02-Apr-2018 07:12 AM
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चुनावी वर्ष में सरकार और संगठन को कसौटी पर कसा जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह ने इसी कड़ी में पिछले दिनों 3 दिन तक प्रदेश के कदावर नेताओं की कुंडली खंगाली। जिसमें यह बात निकलकर सामने आई कि मंत्री बेपरवाह हैं और पदाधिकारी लापरवाह। इस कारण प्रदेश में सरकार और संगठन की साख लगातार गिर रही है। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को देंगे। उसके बाद शाह तय करेंगे की किस पर क्या कार्यवाही करनी है। यह पहला मौका है जब सौदान सिंह प्रदेश भाजपा के कामकाज की समीक्षा करने मप्र आए। अब तक मप्र के संगठन का काम संगठन महामंत्री रामलाल ही देखते रहे हैं।
तीन दिनी प्रवास पर मप्र आए सौदान सिंह ने संगठन के विभिन्न पदाधिकारियों, मोर्चा संगठनों के नेताओं, जिलाध्यक्षों, विधायकों और मंत्रियों से भी चर्चा की। इस दौरान उन्हें सरकार और संगठन के संबंध में जो फीडबैक मिला वह निराशाजनक है। दरअसल, मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में जाने से कतराते हैं। आलम
यह है कि मुख्यमंत्री के बार-बार के निर्देश के बाद भी मंत्री प्रभार वाले जिलों में नहीं जा रहे हैं। इस पर अब सौदान सिंह ने नाराजगी जाहिर की है।
प्रदेश में चौथी बार सत्ता में आने के लिए संगठन और सरकार की क्या तैयारी है इसकी जानकारी भी सिंह ने ली। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह ने बैठक में प्रदेश संगठन द्वारा अब तक किए जा रहे कामों को लेकर फीडबैक लिया। बैठक में हर संभाग की समीक्षा रिपोट, केन्द्र और राज्य की योजनाओं के प्रचार से लेकर संगठन द्वारा किए जा रहे कामों पर भी चर्चा हुई। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने अगले ढाई महीने में होने वाले पार्टी के कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संगठन का किसानों, असंगठित क्षेत्रों और अनुसूचित जाति-जनजाति के क्षेत्रों पर खास फोकस है।
सौदान सिंह के तीन दिनी दौरे को भाजपा के प्रदेश संगठन के लिए काफी अहम माना जा रहा है। पार्टी प्रमुख अमित शाह के बेहद करीबी और राष्ट्रीय सह सगंठन मंत्री सौदान सिंह एक-एक पदाधिकारी की कार्यप्रणाली का आंकलन किया। माना जा रहा है कि इस समीक्षा के बाद प्रदेश संगठन में बड़े स्तर पर फेरबदल हो सकता है। इस फेरबदल में प्रदेशाध्यक्ष से लेकर कई अन्य पदों पर नए चेहरों को लाया जा सकता है। अपने प्रवास के दौरान सिंह ने शाह के निर्देशों पर अमल का ब्यौरा भी लिया। जिसके निर्देश अगस्त 2017 में भोपाल दौरे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिए गए थे। जाते-जाते सौदान सिंह यह संकेत दे गए कि जिन मंत्रियों और पदाधिकारियों की रिपोर्ट अच्छी नहीं है उनके खिलाफ आलाकमान कठोर कदम उठा सकता है।
सौदान सिंह की समीक्षा के दौरान यह बात भी निकलकर आई कि प्रदेश भाजपा के अधिकांश पदाधिकारी इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत को आजमाना चाहते हैं। लिहाजा पदाधिकारी संगठन का काम छोडक़र स्वयं की चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इससे संगठन की गतिविधियां रूकी हुई हैं। वहीं कई पदाधिकारी ऐसे हैं जो पद पाने के बाद से ही निष्क्रिय बने हुए हैं। ऐसे पदाधिकारियों की संख्या करीब नब्बे फीसदी बताई जा रही है। खास बात यह है कि पार्टी संगठन में कई पदाधिकारी तो ऐसे हैं जो वर्तमान में विधायक व सासंद भी हैं। इसमें स्वयं प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान खुद सांसद हैं और वे स्वयं भी 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट के दावेदार हैं। हालांकि बीते दिनों संगठन की ओर से साफ कह दिया गया था कि जिला अध्यक्षों और निगम-मंडलों में कुर्सी पाने वाले नेताओं को लोकसभा व विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री और प्रदेश मंत्रियों के साथ स्थिति उलट है। इनमें से अधिकांश सांसद-विधायक भी हैं। चुनाव में प्रबंधन से लेकर प्रचार तक में प्रदेश संगठन की अहम भूमिका रहती है। चुनावी साल में भाजपा ने मंडल प्रवास योजना बनाई है, लेकिन इसमें विधायक-सांसद के रूप में प्रदेश कार्यकारिणी में मौजूद नेताओं की ड्यूटी नहीं लगाई है। संगठन की बैठकों में भी ऐसे पदाधिकारियों की मौजूदगी कम हो गई है, जो चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं।
तोमर-मेनन की होगी वापसी
मप्र में कांग्रेस के बढ़ते कदम को रोकने और प्रदेश में लगातार चौथी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा के रणनीतिकारों को एक बार फिर तिकड़ी की याद आई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर और अरविंद मेनन की तिकड़ी ने कठिन परिस्थितियों में भाजपा की जीत की बुनियाद रखी है। ऐसे में आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अरविंद मेनन की प्रदेश वापसी की तैयारी शुरू कर दी है। यानी नरेंद्र सिंह तोमर एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष और मेनन संगठन महामंत्री बनेंगे। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेष तौर पर अमित शाह से इस संदर्भ में चर्चा भी की है। हालांकि तोमर ने फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष बनने की संभावना से इनकार किया है, लेकिन वे यह भी कह गए हैं कि संगठन भविष्य में जो भी जिम्मेदारी देगा उसे निभाएंगे।
- अरविंद नारद