04-Jun-2018 07:35 AM
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मप्र में अघोषित तौर पर सत्ता का संग्राम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता को साधने के लिए मैदान संभाल चुके हैं। जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री इनदिनों जनसंवाद कर रहे हंै। वे हर वर्ग को खुश करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं उन्होंने मंत्रियों को भी निर्देश दिया है कि हर वर्ग को साधो। उधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी सक्रिय हो गया है।
दरअसल, अभी हाल ही में भोपाल आए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में इस बात पर खासी नाराजगी जताई कि पिछले साल अमित शाह के तीन दिनी प्रवास के दौरान जो काम प्रदेश संगठन को दिए गए थे, उनमें से कई काम अभी तक पूरे क्यों नहीं हो पाए हैं। जैन ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक बार फिर जून में भोपाल के एक दिनी दौरे पर आ सकते हैं। जैन ने साफ शब्दों में कहा कि उससे पहले शाह के दिए गए टारगेट को प्रदेश संगठन पूरे कर लें। अनिल जैन पार्टी अध्यक्ष शाह के प्रदेश प्रवास के प्रभारी हैं। वे 18 से 20 अगस्त 2017 तक हुए शाह के भोपाल प्रवास में भी उनके साथ थे और और प्रदेश संगठन को जो काम राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिए थे, उसका पूरा रिकॉर्ड लेकर गए थे।
पदाधिकारियों की बैठक में जैन राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सौंपे गए काम का पूरा ब्योरा लेकर बैठे और एक-एक काम पर विस्तृत चर्चा की। शाह ने समयदानी कार्यकर्ताओं और युवा मोर्चा के साथ 30 जनवरी को पूरे प्रदेश से बाइक रैली को भोपाल लाने ने निर्देश दिए थे। बाद में इसे हर जिला स्तर पर निकालने का निर्णय लिया गया। लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस काम को पूरा ना कर पाने पर जैन ने बैठक में असंतोष जताया। इसके साथ ही दीनदयाल उपवन, पदाधिकारियों की टिफिन पार्टी और मोर्चों की कमजोर परफार्मेंस पर भी जैन नाराज नजर आए। प्रदेश कोर गु्रप की नियमित बैठक ना होने पर भी जैन ने बैठक में सवाल उठाया। बैठक में जैन ने कहा कि जिन पदाधिकारियों के पास दायित्व ज्यादा हैं और वो चुनाव लडऩा चाहते हैं, तो ऐसे लोगों का काम कम कर देना चाहिए। प्रदेश संगठन ने जैन को वाट्सएप के जरिये 15 मिनट में दो करोड़ लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने का फार्मूला भी बताया। दिल्ली से मिले लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी प्रदेश भाजपा ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वोट बढ़ाने का लक्ष्य 20 फीसदी से 50 फीसदी कर दिया है। यानी हर बूथ पर भाजपा को 50 फीसदी वोट मिलना चाहिए। इस कठिन लक्ष्य को पाने के लिए भी संघ से जुड़े इन वरिष्ठ नेताओं को लगाया जा रहा है। एंटी इन्कमबेंसी कम होगी, तभी इस टारगेट को हासिल किया जा सकता है।
जैन से मिले फीडबैक के बाद मुख्यमंत्री सभी मंत्रियों के साथ मिलकर जनता में व्याप्त असंतोष को दूर करने में जुट गए हैं। चुनाव का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राज्य सरकार हर वर्ग पर सौगातों की बरसात करने में लग गई है। कर्मचारी, अधिकारी, व्यवसायी, किसान, श्रमिक, पेंशनर्स सभी को खुश करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, राज्य में बन रही सत्ता विरोधी लहर से भाजपा और मुख्यमंत्री चौहान वाकिफ हैं। तमाम सर्वे भी यही संकेत दे रहे हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में जाने का निर्देश दिया है।
अगर पिछले दो विधानसभा चुनाव को देखें तो भाजपा पूरी तरह शिवराज सिंह चौहान के भरोसे कांग्रेस से लड़ती रही है। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है। पहले के चुनाव में कांग्रेस क्षत-विक्षत थी, लेकिन इस बार वह एकजुट है। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए सामुहिक प्रयास करना होगा। इस बात का अहसास होते ही सभी मंत्री और विधायक भी हर वर्ग को खुश करने के काम पर लग गए हैं।
संघ करेगा भाजपा का असंतोष दूर
प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में लगातार चौथी बार सरकार बनाने के प्रयास में जुटी भाजपा के सामने एंटीइनकमवेंसी की इस बार बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए संगठन ने पांच नेताओं को प्रदेश का जिम्मा सौंपा है। ये नेता अलग-अलग अंचलों में भाजपा विरोधी माहौल को बदलने के लिए काम करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह स्वयं महाकौशल और विंध्य का इलाका संभालेंगे। वे इसी अंचल से आते हैं। राकेश सिंह अध्यक्ष बनने के बाद दस संभागों का दौरा भी कर चुके हैं। इन दौरों में राकेश सिंह ने कार्यकर्ताओं की नब्ज पकडऩे की कोशिश की है। इस अनुभव के आधार पर राकेश सिंह प्रदेश के अलावा महाकौशल और विंध्य पर पूरा फोकस करेंगे। संगठन महामंत्री सुहास भगत को मालवा और निमाड़ का जिम्मा सौंपा गया है। मालवा संघ का गढ़ माना जाता है, इसलिए भगत को ये जिम्मेदारी दी गई है। सह संगठन महामंत्री अतुल राय को ग्वालियर और बुंदेलखंड का प्रभार दिया गया है। अतुल राय के संगठन कौशल को पार्टी ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड जैसे कठिन क्षेत्रों में आजमाना चाहती है। पूर्व संगठन महामंत्री माखन सिंह को मध्यभारत और पूर्व सह संगठन महामंत्री भगवतशरण माथुर को एससीएसटी वर्ग के बीच काम करने की जिम्मेदारी दी जा रही है।
- अजय धीर