04-Jul-2013 09:22 AM
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पिछले दिनों मुंबई में जब लोखंडवाला स्थित फ्लेट संख्या बी-1402 पर छापा मारकर पांच फिल्मी अभिनेत्रियों को देह व्यापार में गिरफ्तार किया गया तो मुंबई के छायालोक का घिनौना चेहरा एक बार

फिर दुनिया के सामने उजागर हो गया। पिछले वर्ष ही पुणे में जुलाई माह में रोहित अग्रवाल नामक एक दलाल सहित दो अभिनेत्रियों को देह व्यापार में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से फिल्मी दुनिया में देह के धंधे की खबरें लगातार मिल रही हैं।
हाल ही में लोखंडवाला स्थित जिस फ्लेट में कुछ नामी-गिरामी अभिनेत्रियों को पकड़ा गया है वह फ्लेट किसी आईएएस अधिकारी का है और अब यह सेक्स रैकेट हाई प्रोफाइल हो चला है। संभवत: आने वाले दिनों में राजनीति के दबाव में यह मामला दब जाए क्योंकि जिस बड़े अधिकारी के फ्लेट पर यह धंधा उजागर हुआ है उसके कई नामी-गिरामी राजनीतिज्ञों से नजदीक के रिश्ते हैं, लेकिन इससे यह तो पता चलता है कि फिल्मी दुनिया में सिर्फ मॉडलिंग और अभिनय नहीं है बल्कि यहां सेक्स का एक फलता-फूलता सुनियोजित रैकेट भी काम कर रहा है। जो खासतौर पर उन अभिनेत्रियों को फंसाता है जिन्हें अपेक्षाकृत कम सफलता मिलती है, काम नहीं मिल पाता है, पैसे का अभाव बना रहता है या फिर महत्वाकांक्षा के चलते वे किसी के भी समक्ष बिछने को तैयार रहती हैं।
पुलिस ने जो कार्रवाई की है वह खानापूर्ति ही कही जाएगी। क्योंकि जिस्म के इस धंधे में लगातार असफलता झेलने वाली अभिनेत्रियां ही नहीं बल्कि नामी-गिरामी अभिनेत्रियां भी शामिल हो जाती हैं। जिनकी एक-एक रात की कीमत करोड़ों रुपए में हो सकती है। जिनकी जेब में पैसा है उन्हें इस तरह से जिस्म खरीदने में कोई परेशानी नहीं है। बल्कि यह खरीदी बिक्री उनके पोर्ट फोलियों को ज्यादा मजबूत करती है। वे बड़े गर्व से बताते हैं कि अमुक अभिनेत्री उनके साथ सोई हुई है। शरीर का यह मायाजाल मायानगरी में कुछ ज्यादा ही तेजी से फैल रहा है। पुलिस के पास कई प्रभावशाली अभिनेत्रियों के इस धंधे में लिप्त होने के सबूत हैं, लेकिन उनकी पहुंच और रुतबा कुछ ऐसा है कि पुलिस चाहकर भी उनके गिरेबान तक नहीं पहुंच पाती। बहरहाल हाल ही में जिन पांच अभिनेत्रियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमें से दो भोजपुरी फिल्मों में काम कर रही हैं और तीन ऐसी हैं जिन्होंने कई नामी-गिरामी सीरियलों में काम किया है। पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए वही पुराना तरीका अपनाया। कुछ पुलिस वालों को ग्राहक बनाकर दलालों के पास भेजा गया दलालों ने पहले तो एक लाख रुपए में लड़की सप्लाई करने की बात की बाद में 25 हजार रुपए तक बात तय हुई और 25 हजार रुपए के लेन-देन के समय छापामार कार्रवाई करते हुए अभिनेत्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन अभिनेत्रियों की सप्लाई इम्तियाज खान नामक एक दलाल कर रहा था। इम्तियाज खान सहित ऐसे कई दलाल फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं जो हाशिए पर पहुंच चुकी अभिनेत्रियों को रोजगारÓ मुहैया कराते हैं। पुलिस सूत्र बताते हैं कि केवल यह पांच अभिनेत्रियां ही नहीं बल्कि कई और अभिनेत्रियां भी इन एस्कॉर्ट में शामिल हैं इनका काम विदेशी ग्राहकों को तलाशना होता है जो अच्छी खासी रकम देने को तैयार रहते हैं। इसके बाद तोल-मोल किया जाता है और सौदा तय होने पर ग्राहक तथा लड़की को सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाता है सुरक्षित स्थान को मुंबई की भाषा में डेन कहते हैं। मुंबई में ऐसे कई डेन मिल जाएंगे लगभग हर बड़ी सोसाइटी में एक न एक डेन अवश्य होता है इन डेनों के बीच में प्रतिस्पर्धा के कारण कई बार कुछ मुखबिर पुलिस को जानकारी लीक कर देते हैं और फिर पुलिस हरकत में आते हुए मामले का पर्दाफाश कर देती है।
कुछ समय पहले पुलिस के एक आईपीएस अधिकारी ने ऐसे कई डेन का पर्दाफाश किया था। पिछले वर्ष पुणे से गिरफ्तार किए गए रोहित अग्रवाल नामक जिस दलाल से पुलिस ने पूछताछ की थी उसने बताया था कि किस तरह पहले मॉडलिंग का लालच देकर लड़कियों को फंसाया जाता है और बाद में उन्हें जिस्म के धंधे में धकेल दिया जाता है। फाइव स्टार होटलों से लेकर करोड़ों के फ्लेटों तक यह धंधा अमरबेल की तरह फैल चुका है इस धंधे में कई बार जो लोग पकड़ में आते हैं वे सबूतों के अभाव में अदालत से छूटकर फिर से वही काम करने लगते हैं। जिन लड़कियों को पकड़ा जाता है वे भी जमानत पर छूटकर एक बार फिर रैकेट में शामिल हो जाती हैं। मुंबई में ही पुलिस ने कई-कई बार ऐसी लड़कियों को पकड़ा है जो अब गिरफ्तारी का भी खौफ नहीं खाती।
पुलिस के एक आला अधिकारी ने कुछ समय पहले ऑफ द रिकार्ड कहा था कि ये वेश्यावृत्ति नहीं है बल्कि देह के धंधे का सर्वाधिक परिष्कृत रूप है, जिसमें मुनाफा करोड़ों का है इस धंधे को तस्करी कहना ज्यादा उचित रहेगा। क्योंकि वेश्या मजबूरी में जिस्म बेचती है लेकिन ये लड़कियां अय्याशी करने के लिए देह का सौदा कर रही हैं।