यह कैसा विकास
02-Jul-2018 10:53 AM 1234899
मप में बीते डेढ़ दशक से सरकार चला रही भाजपा के शासनकाल में कई मामले ऐसे हैं जिनकी वजह से प्रदेश की देशभर में किरकिरी हो रही है। ऐसा ही ताजा मामला अब ब्लाकों के पिछड़ेपन के रूप में सामने आया है। इसके पहले नीति आयोग द्वारा प्रदेश के आठ जिलों को अति पिछड़ा घोषित किया जा चुका है। खास बात यह है कि इन पिछड़े ब्लाकों को राज्य योजना आयोग द्वारा चिहिन्त किया गया है। मप्र योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की उप सचिव शैलबाला मार्टिन ने प्रदेश के 50 आकांक्षी विकासखंडों का निर्धारण किया है जो असंतुलित विकास के उदाहरण है। इस सूची में बुंदेलखंड अंचल के तहत आने वाले टीकमगढ़ जिले के पृथ्वीपुर, जतारा और पलेरा को प्रदेश के सबसे पिछड़ों में बताया गया है। योजना आयोग ने नीति आयोग द्वारा तय किए गए पिछड़े जिलों के ब्लॉक को इस सूची में शामिल नहीं किया है। अब योजना आयोग ने सभी विभागों को इन ब्लॉक के लिए विकास योजना तैयार करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि 24 अप्रैल को मंडला दौरे पर पिछड़े जिलों के कलेक्टर्स और योजना आयोग के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे विकासखंडों को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि सरकार ने पिछड़े जिलों को विकास के रास्ते पर लाने के लिए 101 जिलों की पहचान की है। इसे आकांक्षी जिले की संज्ञा दी गई है। हालांकि पहले इस सूची में कुल 115 जिलों को शामिल किया गया था परंतु ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 14 पिछड़े जिलों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। महाराष्ट्र का उस्मानाबाद जिला जहां इस सूची में ऊपर से तीसरे पायदान पर है तो मध्यप्रदेश का सिंगरौली जिला नीचे से तीसरे नंबर पर है। यानी सिंगरौली जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूचि में तीसरे क्रमांक पर है। मध्यप्रदेश का राजगढ़ जिला 15वें पायदान पर है तो दमोह 19वें नंबर पर। इसी प्रकार मध्यप्रदेश का छतरपुर जिला 26वें, खंडवा 41वें, गुना 47वें, बड़वानी 67वें और सिंगरौली 99वें क्रमांक पर रहा है। प्रदेश के यह 8 जिले नीति आयोग की सीधी निगरानी में हैं। इनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास को लेकर पहले चरण में काम किया जा रहा है। इसके लिए कॉरपोरेट घराने भी सामने आए हैं। इसके पहले भी शौचालय निर्माण के लिए कॉरपोरेट रिस्पांसबिलिटी के अंतर्गत कोल इंडिया ने जिले में सहयोग प्रदान किया था। अब टाटा समूह और रिलायंस जिले के पिछड़ापन दूर करने में सहयोग करेंगे। मप्र योजना आयोग के उपाध्यक्ष चेतन काश्यप का कहना है कि प्रधानमंत्री ने मंडला बैठक में पिछड़े विकासखंडों को चिन्हित कर उनके लिए विकास योजना बनाने के निर्देश दिए थे। सभी विभागों के साथ समन्वय बनाकर कार्य योजना बनाएंगे। पिछड़े ब्लॉक की सूची तैयार करने के बाद अब विभाग इन विकासखंडों के विकास के लिए योजनाएं बनाएंगे। इसकी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को भी दी जाएगी। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चयनित आकांक्षी विकासखंड़ों को कई मापदंड के आधार पर चिन्हित किया गया है। इनमें स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा व्यवस्था, कृषि विकास, वित्तीय समावेश, कौशल विकास और बुनियादी ढांचा आदि है। अब इन विकासखंडों में संगठित विकास कार्य कराए जाएंगे। सबसे हैरानी की बात यह है कि जिन मंत्रियों के पास प्रदेश के विकास का जिम्मा है उनमें से कईयों के क्षेत्र के विकासखंड आकांक्षी सूची में शामिल हैं। पन्ना से कुसुम महदेले, कटनी से संजय पाठक, गोहद से लाल सिंह आर्य, मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते, रीवा से राजेंद्र शुक्ल, शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया जैसे मंत्रियों के जिलों के ब्लॉक इस लिस्ट में शामिल हैं। ये विकासखंड पिछड़े अलीराजपुर - कट्टीवाड़ा, सोंदवा, उदयगढ़, अलीराजपुर मुरैना - पहाडगढ़़ श्योपुर - विजयपुर, कराहल, श्योपुर (बरोदा) झाबुआ - रानापुर, रामा, थांदला, मेघनगर रतलाम - बाजना खरगोन - झिरन्या, भगवानपुरा मंडला - निवास, घुघरी, मवई, बिछिया, नारायणगंज पन्ना - शाहनगर, अजयगढ़ कटनी - ढीमर खेढा, विजयराघवगढ़, रीठी अनूपपुर - पुष्पराजगढ़ उमरिया - मानपुर, पाली धार - बाग, तिरला, निसरपुर, गंवानी शहडोल - पाली एक, जयसिंहनगर टीकमगढ़ - बलदेवगढ़, पृथ्वीपुर, जतारा, पालेरा डिंडोरी - करंजिया, बजग, मेहदवानी रीवा - हनुमना, जावा, सिरमौर शिवपुरी - पिछोर, कोलारस भिंड - गोहद सतना- रामपुर-बघेलान, चित्रकूट - भोपाल से कुमार राजेंद्र
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^