलाई तक किया जाएगा। इस दौरान यह यात्रा 300 किमी की होगी। यात्रा का दूसरा चरण 18 जुलाई को मैहर में मां शारदा के दर्शन के बाद शुरू होगा। जन आशीर्वाद यात्रा के लिए प्रदेश को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक हिस्से में विंध्य, बुंदेलखंड और महाकौशल है। दूसरे हिस्से में नर्मदापुरम, भोपाल, ग्वालियर-चंबल और मालवा निमाड के विस क्षेत्र शामिल हैं।
दरअसल, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की एकता यात्रा और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की न्याय यात्रा का काउंटर करने के लिए भाजपा भी महायात्रा निकालने की तैयारी कर रही है। इस चुनावी वर्ष में सीएम शिवराज सिंह चौहान जन आर्शीवाद यात्रा पर निकलने वाले हैं। 2013 के चुनाव के पहले हुई जनआशीर्वाद यात्रा 206 विस क्षेत्रों में पहुंची थी जबकि सीएम इस बार की चुनौतियों को देखते हुए सभी 230 विस सीट तक जाएंगे। यात्रा में दो रथ होंगे। राकेश सिंह ने कहा कि यात्रा का खर्च पार्टी उठाएगी। प्रदेश में एंटी इनकमबेंसी नहीं है। विकास यात्रा सफल रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सबसे पहले उन स्थानों पर अपनी जन आर्शीवाद यात्रा निकालेंगे, जहां वो खुद कम गए हैं। सीएम की जन आर्शीवाद यात्रा को लेकर भाजपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं को सर्तक कर दिया है। इस यात्रा की शुरुआत जुलाई में होगी। बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2008 और 2013 में भी जन आर्शीवाद यात्रा निकाली थी। इस बार भी चुनाव से पहले सीएम की प्रदेशभर में निश्चित मार्गों से जन आर्शीवाद यात्रा निकलेगी।
बीजेपी आने वाले चुनावी समर में कांग्रेस के आरोपों का जवाब विकास के अपने आंकड़ों के जरिए देगी। पार्टी जनता के बीच 2003 में मध्य प्रदेश की हालत और मौजूदा स्थिति में सूबे के हाल का खाका पेश करेगी।
उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जन आशीर्वाद यात्रा पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा है कि यात्राओं, आयोजनों, अभियानों व सम्मेलनों के नाम पर प्रदेश के खजाने के करोड़ों रुपये लुटा चुके प्रदेश के आयोजन प्रेमी मुख्यमंत्री शिवराज चुनावी वर्ष को देखते हुए 14 जुलाई से एक और यात्रा जन आशीर्वाद यात्राÓÓ निकालने जा रहे है। एक बार फिर इस यात्रा के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये लुटाये जायेंगे। करोड़ों रुपये, इसके प्रचार-प्रसार से लेकर यात्रा के नाम पर लुटा दिये जायेंगे। यह यात्रा, चुनावी वर्ष में भाजपा के प्रचार-प्रसार की यात्रा है। इसलिये इस यात्रा के लिये सरकारी धन व संसाधन का उपयोग, पूरी तरह से जनता के पैसे की बर्बादी व नियम विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जानना चाहती है कि आखिर शिवराज सिंह ने पिछले 13 वर्ष की सरकार में ऐसा क्या कर दिया, जिसके लिये जनता उन्हें आशीर्वाद दे। शिवराज ने जनता के लिये यदि काम किये होते तो उन्हें जन आशीर्वाद के लिये यात्रा निकालने की आवश्यकता ही नहीं पढऩा चाहिये। इस यात्रा को लेकर सरकारी स्तर पर व्यापक तैयारियां की जा रही है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को यात्रा को सफल बनाने के लिये व्यापक दिशा-निर्देश देने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। यह यात्रा पूरी तरह से भाजपा के प्रचार-प्रसार के लिये है, इसलिये इसके लिये सरकारी खर्च व संसाधन का उपयोग, पूरी तरह से जनता के पैसे का दुरुपयोग है।
विकास यात्रा में हो रहे विरोध से बढ़ी चिंता
इधर, भाजपा सांसद व विधायकों का विकास यात्राओं के दौरान हो रहे विरोध ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह संभागों के दौरे के साथ विधानसभा वार बैठकें भी ले रहे हैं। हाल ही में उन्होंने छिंदवाड़ा और बैतूल में बैठकें कीं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इन बैठकों के जरिए वे स्थानीय स्तर पर मौजूदा जनप्रतिनिधि के कामकाज का फीडबैक भी ले रहे हैं। गौरतलब है कि ज्ञान सिंह, नंदकुमार सिंह चौहान और अनूप मिश्रा के स्थानीय स्तर पर विरोध के बाद सागर विधायक शैलेंद्र जैन और राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा के क्षेत्र में भी विरोधी स्वर मुखर हो रहे हैं। पटवा का काफिला गुजरा तो लोगों ने उनके खिलाफ नारे लगाए। बताया जा रहा है कि संगठन ने इस पर रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की यात्रा के जिले में पहुंचने से पहले ही प्रमुख विभागों (सिंचाई, शिक्षा, नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और कृषि) के अधिकारी वहां पहुंचेंगे और उनके साथ पार्टी के नेता भी रहेंगे।
-सिद्धार्थ पांडे