27-Apr-2018 06:27 AM
1234969
मप्र और यूपी के तराई क्षेत्र में एक बार फिर दस्यू गैंग की दस्तक शुरू हो गई है। यूपी पुलिस से वफादारी का राग अलापकर एमपी पुलिस की नाक के नीचे रंगदारी की मांग कहीं न कहीं मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव में डकैतों की सहभागिता की ओर इशारा कर रही है। यही कारण है कि यूपी पुलिस का मुखबिर बनने के बाद आखिरकार चार महीने शांत रहने वाला 75 हजार के इनामी डकैत गौरी यादव ने फोन कर नगर पंचायत चित्रकूट के उपयंत्री कमलराज सिंह से 50 हजार की रंगदारी की मांग की है। कमलराज सिंह की रिपोर्ट पर नयागांव पुलिस ने गौरी के विरुद्घ आईपीसी की धारा 386 के तहत मामला पंजीबद्घ कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। सतना एसपी राजेश हिंगणकर कहते हैं कि एडी (एंटी डकैत) पर लगातार नजर बनी हुई है। सर्चिंग की जा रही है। जल्द ही गौरी और बबुली को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आईजी रीवा रेंज उमेश जोगा कहते हैं कि जानकारी मिली है। सर्चिंग के साथ ही मुखबिरों का जाल फैला दिया गया है। चुनाव के पहले ही रीवा व सतना के जंगलों को डकैत मुक्त बना दिया जाएगा।
बता दें कि इन दिनों नगर पंचायत चौबेपुर से थर पहाड़ के बीच आरसीसी रोड, आरसीसी नाली व पुलिया का निर्माण कार्य करने में लगी हुई है। तीनों ही कामों के लिए कुल डेढ़ करोड़ का बजट जारी हुआ है। उक्त काम नगर पंचायत चित्रकूट के उपयंत्री कमलराज सिंह के नेतृत्व में किया जा रहा है। बीती रात गौरी यादव ने फोन कर कमलराज सिंह से रंगदारी देने की बात कही है। उसने साफ कहा है कि अगर समय पर रंगदारी का माल नहीं दिया गया तो निर्माणाधीन काम नहीं होगा। साथ ही उसने यह भी कहा है कि अगर तुम पुलिस के पास पहुंचे तो तुम्हारे परिजनों को तुम्हें खोना पड़ेगा।
75 हजार रुपए के इनामी गौरी यादव को यूपी पुलिस का मुखबिर माना जाता रहा है। इसके लिए कई बार मप्र पुलिस ने यूपी पुलिस से बात भी की। लेकिन हर बार यूपी पुलिस जानकारी गलत होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेती थी। गत दिनों गोप्पा की गिरफ्तारी में गौरी यादव की भूमिका अहम बताई जाती है। उक्त गिरोह को पकडऩे के लिए एक बार फिर सतना पुलिस अपने दांवों के उलट सर्चिंग की बात कहने लगी है। एक माह पूर्व सतना पुलिस कप्तान ने पत्रकारवार्ता आयोजित कर साफ किया था कि जिले की तराई डकैतों से मुक्त हो चुकी है। जबकि चुनाव के ठीक 200 दिन पहले डकैतों की सुगबुगाहट अब विधानसभा चुनाव के लिए भी खतरा बनता दिखाई दे रहा है। एक बार फिर पुलिस विभाग के अधिकारियों ने टीम गठित कर जल्द ही गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया है।
बता दें कि जिले के तराई अंचल से 6 विधानसभाएं लगती हैं। जिसमें रीवा जिले के सेमरिया, सिरमौर, त्योंथर, सतना जिले की चित्रकूट, रामपुर बाघेलान व नागौद शामिल हैं। अगर डकैतों का मूवमेंट रहता है तो यहां पडऩे वाले मत डकैतों के प्रभाव में रहने की उम्मीद की जाती है।
हाईटेक नेटवर्क चला रहे डकैत
तराई के बीहड़ में रहने वाले डकैत अधिक पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन वे अपना नेटवर्क हाईटेक तरीके से चला रहे हैं। रीवा जिले के जवा एवं त्योंथर तहसील सेमरिया के जंगल, सतना जिले के मझगवां, नागौद, ऊंचेहरा के लोगों का कहना है कि ददुआ, ठोकिया, बलखडिय़ा जैसे डकैत अब पुराने हो चले हैं। साढ़े पांच लाख का इनामी कुख्यात डाकू बबुली कोल और डेढ़ लाख का इनामी डाकू गौरी यादव इतने हाईटेक हो गए हैं कि इनकी प्लानिंग पुलिस की सोच से 2 कदम आगे होती है। ये स्मार्टफोन रखते हैं और वाट्सएप के जरिए गैंग चलाते हैं। यही नहीं, जंगल में गूगल मैप का सहारा भी लेते हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दस्यु बबुली कोल (30) चित्रकूट के मारकुडी इलाके के दौड़माती गांव का रहने वाला है। ये शौकिया डकैत बना गया, पहले ये 2016 में मारे गए बलखडिय़ा गैंग में शार्प शूटर था। बलखडिय़ा के खात्मे के बाद गैंग का सरदार बन गया। इसके बाद एक साल में इसने 5 मर्डर किए। अभी 3 माह पहले ही उसने मुखबिरी के शक में मारकुंडी के डोडा गांव में एक किसान को गोलियों से छलनी कर दिया था। इसकी गैंग में करीब 15 सदस्य हैं। इसी तरह से दस्यु गौरी यादव भी सक्रिय है। वह सवा लाख का इनामी था अब उस पर इनाम बढ़ाकर 1.5 लाख कर दिया है। उसकी गैंग में करीब 12 सदस्य हैं। गौरी पर 30 हत्या, डकैती, अपहरण, फिरौती, बलात्कार, धमकी व पुलिस मुठभेड़ के मामले दर्ज हैं। वहीं करीब 35 साल का दस्यु गोपा चित्रकूट के हर्रा गांव का रहने वाला है। पिछले 10 साल से बीहड़ में सक्रिय गोपा अब तक 9 लोगों की जान ले चुका है। कुछ दिन पहले उसने पुलिस के मुखबिर राजा यादव को सरेगांव गोलियों से भून दिया था। बताया जाता है कि इसका नेटवर्क अब बहुत बड़ा हो चुका है।
- नवीन रघुवंशी