हार नहीं मानूंगा!
16-Mar-2018 09:19 AM 1234905
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा की तर्ज पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में राजनीति का नया गीत लिख रहे हैं। यानी प्रदेश में अब तक हुए चुनावों में भाजपा को जहां भी हार का सामना करना पड़ा है वे वहां पहुंच कर कार्यकर्ताओं में नया जोश तो भरते ही हैं, साथ ही विपक्ष को यह अहसास दिलाते हैं कि मैं हार नहीं मानूंगा। इसी परंपरा को कायम रखते हुए अशोकनगर के मुंगावली और शिवपुरी के कोलारस विधानसभा के उप चुनाव में हार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोनों क्षेत्रों का दौरा किया और वहां के विकास के लिए कई योजनाओं की भरमार लगा दी। उप चुनाव के बाद मुख्यमंत्री सबसे पहले मुंगावली क्षेत्र के गांवों में हितग्राही सम्मेलनों में शामिल हुए। यहां ग्राम ढोंढिया में हितग्राही सम्मेलन को संबोधित करते उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि जो भी प्यार से मिला हम उसी के हो लिए। हम मुंह में चांदी की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए, खेत में हल चलाकर पैदा हुए है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लिए जो बेहतर से बेहतर होगा मैं करूंगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्राम ढोंढिया, सेमरी व बंजारा चक्क के लिए 65 लाख रुपए की लागत से नल जल योजना, ढोंढिया में 12 लाख रुपए की लागत का पंचायत भवन, 10 लाख रुपए का आंगनवाड़ी भवन, उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन, विद्युत सब स्टेशन निर्माण, ढोंढिया व खोकसी रोड, पीडीएस भवन, सेमरी में प्राथमिक विद्यालय भवन निर्माण कराये जाने की घोषणा की। ढोंढिया में बांध निर्माण की मांग पर कलेक्टर से सर्वे करके स्टीमेट बनाने को कहा। वहीं गुन्हेरू में आगामी सत्र से हाई स्कूल खोले जाने, 80 लाख की नल जल योजना, गुन्हेरू से मुंगावली रोड रेलवे लाइन से तीन किमी तक, 12 लाख रुपए का पंचायत भवन तथा तालाब गहरीकरण की घोषणा की। वहीं शिवपुरी जिले के बदरवास ब्लॉक के सबसे पिछड़े ग्राम बेरखेड़ी में 6 मार्च की शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पत्नी साधना सिंह के साथ पहुंचे। यहां आयोजित लोक कल्याण शिविर को मुख्यमंत्री ने धन्यवाद सभा में तब्दील कर दिया। सीएम ने बताया कि बेरखेड़ी गांव से भाजपा को 99 प्रतिशत वोट मिले हैं, जो देगा-वो लेगा। अब मैं पूरा हिसाब-किताब रखूंगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने गांव में 19 करोड़ की लागत से तालाब, 9 किमी लंबी सड़क और हाईस्कूल बनाने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि बदरवास नगर से लगभग 20 किमी दूर जंगल के बीच स्थित बेरखेड़ी गांव से कोलारस उपचुनाव में भाजपा को 322 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 9 वोट। मुख्यमंत्री ने मंच पर आते ही सबसे पहले उपस्थितजनों को होली व रंगपंचमी की शुभकामनाएं दीं और कहा, तुमने ऐसा नहीं सोचा कि अब भाजपा गई तो सीएम नहीं आएंगे। हम वो हैं, जो एक बार हाथ पकड़ लें तो फिर नहीं छोड़ते। हार गए तो हार गए। थोड़ी बहुत ही कसर रह गई, जिसे अगली बार देख लेंगे। हमने तो आपसे समय मांगा था कि पांच महीने दे दो, लेकिन हमें पूरे क्षेत्र से तो पांच महीने नहीं मिले, लेकिन तुमने तो दे दिए। इसलिए बेरखेड़ी तो मुझे आना ही था। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राजनीति की एक खूबी यह है कि वे कभी भी मतभेद और मनभेद नहीं रखते। इसलिए चुनाव संपन्न होने के बाद परिणाम जो भी रहे वे चुनावी क्षेत्रों में जरूर जाते हैं। यही नहीं चुनाव प्रचार के दौरान जो वादे जनता से करते हैं उसे पूरा करने की कवायद भी करते हैं। यही कारण है कि प्रदेश की जनता के बीच आज भी उनकी गहरी पैठ है। इससे पूर्व अटेर और चित्रकूट उपचुनाव में मिली हार के बाद भी उन्होंने उन क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों को विकास कार्यों की सौगात दी। दरअसल मुख्यमंत्री हार के बाद जीत के लिए आशान्वित रहते हैं। इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए उनका सक्रिय होना लाजमी है। हम मेहमान नहीं अब घरवाले हो गए मुख्यमंत्री ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बिना कहा कि वो कहते थे कि मेहमान हैं, लेकिन अब तो हम घर वाले हो गए हैं। वो कहते थे हारने के बाद नहीं दिखेंगे, लेकिन हम तो बार-बार दिखेंगे। सीएम बोले, मैंने तो पहले ही कहा था कि चुनाव से कुछ नहीं होगा, सरकार तो भाजपा की ही रहेगी और मुख्यमंत्री तुम्हारा मामा ही रहेगा। यदि भाजपा का विधायक होता तो बात कुछ और होती। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गरीब महिला को गर्भ धारण करने पर 6 से 9 माह के बीच में 4 हजार रुपए पौष्टिक आहार के और बच्चे के जन्म पर 12 हजार रुपए दिए जाएंगे। गरीब-मजदूर परिवारों को बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे, लेकिन उन्हें बिल देने की बजाय हर महीने 200 रुपए की राशि ही देनी पड़ेगी। यह योजना अप्रैल से शुरू होगी। गरीब-मजदूर के बच्चों को पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक की शिक्षा पूरी तरह से मुफ्त दी जाएगी। 60 साल से कम उम्र में यदि कोई मजदूर-गरीब मर जाता है तो उसके परिवार को 2 लाख रुपए की राशि दी जाएगी तथा अंतिम संस्कार के लिए तत्काल पंचायत द्वारा पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। ब्रेन ट्यूमर, कैंसर और किडनी की बीमारी के लिए इलाज फ्री रहेगा। बेरखेड़ी तक 9 किमी की सड़क बनाई जाएगी। साथ ही इस गांव में अभी मिडिल स्कूल है, अब वहां पर हाईस्कूल खोला जाएगा। -राजेश बोरकर
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