भाजपा बनाम एंटी इनकंबेंसी
03-Jul-2018 08:15 AM 1234784
मप्र में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। लेकिन भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है एंटी-इनकंबेंसी, जिससे निपटने के लिए पार्टी बड़े स्तर पर मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। इस बात का संकेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा विधायक दल की बैठक में दिया है। विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया कि किस विधायक का टिकट कटेगा-किसे मिलेगा, यह जुलाई में आ रहे एक सर्वे के बाद तय हो जाएगा। उन्होंने बैठक में कहा कि जुलाई के बाद इस विषय पर बात करेंगे। बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने विधायकों और मंत्रियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। रामलाल ने प्रभारी मंत्रियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ जिलों से अच्छी रिपोर्ट नहीं आ रही। मंत्रियों के पास दो-तीन महीने का समय है। वे प्रभार के जिलों में जाकर अपने कामकाज निपटाएं। कार्यकर्ताओं और विधायकों से बात करें। इसके बाद अपने क्षेत्र में जाएं। मुख्यमंत्री से उन्होंने कहा कि उनका सचिवालय प्रभारी मंत्रियों के कामकाज की मॉनिटरिंग करे। कार्यकर्ता निष्क्रिय होगा तो किसका सम्मान बचेगा। हमें कांग्रेस मुक्त बूथ की बात करनी है। विकास बहुत हुआ है और जनता भी साथ है, लेकिन कार्यकर्ता का माइक्रो मैनेजमेंट नहीं होगा तो स्थिति ठीक नहीं रहेगी। रामलाल ने जन आशीर्वाद यात्रा के बारे में साफ कर दिया है कि हर विधानसभा क्षेत्र से प्रबुद्ध नागरिक का यात्रा में आना जरूरी है। यह पार्टी निश्चित करे। हमने आर्थिक शुचिता के लिए कार्यकर्ता और जनता के पैसे से चुनाव लडऩे का निर्णय लिया है। इसलिए सभी लोग ध्यान रखें। अफसरों की शिकायतों को लेकर उन्होंने कहा कि कई लोगों को शिकायत है, लेकिन भाजपा धमक से नहीं व्यवहार से काम करती है। आप विनम्र रहेंगे तो आचार संहिता के बाद भी अफसर आपके प्रति विनम्र रहेंगे। रामलाल ने बताया कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार किसानों की आय दो गुना करने और आयुष्मान भारत योजना के बारे में बड़ा निर्णय करने जा रही है। इसका लाभ होगा। विधायकों को लेकर रामलाल ने कहा कि कई लोगों के बारे में जानकारी मिली है और आगे भी मिलेगी। ऐसे विधायक व नेता एक-दूसरे को हराने के बारे में सोचेंगे तो भाजपा की सरकार कैसे बनेगी। इसलिए ध्यान रखें। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले महीनों में विकास पर्व मनेगा, जिसमें केंद्रीय मंत्री आएंगे। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने विधायकों को साफ कर दिया कि बयानबाजी या अन्य किसी भी तरह के घटनाक्रम या छोटी-मोटी चूक से पार्टी को असहज न होना पड़े, ऐसा विचार ध्यान में रखें। अन्यथा पार्टी गंभीरता से उन पर विचार करेगी। उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रदेश में लगातार चौथी बार सरकार बनाने के अभियान में जुटी हुई है। लेकिन भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रदेश में पार्टी के मुकाबले अभी कोई भी दल नहीं है। लेकिन भाजपा को उसी की करनी डूबा सकती है। ऐसे में एंटी-इनकंबेंसी से निपटने के लिए पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक तिहाई से ज्यादा वर्तमान विधायकों का पत्ता साफ कर सकती है। वरिष्ठ पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि प्रदेश में राज्य इकाई कमजोर प्रदर्शन करने वाले विधायकों का रिपोर्ट कार्ड बना कर उनकी सूची तैयार करने में जुटी हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी एक तिहाई से ज्यादा चेहरों को दोबारा टिकट देने के मूड में नहीं हैं। वहीं पार्टी ऐसे युवा चेहरों की खोज में जुटी है, जिन्होंने हाल के कुछ वर्षों में पार्टी को विस्तार देने में कड़ी मेहनत की है। पार्टी की सोच है कि ऐसे युवा चेहरों को आगे बढऩे का मौका दिया जाए, जिससे न केवल एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर की चुनौती से निपटने में आसानी होगी, साथ ही नए चेहरों को मैदान में उतारने से लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा। भोपाल-दिल्ली के चक्कर न काटें भाजपा विधायक दल की बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल ने विधायकों को स्पष्ट कहा कि वे टिकट के लिए भोपाल और दिल्ली के चक्कर काटना बंद करें। हमें सब जानकारी है कि कौन-कौन अपने क्षेत्र में सक्रिय है। सर्वे में सब सामने आ गया है और जिनके नंबर सर्वे में ठीक हैं उनके टिकट नहीं काटे जाएंगे, जबकि कम नंबर वाले विधायकों के टिकट पर पार्टी फैसला करेगी। उन्होंने निष्क्रिय विधायकों को इशारों ही इशारों में समझा दिया। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि बार-बार विधायक का चेहरा बदला जाए, क्योंकि इससे पार्टी की ही छवि पर असर पड़ता है। भाजपा का चेहरा विधायक ही हैं, इसलिए उनकी परफार्मेंस महत्वपूर्ण है। अब सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में ही रहें। महामंत्री की इसी बात को मुख्यमंत्री ने भी दोहराया। रामलाल ने कहा कि जहां तक कांग्रेस की बात है तो कांग्रेस का जमीन पर कुछ नहीं बचा है। हमें विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुक्त बूथ की कल्पना के साथ उतरना है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में मेरा प्रवास हो रहा है और वहां की टोली से चर्चा हो रही है। अपने यहां कार्यकर्ता चुनाव लड़ता है, उसका महत्व होता है। अपने कार्यकर्ताओं की संपूर्ण चिंता करने का हमारा स्वभाव रहना चाहिए। - भोपाल से अजय धीर
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