21-May-2018 09:02 AM
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नक्सलियों के मददगारों ने स्वीकार किया है कि इन दिनों कान्हा के बफर में तफरीह कर रहे नक्सली कोर जोन में ट्रैनिंग कैंप लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एरिया मैपिंग कर ली है। बारिश पूर्व कान्हा पर्यटकों के लिए बंद हो जाता है। इतना ही नहीं यहां बारिश में वन कर्मियों की गश्त भी कम होती है और पुलिस सर्चिंग के लिए आसानी से प्रवेश नहीं कर पाती है, जिसके चलते यहां नक्सली खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लिहाजा कान्हा का कोर जोन नक्सलियों के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है।
पुलिस ने नक्सलियों को मदद पहुंचाने वाले जिन ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है, उनके कब्जे से बड़ी मात्रा में रसद समेत अन्य प्रचार सामग्री बरामद की है। इसके अलावा पुलिस के हाथ पेन ड्राइव भी लगी है। इसमें नक्सलियों के साहित्य और पंपलेट के साथ ही उनके ट्रेनिंग का वीडियो भी है। पुलिस का कहना है कि पिछले दो साल से ये ग्रामीण संघम सदस्य के रूप में नक्सलियों के लिए काम कर रहे थे जो नक्सली प्रचार की सामग्री समेत उनके लिए राशन और अन्य जरूरत का सामान पहुंचाते थे। ये ठेकेदारों से पैसों की मांग कर नक्सलियों तक मदद पहुंचाने का काम करते थे।
लांजी थाना क्षेत्र में पुलिस ने इक्को व कोदापार के रास्ते में पुलिस ने 5 संदिग्धों को रोककर उनसे पूछताछ की, जिनके पास से रसद समेत अन्य नक्सली प्रचार सामग्री और दैनिक जरूरत का सामान बरामद हुआ। यहां से पुलिस ने पतिराम पिता बीरवल मरकाम (23), राजेश पिता सुखबल मरकाम (23), जेलू पिता सुमरत मरकाम (26), ज्ञान सिंह पिता बीरवल मरकाम (25), जय सिंह पिता समरत मरकाम (22) निवासी सभी मुरम चौकी सोनगुड्डा को हिरासत में लिया। इन गिरफ्तार नक्सलियों से जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कबीराम से नक्सली गढ़ी मुक्की होते हुए सूपखार के जंगल से सीधे मंडला की सीमा में प्रवेश कर अपनी तादाद बढ़ा रहे हैं। यहां से उनका टारगेट मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया से सीधे सिंगरौली तक रोड मैपिंग करने का है। इसके जरिए इन जंगलों में अपनी ताकत बढ़ाने, ओडिशा, झारखंड व आंध्र से सीधे नई भर्ती कर तादाद बढ़ा रहे हैं।
कबीराम में दलम विस्तार की कड़ी में तैयार किए दलम में स्पेशल फोर्स के लिए प्लाटून-2 और प्लाटून- 3 जिसमें 25-25 सदस्यों को शामिल किया है। इनमें ज्यादातर युवक-युवितयां 17 से 28 साल के बीच के हैं। इन्हें छत्तीसगढ़ के जंगल में 2016 में अक्टूबर-नवंबर माह में गुरिल्ला ट्रैनिंग देकर फरवरी-मार्च 2017 में जंगलों में उतारा गया है। मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया के जंगलों में नक्सलियों ने 500 गांवों को टारगेट में लिया है। इसमें अब तक करीब 400 गांव चिन्हित कर लिए हैं। इन गांवों में नक्सली जहां ठिकाने तलाश में ग्रामीणों का हितैषी बताकर पनाह भी मांग रहे हैं। बालाघाट पुलिस का कहना है कि बालाघाट के जंगल में फोर्स अधिक होने और महाराष्ट्र-छग की बॉर्डर में दबाव बढऩे से नक्सली कवर्धा-कबीराम से मंडला के रास्ते नए ठिकाने तलाश रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से मंडला में प्रभावित क्षेत्रों के थानों व चौकियों को अलर्ट किया गया है। पुलिस हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। यहां भी सर्चिंग बढ़ा दी गई है। कान्हा के बफर जोन से लगे इलाकों में जरूर नक्सलियों का मूवमेंट है, कोर की सूचनाएं नहीं मिल रही हैं।
पुलिस लगाएगी बॉर्डर कैंप
कान्हा नेशनल पार्क के रास्ते मध्यप्रदेश में विस्तार दलम के बढ़ते कदम को रोकने पुलिस जल्द ही ठोस कदम उठाने की तैयारी कर रही है। यहां कम फोर्स का फायदा उठा रहे नक्सलियों पर अंकुश लगाने सरकार फोर्स बढ़ाने की बात कर रही है, जबकि कान्हा नेशनल पार्क के रास्ते बढ़ रहा मूवमेंट पुलिस के लिए नासूर बनता जा रहा है। यहां वैकल्पिक तौर पर हॉक फोर्स और जिला पुलिस बल के जवान सर्चिंग कर रहें हैं, लेकिन कान्हा के जंगल में आऊट सोर्स में कमी का नक्सली फायदा उठा रहे हैं, जहां पुलिस अब बॉर्डर कैंप लगाने स्टेप लेने की कवायद कर रही है। कान्हा नेशनल पार्क के रास्ते बाघों के कॉरीडोर से नक्सली अपना कॉरीडोर तैयार कर बाघों के कॉरीडोर पर नक्सली सेंध लगा रहे हैं। पार्क के संरक्षित क्षेत्र में इनकी मौजूदगी से न केवल टूरिस्टों के लिए खतरा बढ़ रहा है, बल्कि बाघों के जीवन पर भी संकट गहरा रहा है।
-सत्यनारायण सोमानी