मेट्रो की रंगरेलियां पोर्न साइट्स पर
17-Jul-2013 08:29 AM 1234785

दिल्ली मेट्रो गजब की ट्रेन है यह यात्रियों को गंतव्य तक ही नहीं खीचती बल्कि स्त्री पुरूष को एक दूसरे की तरफ भी खींच लेती है। ट्रेन में वीरानगी छाई हो तो प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे का आलिंगन करने के लिए बाध्य हो ही उठते हैं। लेकिन बुरा तब लगता है जब प्रगाढ़ आलिंगन में डूबे हुए इन प्रेमियों की गुपचुप तस्वीर बना ली जाती है। दिल्ली मेट्रो में यह खासियत है कि  इसके हर एक डब्बे में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। जिनसे किसी भी क्षण डब्बे के भीतर क्या चल रहा है यह देखा जा सकता है। डब्बे में यह जो आंख लगाई गई है वह सुरक्षा की वजह से तांकझांक करने के लिए लगाई गई है। लेकिन दिल्ली के मेट्रो कंट्रोल रूम में बैठे ऑपरेटर कुछ और ही नजरा देखना पसंद करते हैं। बाहर से दिल्ली आने वाले प्रेमी प्रेमिकाओं को यह मालूम नहीं है कि उन्हें कोई देख रहा है। लिहाजा वे ट्रेन में ही प्रेम फरमाना शुरू कर देते हैं। कंट्रोल रूम में जैसी ही किसी ऑपरेटर को यह प्रेमलीला दिखती है वह तत्काल बगैर देरी किए इसे फिल्माना शुरू कर देता है। लेकिन इस फिल्म का दुरूपयोग होने लगा है।
हाल ही में कुछ पोर्न साइट्स पर जब यह रंगरेलियां दिखाई दी तो दिल्ली में इनकी खासी चर्चा हो गई । कुछ क्लिप्स तो इतनी अश्लील थी कि वे पोर्न को ही मात कर रही थीं। लिहाजा दिल्ली पुलिस के पास यह खबर पहुंची जिसने दिल्ली रेल निगम को सूचित किया । जैसे ही यह सूचना मिली कि सीसीटीवी कैमरों से अश्लील एमएमएस बनाकर उन्हें पोर्न साइट्स पर डाला जा रहा है। अधिकारी सर्तक हो गए। अब दिल्ली नगर निगम ने कहा है कि  वह मेट्रो स्टेशनों पर युगलों के अंतरंग स्थितियों में पहुंच जाने के कुछ वीडियो क्लिप के कथित रूप से लीक होकर अश्लील वेबसाइटों पर पहुंचने की जांच करेगी। डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस) अनुज दयाल ने कहा कि डीएमआरसी अश्लील वीडियो क्लिप के इधर-उधर पहुंच जाने की रिपोर्ट की सघन जांच करेगा। दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने इन रिपोर्टों का गंभीर संज्ञान लिया है और उसने पहले ही पुलिस की साइबर अपराध शाखा को इस मुद्दे की जानकारी दे दी है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों ने भी कहा कि बल के जवान मेट्रो स्टेशनों पर नियंत्रण कक्षों में काम नहीं करते हैं और ऐसे में उनकी वीडियो फुटेज तक पहुंच नहीं हो सकती, इसलिए यह काम उनका नहीं है।  डीएमआरसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार अब तक करीब 13 पॉर्न और अन्य साइट्स पर मेट्रो में बनाए गए वीडियो अपलोड किए जा चुके हैं।  इन वीडियो क्लिप्स व एमएमएस को डेढ़ लाख से ज्यादा लोग देख भी चुके हैं। ज्ञात हो कि मेट्रो की सभी सीसीटीवी फुटेज देखने और सुरक्षित रखने का जिम्मा सीआईएसएफ और डीएमआरसी के हवाले है। इस मामले की जब गहराई से पड़ताल की तो पता चला कि जोड़ों की अश्लील हरकतों के अब तक कुल 250 से ज्यादा एमएमएस बनाए जा चुके हैं और इन्हें पिछले दो साल से इन साइटों पर अपलोड किया जा रहा है। एक एमएमएस मई 2013 में इंद्रलोक स्टेशन से जा रहे जोड़े का है और यह साइट पर डाल दी गई है। दिन के समय की यह रिकॉर्डिग करीब पांच मिनट की है। यही नहीं क्लिप में इसे बनाने वालों की आवाज भी रिकॉर्ड की गई है। इस क्लिप में कर्मी अपने साथियों से वीडियो रिकॉर्ड करने का तरीका भी पूछ रहा है। यह क्लिप एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से या मोबाइल से ही तैयार की गई है। जिनमें से कुछ क्लिप को दिन में रिकॉर्ड किया गया है और कुछ रात में रिकॉर्ड हुई है। ये एमएमएस क्लिप औसतन 2 से 6 मिनट तक की अवधि के हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अति सुरक्षित मेट्रो की सीसीटीवी फुटेज को पॉर्न साइटों पर कैसे डाला जा रहा है और किसी अधिकारी को इस बात की भनक तक नहीं है।
दिल्ली ब्यूरो

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