चाय घोटाला
17-Apr-2018 07:38 AM 1235002
चूहे घोटाले के आरोपों से जूझ रही फडणवीस सरकार पर अब एक और नए घोटाले का आरोप लगा है, इस नए घोटाले का नाम है चाय घोटाला। फडणवीस सरकार पर यह आरोप लगाया है मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने। एक आरटीआई के तहत मिले जवाब से संजय निरुपम ने इस घोटाले का खुलासा किया है। निरुपम के आरोपों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने साल 2017-18 में केवल चाय पर ही 3.40 करोड़ रूपये खर्च किये हैं। आरटीआई के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय में हर रोज 18,591 कप चाय पी जाती है यानी हर महीने लगभग 88 हजार रूपये की चाय। ये आंकड़े वाकई चौकाने वाले हैं। हालांकि चारों ओर से घिरती जा रही सरकार को बचाने के लिए तरह-तरह की दलीलें दी जा रही हैं। आरटीआई के हवाले से संजय निरुपम ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीते तीन सालों में चाय पीने के खर्च में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि 2015-16 तक सीएमओ में चाय-पानी पर करीब 58 लाख रुपए खर्च होते थे, जो 2017-18 में बढक़र करीब 3 करोड़ 40 लाख रुपए हो गए हैं। निरुपम के मुताबिक एक साल में 577 फीसदी की बढ़ोत्तरी होना काफी आश्चर्य भरा है। सीएमओं में हर रोज 18,591 कप चाय पी जा रही है, उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह संभव है? कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किस तरह की चाय पी रहे हैं? तंज कसते हुए वे आगे कहते हैं कि हमने ग्रीन टी, येलो टी आदि के बारे में सुना है लेकिन मुख्यमंत्री और उनका स्टाफ शायद कोई बहुत ही महंगी गोल्डन टी पीता है। बकौल निरुपम, एक तरफ राज्य के किसान आत्महत्या कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सीएम महंगी चाय पर करोड़ो रुपए खर्च कर रहे हैं। संजय निरूपम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं कि वे भी कभी चाय वाले थे, लेकिन उनकी ही पार्टी के मुख्यमंत्री देश को चाय के नाम पर चूना लगा रहे हैं। उधर, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी इस मामले की जांच कराने की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि सरकार आम आदमी की कमाई को भ्रष्टाचार में डुबो रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार पर पिछले कुछ सालों में कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। सूखे से त्रस्त राज्य में मंत्रियों, नेताओं और अफसरों की जमकर चांदी कट रही है। निरूपम कहते हैं कि ऐसी कोई भी योजना नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार न हो रहा हो। प्रदेश में किसान बेहाल हैं। महाराष्ट्र में जहां एक ओर किसान कर्ज माफी की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं तो दूसरी ओर मजदूर कल्याण मंत्री संभाजी निलंगेकर पाटिल के कर्ज को बैंक ने बड़ी ही आसानी से माफ कर दिया है। वह कहते हैं की प्रदेश सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी है। भाजपा के पाप का घड़ा भर कर अब फूटने वाला है। सचिवालय की सफाई मुख्यमंत्री सचिवालय ने संजय निरुपम के आरोपों का खंडन किया है। सचिवालय ने सफाई पेश करते हुए कहा है कि संजय निरुपम जो खर्च का दावा कर रहे हैं दरअसल वह मात्र चाय का खर्चा नहीं है बल्कि चाय के साथ साथ नाश्ता, भोजन और मंत्रिमंडल की बैठक में आने वाला नाश्ता, सम्मान के लिए पुष्पगुच्छ और शॉल श्रीफल जैसे अन्य कई वस्तुओं का खर्चा भी शामिल है। यही नहीं सचिवालय के मुताबिक मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आने वाले मेहमानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इस खर्च में मात्र सीएमओ का नहीं बल्कि मंत्रालय, सह्याद्रि अतिथिगृह, निवास स्थान वर्षा, नागपुर के निवास स्थान रामगिरि और हैदराबाद हाउस में हुए खर्च भी शामिल है। -बिन्दु माथुर
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