17-Apr-2018 07:34 AM
1234839
21वें कॉमवेल्थ गेम्स में भारत का डंका जमकर बोला। भारतीय खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया। उम्मीदों पर खरे उतरते हुए ग्लास्गो के 64 पदकों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। कुल मिलाकर भारत ने 66 पदक जीते। इनमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल हैं। कॉमनवेल्थ खेलों में ये भारत का अभी तक का तीसरा सर्वश्रेस्ट प्रदर्शन रहा। भारत से पहले 45 गोल्ड और कुल 136 पदकों के साथ इंग्लैंड दूसरे तो पहले स्थान पर ऑस्ट्रेलिया रहा। ऑस्ट्रेलिया ने 80 गोल्ड मेडल के साथ कुल 197 मेडल जीते। गोल्ड कोस्ट में आए 66 मेडल भारत का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। भारत ने सबसे ज्यादा कुल 101 मेडल दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में जीते थे। दिल्ली में भारत ने 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। इससे पहले 2002 में मेनचेस्टर में खेले गए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने कुल 69 मेडल हासिल किए थे। मेनचेस्टर में भारत के नाम 30 गोल्ड, 22 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज मेडल रहे थे।
खेलों और 10वें दिन का आखिरी पदक बैडमिंटन पुरुष डबल्स में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की फाइनल में हार के साथ रजत के रूप में आया। इससे पहले बैडमिंटन के महिला सिंगल्स इवेंट में गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल दोनों पर भारत ने कब्जा कर लिया है। सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के महिला सिंगल्स फाइनल में पी.वी. सिंधु को हराकर स्वर्ण पदक जीता लिया है, वहीं पी. वी. सिंधु को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। दुनिया के नंबर एक पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने सिल्वर मेडल जीता। वहीं पुरुष डब्ल्स के बैडमिंटन फाइनल में सात्विक रनकिरड्डी और चिराग चंद्रशेखर रेड्डी ने सिल्वर मेडल हासिल कर लिया। इन दोनों को फाइनल में इंग्लैंड के खिलाडिय़ों से मात मिली।
वेटलिफ्टिंग के बाद अब टेबल टेनिस में भी वतन को गोल्ड मेडल मिला है। महिला टेबल टेनिस टीम ने सिंगापुर को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। इस तरह भारत के नाम अब तक कुछ आठ गोल्ड मेडल हो गए हैं। टेबिल टेनिस टीम की इस शानदार जीत में दिल्ली की 22 वर्षीय मनिका बत्रा का रोल सबसे अहम रहा। जिन्होंने पहले मुकाबले में लीड लेने के बाद चौथे और निर्णायक मुकाबले में विरोधी को परास्त कर भारत का मान बढ़ाया।
मनिका बत्रा ने बताया था कि वह एक महीने में सिर्फ एक बार ही कौलेज जा पाती हैं। इतना ही नहीं, वह सिर्फ एग्जाम के लिए ही कॉलेज जा पाती थीं। हालांकि, बाद में जब उन्हें लगा कि ये सही नहीं है तो उन्होंने रेगुलर कॉलेज छोड़ दिया और ओपन से पढ़ाई शुरू कर दी। सिर्फ कॉलेज ही नहीं उन्होंने बताया कि कॉलेज के फेस्ट और यहां तक कि फ्रैशर्स पार्टी में भी वो कभी अपने गेम के चलते शामिल नहीं हो पाईं। मनिका को स्कूल टाइम से ही मॉडलिंग का शौक था। दिल्ली के नारायणा इलाके की रहने वाली मनिका की हाइट 5 फीट 9 इंच है और स्कूल के बाद उन्होंने कॉलेज टाइम में भी मॉडलिंग की। लेकिन जब उन्हें लगा कि मौडलिंग के चलते टेबिल टेनिस पर पूरा फोकस नहीं हो पा रहा है, तो उन्होंने सबकुछ छोडक़र अपने गेम को चुना और आज उन्होंने दुनिया में देश का मान बढ़ाते हुए गोल्ड मेडल जीतने में अहम भूमिका निभाई।
पुलेला गोपीचंद के शिष्यों ने इस कॉमनवेल्थ में जमकर पसीना बहाया और भारत की झोली में मेडल डाले। भारत की ओर से बैडमिंटन में नौ शटर्लस का दल गया था जिसमें से कोई भी बिना मेडल वापस नहीं आया। 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के आखिरी दिन भारत की निगाहें बैडमिंटन के मुकाबलों पर भी थीं। पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए भारतीय खिलाड़ी इस खेल के फाइनल्स तक पहुंचे। फाइनल्स में भी शानदार खेल दिखाते हुए भारत ने आखिरी दिन के खेल में कुल चार मेडल जीते। जिनमें एक गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल शामिल हैं। पहले ही जीत चुके मिक्स्ड इवेंट का गोल्ड और महिला डबल्स का ब्रॉन्ज मिला लें तो इस खेल में भारत ने कुल छह मेडल अपने नाम किए। महिला सिंगल्स के मुकाबले में भारत को गोल्ड मेडल छिटक जाने का बिल्कुल भी डर नहीं था। दरअसल महिला सिंगल्स का यह महामुकाबला दो भारतीयों के बीच में ही था। सायना नेहवाल और पीवी सिंधु के बीच खेले गए इस मुकाबले में सायना ने जीत दर्ज कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया तो वहीं सिंधु को सिल्वर मेडल मिला। अनुभवी सायना नेहवाल ने ओलिंपिक सिल्वर मेडल विजेता सिंधु को 21-18, 23-21 से हराया।
आखिरी दिन भारत की मेडल की पहली आस बन कर कोर्ट पर उतरे किदांबी श्रीकांत। हाल ही में वल्र्ड नंबर वन बने श्रीकांत का मुकाबला मलेशिया के ली चोंग वई से था। ली ने श्रीकांत को फाइनल में 19-21, 21-14, 21-14 से हरा कर भारत की गोल्ड मेडल की उम्मीद पर पानी फेर दिया। जिसके बाद किदांबी और भारत को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा।
भारत का आखिरी मुकाबला बैडमिंटन पुरुष डबल्स का था। जिसमें भारत के सात्विक रंकीरेड्डी और चिराग सेट्टी की जोड़ी ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। भारतीय शटलर्स की यह जोड़ी फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के मार्कस और क्रिस से 21-13, 21-16 से हार गई। जिसके बाद गोल्ड मेडल इनके हाथों से निकल गया और इन्हें सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा।
-आशीष नेमा