02-Jul-2018 11:06 AM
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मंदसौर में स्कूल की छुट्टी के बाद 7 साल की एक बच्ची को अगवा कर उससे दुष्कर्म किया गया। उससे इतनी हैवानियत की गई कि डॉक्टर भी कांप गए। दर्द से कराहती बच्ची कुछ देर के लिए बस आंख खोलती है और फिर उसके चेहरे पर डर के साथ दर्द उभर आता है। दरिंदगी की इस इंतेहा की दास्ता सुन हर कोई सिहर उठता है। सबके मन में यही सवाल है आखिर ऐसी दरिंदगी किसी में कैसे आ सकती है। वहीं हर कोई दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहा है। डॉक्टरों ने तीन सर्जरी कर बच्ची की जान तो बचा ली, लेकिन हालत सुधरने में वक्त लगेगा।
उल्लेखनीय है कि मंदसौर के सरस्वती शिशु मंदिर में पढऩे वाली सात साल की बच्ची को 26 जून को छुट्टी के बाद स्कूल गेट से आरोपी इरफान लड्डू खिलाने के बहाने अपने साथ ले गया था। वह लहूलुहान हालत में झाडिय़ों के बीच पड़ी मिली थी। बच्ची द्वारा बताए गए दो लोगों में से पुलिस ने एक आरोपी इरफान को 27 जून की रात और आसिफ को 29 जून को गिरफ्तार किया। आसिफ ने पुलिस को बताया कि इरफान के साथ वो सरस्वती शिशु मंदिर के गेट के सामने खड़ा था। बच्ची को देखकर उनकी नीयत बदली। फिर इरफान बच्ची को लड्डू का लालच देकर अपने साथ ले गया। आसिफ उसके पीछे-पीछे एक निश्चित दूरी बनाकर चलता रहा। बाद में लक्ष्मण दरवाजे के पीछे दोनों ने बच्ची के साथ दरिंदगी की और उसे मरने के लिए झाडिय़ों में फेंक दिया।
वहीं, आरोपी इरफान के गांव रिंगनोद के लोगों ने कहा है कि फांसी हुई तो गांव में उसका शव नहीं दफनाने देंगे। लोगों की एक ही मांग है- आरोपियों को फांसी दो। इससे कम सजा मंजूर नहीं। उधर, इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। वो इतनी घबरा चुकी है कि डॉक्टर या नर्स के स्पर्श करते ही सहम जाती है। हर पल मां से लिपटी रहती है। एक ही बात बार-बार कह रही है कि मां मुझे बचा लो या फिर मार डालो। बच्ची का इलाज कर रहे डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि ऑपरेशन कर उसके क्षतिग्रस्त अंगों को रिपेयर किया है, लेकिन अब उसे संक्रमण से बचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। उसके घाव भरने में दो हफ्ते लगेंगे। उसके पूरे शरीर में पट्टियां बंधी हैं।
मंदसौर एसपी मनोज सिंह के अनुसार आरोपी के खिलाफ पास्को एक्ट, हत्या, बलात्कार, अपरहण सहित कई मामले में केस दर्ज किया है। 20 दिन के भीतर चालान पेश कर आरोपी को फांसी की सजा दिलवाने की बात भी कही। उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की हर कोशिश करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा है कि इस तरह के दरिंदों को सभ्य समाज में रहने का हक नहीं है और ऐसे लोगों को फांसी से कम सजा नहीं होना चाहिए। प्रशासन आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए पूरा प्रयास करेगा। मुख्यमंत्री ने पीडि़त बच्ची के बारे में कहा कि वह मध्यप्रदेश की बेटी है और वे स्वयं उसके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं। सरकार कोशिश कर रही है कि वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाए।
दरअसल, मप्र सहित देशभर में बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। देशभर में हर घंटे 39 बलात्कार हो रहे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के अनुसार लोगों में विकृति तेजी से बढ़ रही है। विधायक ऊषा ठाकुर का कहना है कि आरोपियों को सरेआम फांसी दी जाए। इन्हें श्मशान में भी जगह नहीं मिलनी चाहिए। जब चील-कौवे इनकी लाश खाएंगे, तब जाकर ऐसे नर-पिशाचों की संवेदना शायद जाग सके, इन्हें खुलेआम शूट कर देना चाहिए।
फांसी से कम मंजूर नहीं
घटना को लेकर लोगों का गुस्सा चरम पर रहा। लोगों का कहना है कि आरोपियों को हर हाल में फांसी दी जाए। उधर, जांच के लिए विशेषज्ञ पुलिस अफसरों की 15 सदस्यीय टीम बनाई है। इस बीच बार एसोसिएशन ने आरोपी की पैरवी नहीं करने का फैसला लिया है। वहीं बच्ची के पक्ष में 100 वकील नि:शुल्क पैरवी करेंगे।
देश में हर घंटे 39 बलात्कार
2016 में महिलाओं के खिलाफ 3.38 लाख अपराध के मामले हुए जिसमें 11.5 प्रतिशत बलात्कार के थे। एनसीआरबी के इन आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर घंटे बलात्कार के 39 मामले होते हैं। आंकड़े कहते हैं भारत में रहना महिलाओं के लिए वास्तव में ही भयावह है। तो इस केस में विश्वसनीय ग्लोबल रिपोर्ट ये कहती है कि भारत महिलाओं के लिए दुनिया में सबसे खतरनाक जगह बन चुका है तो हमें उस पर सोचना चाहिए ना कि उस रिपोर्ट को ऐसे ही डिसमिस कर देना चाहिए। हममें से बहुत ये मान सकते हैं कि भारत के साथ ये रैंकिंग सही नहीं हैं पर रिपोर्ट क्या कुछ
कहती है हमें उस पर गहराई से ध्यान देना चाहिए।
-विकास दुबे