16-Mar-2018 09:51 AM
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प्रदेश में एक तरफ सरकार सुशासन के बड़े-बड़े दावे करती है वहीं दूसरी तरफ हर विधानसभा सत्र में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक ही कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, अवैध खनन, लाल फीताशाही, भर्राशाही, अफसरों की मनमानी, योजनाओं में लेतलाली आदि को लेकर सरकार को घेरते रहते हैं। वर्तमान बजट सत्र में भाजपा के करीब दर्जन भर विधायकों ने सरकार के कामकाज पर सवालिया निशान लगाए हैं। यही नहीं कुछ विधायकों ने तो अफसरों के साथ ही मंत्रियों की कार्यप्रणाली पर भी असंतोष जाहिर किया है।
बजट सत्र का ऐसा कोई भी दिन नहीं रहा जिस दिन भाजपा के विधायकों ने सरकार को न घेरा हो। चाहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर हो या फिर गिरीश गौतम, मोती कश्यप, नीना गुप्ता, जितेंद्र गेहलोत, हजारीलाल दांगी, डॉ. कैलाश जाटव, आरडी प्रजापति, सूबेदार सिंह रजौधा आदि ने भाजपा विधायकों ने भ्रष्टाचार, मांग पूरी न होने, विधानसभा की समिति पर कार्रवाई न होने, बिना अनुशंसा काम करने जैसे मुद्दे उठाए। विपक्ष ने भी सत्तापक्ष के सदस्यों का भरपूर साथ दिया तो मंत्रियों ने समस्याओं का हल जल्द कराने का भरोसा दिलाया।
विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरते हुए विधायक सूबेदार सिंह रजौधा ने सदन में आरोप लगाया कि बंडफॉर्मर (क्यारी बनाने का यंत्र) वितरित करने की जो जानकारी दी गई है, वह सूची फर्जी है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि 1520 किसानों को नहीं, बल्कि सिर्फ 50-60 किसानों को ही बंटे हैं। वहां एसएडीओ पदस्थ है, तीन बार तबादला हो गया। हर बार निरस्त करा लेता है और कहता है कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इसने लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। कृषि राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने कहा कि कोई भ्रष्टाचार हुआ है तो विधायक लिखित में बताएं, जांच करा ली जाएगी। इस पर भाजपा के विधायक बहादुर सिंह चौहान ने कहा कि क्या विधायक भ्रष्टाचार के प्रमाण देते रहेंगे। दबाव बनने पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि तत्काल हटाकर जांच कराएंगे।
नीना विक्रम वर्मा ने लेबड़-मुलथान सड़क का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 2011 से अब तक सड़क पर दो हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 2017 में 254 मौत हुई थीं। यही वजह है कि महिलाओं में अंधविश्वास को बढ़ावा मिला है, उन्हें लगता है कहीं कोई गड़बड़ी है। वे सड़क की पूजा कर रही हैं। यशपाल सिंह सिसोदिया की समिति भी सड़क का जायजा ले चुकी है। विभागीय मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि 54 किमी सड़क का नवीनीकरण कर दिया है। 76 किमी का काम तुरंत शुरू करा देंगे। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि सड़क की डिजाइन में खोट है। पहले उसे ठीक कराएं। हजारीलाल दांगी ने अपने क्षेत्र के कुछ स्कूलों के भवन का मुद्दा उठाया। उन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह से भवन स्वीकृत करने की मांग की। मंत्री ने कहा- जहां बारिश में पानी टपकता है वहां बारिश से पहले रिपेयरिंग करा देंगे। पात्रता की जांच-पड़ताल कराकर निर्णय कर लेंगे। इस पर दांगी ने स्कूल भवन के लिए जोर डाला तो स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाईस्कूल का एक भवन काटकर बनवा देते हैं। इस पर दांगी नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि जब इतना कहने के बाद भी नतीजा नहीं निकल रहा है तो मैं अपना प्रश्न ही नहीं रखूंगा। मंत्री जी इतने नाराज हैं। दुनिया का दो सौ करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया पर भाटखेड़ा में मंजूरी नहीं दे रहे हैं। मैं आज के बाद आपसे कोई बात ही नहीं करूंगा।
डॉ. कैलाश जाटव ने गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में मंडी निधि की मुगली से समनापुर सड़क को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि सड़क किसकी सिफारिश पर बनाई गई। इसका जवाब देते हुए कृषि राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने कहा कि विधायक ने सिफारिश की होगी। इस पर विधायक ने कहा कि मेरी अनुशंसा का पत्र बता दें। इस पर पाटीदार ने कहा कि विधायक ने नहीं तो फिर जनता की ओर से मांग आई होगी। सड़क तो बन गई है। डॉ.जाटव ने मंत्री से विधायक, सांसद या जनता, जिसकी ओर से भी मांग आई हो, उसका पत्र मांग लिया।
भाजपा विधायक गिरीश गौतम ने रेत के अवैध परिवहन पर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने रीवा के मऊगंज में अवैध उत्खनन का मामला उठाते हुए कहा कि हजारों ट्रक रेत उत्तर प्रदेश जा रही है। विभाग के अफसरों ने मंत्री से गलत जवाब दिलवाया है। भाजपा विधायक ने यहां तक कहा कि नई गढ़ी क्षेत्र में कभी भी औचक निरीक्षण करवा लें तो असलियत समझ आ जाएगी। उन्होंने दोहा पढ़कर सुनाया कि तुम कहो कागज की लेखी, मैं कहता आंखन की देखी। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि विधायक के सुझाव पर औचक निरीक्षण कराया जाएगा। साथ ही नियम सख्त होने की जानकारी देते हुए कहा कि अवैध रेत परिवहन पर अब वाहन जब्त किए जा रहे हैं।
भाजपा विधायक मोती कश्यप ने कटनी जिले के रेत खदानों में अवैध खनन का काला चि_ा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने खोला है। विधायक ने पत्र में कहा कि कटनी जिले में रेत के अवैध खनन में 500 करोड़ से अधिक की राजस्व हानि हुई है। छोटी महानदी, उमड़ार नदी व बेलकुंड में पोकलेन मशीनों से 20 से 25 गुना तक रेत का अवैध खनन किया गया। विधायक ने पत्र मेें कई रेत ठेकेदारों के नाम गिनाए हैं। बड़ी बात यह है कि इसमें कई रेत ठेकेदार मंत्री व विधायक के करीबी बताए जा रहे हैं। ऐसे में बड़वारा विधायक के पत्र के बाद राजनीतिक हल्कों में हड़कंप है।
कटनी में रेत का खेल ऐसा है कि बाहर आपस में विरोध के स्वर बुलंद करने वाले जनप्रतिनिधि रेत के मामले में क्षेत्र बांटकर काम कर रहे हैं। खुलेआम मनमाना खनन करवा रहे हैं। जिले में रेत के दाम भी बंगले से तय होने की चर्चा आम है। दूसरी ओर विधायक मोती कश्यप के पत्र को ग्रामीणों के उस विरोध का हिस्सा बताया जा रहा है जिसमें ग्रामीण स्पॉट पर पहुंचकर अवैध रेत खनन पर लगाम लगाने की कोशिश की थी और विधायक मोती कश्यप के पुत्र पर अवैध खनन के आरोप लगाए थे। 10 जनवरी को रेत खदानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक में ग्रामीण रेत खदान पहुंचकर पोकलेन मशीन और ट्रैक्टर जब्त करवा दिए थे। स्पॉट पर खनिज, राजस्व और पुलिस अधिकारियों को बुला लिया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विधायक मोती कश्यप के पुत्र अभिलाष कश्यप उर्फ अब्बू रेत का अवैध खनन करवा रहा हैं।
इस घटना के बाद विधायक मोती कश्यप सकते में आ गए। उन्होंने 14 फरवरी को सीएम को लिखे पत्र में कहा कि यह सब रेत खनन से जुड़े लोगों की साजिश थी। इसलिए बारिश से पहले राज्यस्तरीय कमेटी बनाकर रेत खदानों की जांच करवाई जाए। विधायक का कहना है कि खनिज विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व जिला प्रशासन के अधिकारी खदानों से मनमाने खनन की सही जांच नहीं कर रहे हैं।
विधायक मोती कश्यप ने सीएम को लिखे पत्र में जिले में रेत खनन कर रहे ठेकेदारों के नाम भी गिनाए हैं। विधायक ने कहा कि रेत खनन ठेकेदारों में संजीव सूरी ग्राम सांघी, एलएंडटी प्रभारी सुनील सिंह बघेल ग्राम करुआकाप गणेशपुर, खिरवा, बंजारी, खजुरा, हिनौता, मे. गुरुकृपा स्टोन (श्रीकांत चतुर्वेदी मैहर उमड़ार नदी ग्राम छिंदहाई पिपरिया), डिजियाना कंपनी (ग्राम बसाड़ी), शिवा कार्पो. (ग्राम भदौरा तथा उमड़ार नदी में पसरवाड़ा, बहिरघटा), फेयर एंड ब्लैक कं. (घुघरी, बरुआ, घुनोर, बरहटी), राजेश पांडेय (सुड्डी), धर्मेंद्र पटेल (गुड़ाकला) तथा अमित खंपरिया बेलकुंडनदी के बरौदा, बिछिया पटना में दस गुना बड़े रकबों से 30 फुट से अधिक गहराई तक अवैध खनन किया है। इन ठेकेदारों में से कुछ ने अपनी खदानों के समीप ग्राम लुहरवारा, करहिया, खैरवार, खरेहटा, कुम्हरवारा में भीषण दोहन किया है।
गौर ने सबसे अधिक किया परेशान
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने सबसे अधिक अपनी सरकार को परेशान किया। गौर कभी स्मार्ट सिटी तो कभी उद्यानिकी विभाग तो कभी शिक्षा विभाग तो कभी अन्य किसी विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सरकार को घेरते नजर आए। गतदिनों गौर ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। शिक्षकों के 45654 पद खाली पड़े हैं जिसे भरा नहीं जा रहा है और जो शिक्षक हैं, उनसे बीएलओ का काम कराया जा रहा है। सरकार शिक्षकों को ही बीएलओ क्यों बनाती है, दूसरे विभागों के कर्मचारियों को इसके लिए क्यों नहीं तैनात किया जाता? इसके लिए उन्होंने आंकड़े भी गिनाए कि कैसे एमपी में शिक्षा का स्तर बाकी राज्यों से कमजोर है? गौर ने कहा कि शिक्षा को लेकर देश की रिपोर्ट से पता चला है कि एमपी गणित की शिक्षा के मामले में 29वें नम्बर पर और भाषा के मामले में 26 वें नम्बर पर है।
पटवारी पर चलेगा विशेषाधिकार हनन का मामला
मीडिया के खिलाफ कथित टिप्पणी के मामले में राऊ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी कार्रवाई के घेरे में आ गए। भाजपा के यशपाल सिंह सिसोदिया सहित दस विधायकों ने पटवारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा। करीब दो घंटे जमकर बहस हुई। दो बार सदन की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा। इस बीच कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य तैश में आ गए। सभी पक्षों को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने मामला विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया। दरअसल, अध्यक्ष की अनुमति से भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लगातार देखा जा रहा है कि निम्न स्तरीय टिप्पणियां हो रही हैं। सदन की मर्यादा को ताक पर रखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर पटवारी की बातों की आलोचना हो रही है। वहीं, कांग्रेस से रामनिवास रावत ने कहा कि कार्यवाही से विलोपित हिस्से पर विशेषाधिकार हनन का मुद्दा नहीं बन सकता है। हम मीडिया का पूरा सम्मान करते हैं। यदि ऐसा कुछ कहा गया है तो हम खेद व्यक्त करते हैं और माफी चाहते हैं। जनसंपर्क मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मीडिया पर जिस तरह से छींटा-कशी की गई है, वो शर्मनाक है। पटवारी ने एक बार भी अपने किए के लिए खेद नहीं जताया।
- श्याम सिंह सिकरवार