04-Jun-2018 07:24 AM
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महेंद्र सिंह धोनी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वह सितारा हैं जिनकी धाक का लोहा हर कोई मानता है। दो साल बाद आईपीएल में वापसी करने वाली चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल 11 का खिताब अपने नाम कर यह दिखा दिया कि धोनी की धाक के आगे सब बौने हैं। 27 मई को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में चेन्नई ने सनराइजर्स हैदराबाद को आठ विकेट से मात दे दी। खेल के हर क्षेत्र में इक्कीस साबित हुई चेन्नई की टीम ने हैदराबाद द्वारा दिए गए 178 रनों के लक्ष्य को महज दो विकेट खोकर 18.3 ओवर में हासिल कर लिया।
चेन्नई की जीत में सबसे अहम भूमिका ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज शेन वॉटसन ने निभाई। पारी की शुरुआत करने आए वॉटसन ने शानदार शतक ठोक मैच को एकतरफा बना दिया। उनकी पारी की एक खास बात यह भी रही कि उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत बहुत धीमी की और नौ गेंदे खेलने के बाद अपना खाता खोला। लेकिन, आठवें ओवर के बाद ऐसी तेजी पकड़ी कि 51 गेंदों पर शतक बना दिया। दो साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके वॉटसन ने आठ छक्के और 11 चौकों की मदद से 57 गेंदों पर नाबाद 117 रनों की पारी खेली। आईपीएल के इस सीजन में दूसरा शतक लगाने वाले शेन वॉटसन को उनकी इस पारी के लिए मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। हैदराबाद द्वारा मैच की पहली पारी में 178 रनों का लक्ष्य दिए जाने के बाद माना जा रहा था कि ये मैच चेन्नई के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि हैदराबाद के गेंदबाज कई बार इससे छोटे लक्ष्य के अंदर विपक्षी टीम को रोक चुके हैं। लेकिन, चेन्नई के बल्लेबाजों ने एक रणनीति के तहत बल्लेबाजी की और हैदराबाद के सबसे खतरनाक गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और राशिद खान को संभल कर खेलते हुए विकेट लेने का कोई मौका नहीं दिया। चेन्नई के बल्लेबाजों ने भुवनेश्वर और राशिद को छोडक़र अन्य गेंदबाजों पर जमकर रन बटोरे। यानी कुल मिलाकर देखें तो आईपीएल के इस सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद की जो गेंदबाजी उसकी सबसे बड़ी मजबूती मानी जा रही थी। वह इस मैच में पूरी तरह बेअसर रही और फाइनल जैसा बड़ा मुकाबला हारने की सबसे बड़ी वजह भी बनी।
आईपीएल का सातवां फाइनल खेलने वाली चेन्नई ने तीसरी बार यह खिताब अपने नाम किया है। आईपीएल के इतिहास में चेन्नई के अलावा मुंबई इंडियंस ही ऐसी टीम है जिसने यह टूर्नामेंट तीन बार जीता है। मुंबई इंडियंस ने साल 2013, 2015 और 2017 का आईपीएल खिताब अपने नाम किया था और ये तीनों ही खिताब उसे रोहित शर्मा की कप्तानी में मिले। यानी रोहित के बाद अब धोनी भी ऐसा करने वाले कप्तान बन गए हैं। इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में साल 2010 और 2011 का खिताब अपने नाम किया था। इस सब में गौर करने वाली बात यह भी है कि चेन्नई ने दो साल के प्रतिबंध के बाद इस बार आईपीएल में वापसी की थी।
चमका काबुली फिरकीवाला
राशिद की टीम सनराइजर्स हैदराबाद आईपीएल के फाइनल में हार गई। लेकिन वे गर्व से कह सकते हैं - बहादुर हूं मगर हारे हुए लश्कर में हूं। केकेआर के खिलाफ उनका थ्री इन वन प्रदर्शन ही हैदराबाद को फाइनल में ले के आया था। अफगानिस्तान के 19 साल के राशिद खान आईपीएल 2018 की नई सनसनी हैं। उनकी गुगली का अपना रहस्यवाद है। राशिद क्रिकेट में स्पिन बॉलिंग का नया ‘काबुलीवाला’ हैं जिसकी पोटली से निकली फिरकी महेंद्र सिंह धोनी जैसे धुरंधर को भी भौचक्का कर देती है। एबी डीविलियर्स और विराट कोहली की बिखरी गिल्लियां इस बात की तस्दीक कर चुकी हैं कि अभी 20 साल से भी कम उम्र का यह फिरकीवाला दुनिया के महान बल्लेबाजों को अपने इशारे पर नचाने वाला है। आज राशिद खान के पास सुर्खियां हैं और वे आईपीएल के सबसे काम के प्लेयर्स में एक माने जा रहे हैं। लेकिन राशिद के लिए सबकुछ इतना आसान न था। 1998 में नानगाहार, अफगानिस्तान में पैदा हुए राशिद के परिवार को अफगान गृहयुद्ध के चलते पाकिस्तान में शरण लेनी पड़ी। पांच-छह बरस के राशिद का क्रिकेट के प्रति रुझान तब बढ़ा जब वे रिफ्यूजी कैंप में लगे इकलौते टेलीविजन में मैच देखा करते थे। सैकड़ों की भीड़ से घिरा यह टीवी ही उनका कोच था।
-आशीष नेमा