गठबंधन में गांठ
18-Jun-2018 09:37 AM 1234795
मप्र में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी चुनौती देने के लिए कांग्रेस समान विचार वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने की कोशिश में है। इसके लिए कांग्रेस बसपा, सपा और गोंगपा के साथ तालमेल बैठाकर चुनाव लडऩा चाहती है। लेकिन सीटों को लेकर अभी तालमेल बैठ नहीं रहा है। बसपा की मंशा है कि उसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में अधिक सीट दी जाए। मप्र में कांग्रेस-बसपा गठबंधन की बात आलाकमान स्तर पर भी हो रही है। दोनों पार्टियां एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश में है। यानी केवल विधानसभा चुनाव ही नहीं बल्कि लोकसभा के मद्देनजर भी गठबंधन की तैयारी चल रही है। फिलहाल बसपा अपने पत्ते नहीं खोल रही है। दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब से यह संकेत दिया है कि पार्टी प्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन कर सकती है, तभी से बसपा भी अपना दम दिखाने लगी है। कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी और पार्टी महासचिव दीपक बाबरिया ने भी बसपा के साथ बातचीत होने की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसको लेकर अभी किसी तरह की सहमति नहीं बनी है। जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में बसपा को 25 सीटें दीं जा सकतीं हैं। लेकिन बसपा अधिक की उम्मीद पाले हुए है। प्रदेश में बसपा अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों सुमावली, जौरा, वारासिवनी, सबलगढ़, दिमनी, अंबाह, मुरैना, भिंड, महाराजपुर, पन्ना, गुन्नौर, रामपुर बघेलान, सेमरिया, देवतालाब, रीवा, कटंगी, अटेर, लहार, सेवढ़ा, दतिया, पिछोर, करेरा, पोहरी, कोलारस, चंदेरी, मुंगावली, अशोक नगर, बीना, खुरई, बंडा, चंदला, बिजावर, मलहरा, खरगापुर, टीकमगढ़, जतारा, पृथ्वीपुर, पवई, चित्रकूट, सतना, रेगांव, नागौद, मैहर, अमरपाटन, चुरहट, धौहनी, सिंहावल, ब्योहारी, सिरमोर, त्योंथर, मऊगंज, गुढ़, बहोरीबंद, बड़वारा, विजयराघवगढ़, चितरंगी, देवसर और सिंगरौली में तो हर हाल में टिकट चाहेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश सखवार का कहना है कि प्रदेश में हमारा जनाधार और बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि बसपा को 2008 के चुनाव में 22 लाख 62119 वोट मिले थे, लेकिन 2013 के चुनाव में उसके एक लाख 34160 वोट घट गए और उसे 21 लाख 27959 वोट मिले। प्राप्त वोटों के हिसाब से बसपा को 5.93 प्रतिशत और कुल मतों के हिसाब से 2.68 प्रतिशत का नुकसान हुआ। साल 2008 के विधानसभा चुनावों में बसपा को 8.97 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि 2013 में उसे 6.29 प्रतिशत मत हासिल हुए। बसपा की सीटें भी सात से घटकर चार रह गई थीं। उधर, कांग्रेस की मंशा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी विरोधी वोटों का बंटवारा नहीं हो। बावरिया कहते हैं कि अगर हमने बीजेपी विरोधी वोटों का बंटवारा रोक लिया तो पूरा विश्वास है कि हमें दो-तिहाई बहुमत मिलेगा। इसलिए हम चाहते हैं कि गठबंधन हो। गौरतलब है कि साल 2013 के चुनाव में बीएसपी को राज्य में 4 सीटें मिलीं थी और उसे 6.30 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। इसके अलावा सपा और गोंगपा को भी साथ लेने की कोशिश में है। सपा की संभावनाएं टटोलने जुलाई में आएंगे अखिलेश मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव 19 जुलाई को पड़ोसी राज्य का 2 दिवसीय दौरा करेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि यादव पार्टी संगठन को विस्तार और मजबूती देने के लिए दो स्तरों पर काम कर रहे हैं। एक ओर तो वे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बूथ स्तर तक सक्रिय और सुदृढ़ करने के लिए प्रयत्नशील हैं तो दूसरी ओर अन्य प्रदेशों में भी संगठन का विस्तार करने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। इससे समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय पहचान मिलने में देर नहीं होगी। उन्होंने बताया कि बिहार, गुजरात के अलावा कर्नाटक तथा उत्तराखण्ड में भी समाजवादी पार्टी पिछले दिनों चुनाव मैदान में उतरी थी और अब मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी है। यादव 19 और 20 जुलाई को मध्य प्रदेश के दौरे पर रहेगेें। वे भोपाल में मध्य प्रदेश के कार्यकर्ताओं से बात करेंगे और विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होगी। असल में सपा अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी मप्र में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। कोई सहयोगी दल मिलेगा, तो समझौता भी करेंगे। - भोपाल से अरविंद नारद
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