02-Apr-2018 08:50 AM
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आपके पास खाने के पैसे हों या ना हों, स्मार्टफोन के लिए आपको कहीं से भी 5 हजार की जुगाड़ करनी होगी, फिर उसमें हर माह आपको कम से कम 150 रुपए का रिचार्ज तो करवाना होगा। यदि यह सब आप करवा सकते हैं, तो ही आपको राशन की दुकान से राशन मिलेगा। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के फरमान के बाद हो रहा है। बड़ा सवाल यह है कि जो आदमी 100 से 150 रुपए में पूरे माह अपने परिवार का पेट भर रहा है, वह इतने सारे पैसे रिचार्ज और नए मोबाइल में क्यों बेकार करेगा।
पूरे प्रदेश में अभी भी कई ऐसे उपभोक्ता हैं, जो दो जून की रोटी के लिए बड़ी मुश्किल से पैसे जुगाड़ पाते हैं। ऐसे में उनसे डिजिटल तरीके से पैसे लेना और मोबाइल पर खर्च करवाना कहां की समझदारी है। यह अलग बात है कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यही कारण है कि विभाग ने फरमान जारी कर दिया है, जो राशन उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बन सकता है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि राशन की दुकानों पर छुट्टे पैसोंं की दिक्कतों और राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए इस कैशलैस करने के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि इस आदेश को अमलीजामा पहनाने में कई सारी दिक्कतों का सामना खाद्य आपूर्ति विभाग को करना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं को राशन के बदले भीम एप से राशि का भुगतान करना होगा। फिलहाल आदेश को अमल में लाने की कवायद में सभी राशन डिपो होल्डर्स के मोबाइल में भीम एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया है। यह व्यवस्था शहरी क्षेत्रों में पहले शुरू की जाएगी। हालांकि इस योजना को अमल में लाने के लिए कई तकनीकी पहलुओं में गरीब का राशन भी उलझने की आशंका हैं।
राज्य सरकार ने खाद्य विभाग को आदेश जारी कर दिए हैं कि राशन वितरण प्रणाली को कैशलैस किया जाए। इस आदेश के बाद जिला खाद्य आपूर्ति विभाग ने भी जिले के शहरी क्षेत्र में इसे लागू करने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि यह व्यवस्था जमीनस्तर तक पहुंच पाएगी या नहीं इसे लेकर भी जानकार संशय जता रहे हैं। आदेश आए हुए कई दिन हो चुके हैं, लेकिन राशन के लिए अभी भी पुरानी व्यवस्था ही है।
विभागीय आदेश के मुताबिक, डिजिटल इंडिया के लिए अब राशन की दुकानों पर भीम एप से ही पेमेंट लिया जाएगा, फिर भले ही आपको मोबाइल चलाना आता हो या ना आता हो, राशन तो आपको भीम एप से पेमेंट करने पर ही मिलेगा। इस फरमान के बाद विभागीय अधिकारियों को भी सूझ नहीं आ रहा है कि इसे लागू कैसे करवाएं, क्योंकि अधिकतर उपभोक्ताओं के पास स्मार्टफोन ही नहीं हैं। वहीं जिनके पास है, उनमें से कई को मोबाइल से पेमेंट करना नहीं आता।
इधर स्मार्ट फोन उपयोग करने वालों को गरीबी रेखा की श्रेणी में मानने को लेकर भी कई बार बात आला अधिकारियों तक भी पहुंंची। ऐसे में यदि यह राशन वितरण भीम एप से हुआ तो उपभोक्ता गरीबी रेखा की श्रेणी से बाहर हो जाएंगे, यानी भविष्य में उन्हें राशन मिलने में भी दिक्कत हो सकती है। हालांकि अधिकारियों के तर्क है कि बाजार में सस्ते स्मार्ट फोन भी उपलब्ध हैं। जिनकी कीमत तीन से चार हजार रुपए हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि ऐसे स्मार्ट फोन भारी भरकम एप चलाने में ज्यादा कामयाब नहीं हो पाते हैं।
81 हजार परिवार संकट में
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 81,36,647 परिवार यानी 3,77,44,948 लोग हैं। सरकार प्रति परिवार हर माह 35 किलो गेहूं एक रुपए प्रति किलो की दर से तथा 10 से 15 किलो चावल 2 रुपए की दर से देती है। ऐसे में देखा जाए तो 65 रुपए का अनाज लेने के लिए एक परिवार को कम से कम 5 हजार रुपए का मोबाइल खरीदना होगा। विभाग के फरमान के बाद प्रदेश के उपभोक्ताओं के सामने बड़ी समस्या आ गई है। उनका कहना है कि सरकार बिना सोच-समझकर निर्देश जारी कर रही है। उधर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमें जो निर्देश मिला है उसका पालन किया जा रहा है। सवाल उठता है कि एक तरफ सरकार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के एक रुपए में एक किलो अनाज देने का डंका पीट रही है वहीं दूसरी तरफ कायदे-कानून
लाद कर उन्हें परेशान
कर रही है।
-बृजेश साहू