15-Jun-2013 07:38 AM
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रोज तड़के व्यायाम के साथ दिनचर्या की शुरुआत, सही खान—पान, अनुशासित रहन—सहन और छोटे से लेकर बड़े शहरों की यात्रा से किसी भी लडक़ी के व्यक्तित्व में निखार आना लाजिमी है। और,

यह सभी बातें लागू होती हैं डिफेंस परिवार से रिश्ता रखने वाली सुंदरियों पर। अपने व्यक्तित्व व कद-काठी से लेकर बुद्धिमत्ता तक का दुनिया को लोहा मनवाने वाली डिफेंस परिवार से ताल्लुक रखने वाली बालाओं ने देश के मिस इंडिया जैसी प्रतियोगिताओं के साथ ही विश्व स्तर पर मिस वल्र्ड व मिस यूनिवर्स जैसे ताज को अपनी काबीलियत के दम पर हासिल किया है। आइए डिफेंस की बालाओं से जुड़े राज के बारे में करते हैं बात।
गर पूछा जाए कि प्रियंका चोपड़ा, सुष्मिता सेन व लारा दत्ता में क्या समानता है तो आपका पहला जवाब यही होगा कि भारत की इन सुंदरियों ने अपनी सुंदरता का डंका पूरे विश्व में बजाया। लेकिन, मिस यूनिवर्स और मिस वल्र्ड जैसे विश्व के नामचीन पुरस्कार देश की झोली में डालकर सम्मान बढ़ाने वाली इन बालाओं में एक समानता और भी है। और, वह है इनका सेनानियों के परिवार से होना। मिस इंडिया जैसी सौंदर्य प्रतियोगिताओं से लेकर मॉडलिंग की दुनिया में अपना परचम फहराने में सैनिकों के परिवार की बेटियां काफी आगे हैं। वर्ष-2013 की मिस इंडिया प्रतियोगिता की विजेता नवनीत कौर ढिल्लन और उपविजेता शोभिता धुलिपाला इसका ताजा उदाहरण हैं। दोनों का संबंध सेनानियों के परिवारों से है और दोनों ने ही अपनी सुंदरता व बुद्धिमत्ता का लोहा मनवाया तथा अब बारी विश्व पटल पर जलवा बिखेरने की है।
कठोर अनुशासन, नियमित दिनचर्या और मर्यादित व्यवहार के कारण आम आदमी से अलग दिखने वाले सेनानियों के बच्चे भी उन्हीं की तरह होते हैं। समय पर सोकर उठने से लेकर व्यायाम करने और खानपान नियमित होने के अलावा पिता की पोस्टिंग के चलते देश के छोटे-बड़े शहरों का भ्रमण करने वाले सेनानियों के बच्चे अन्य हमउम्र बच्चों से हर मामले में बीस ही होते हैं। चलने, बैठने और बात करने जैसी बातों का बचपन से अनुशासन रहने के कारण बड़े होने पर भी वह आम युवाओं से अलग दिखते हैं तथा उनका आत्मविश्वास भी दूसरों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है। फैशन इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ भी मानते हैं कि सेनानियों की बेटियों को मॉडलिंग के लिए तैयार करने में अन्य लड़कियों से कम मेहनत करनी पड़ती है। फैशन कोरियोग्राफर एलेसिया राउत का मानना है कि डिफेंस बैकग्राउंड वाली लड़कियों का व्यक्तित्व मजबूत होता है और वे दूसरों के मुकाबले ज्यादा नियमित और अनुशासित होती हैं। उनका कहना है कि मॉडल को एक कमरे में सैकड़ों लोगों के सामने चलना, बैठना और बात करना पड़ता है। ऐसा कर पाना हर मॉडल के बस की बात नहीं होती है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में लड़कियां इस करियर में सफल नहीं हो पातीं। दूसरी ओर, डिफेंस परिवार से ताल्लुक रखने वाली लड़कियों को बचपन से ठीक से उठने-बैठने, संयमित बातचीत और मर्यादित आचरण करने की शिक्षा मिलती है। इसके चलते ये लड़कियां इस फील्ड में दूसरों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ रही हैं। पॉन्ड्स फेमिना मिस इंडिया (2011) अंकिता शौरी भी एलेसिया राउत की इन बातों से सहमत हैं। अंकिता का कहना है कि वह पिता की पोस्टिंग के चलते लगातार एक जगह से दूसरी जगह जाती रहीं, जिससे उन्हें अलग—अलग शहरों व कस्बों की संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिला। वह कहती हैं कि उन्होंने कई शामें अपने माता—पिता के साथ ऐसी पार्टियों में गुजारी हैं, जहां हर चीज में अनुशासन रहता था और उन्हें भी उसका पालन करना पड़ता था। इन पार्टियों के चलते ही अंकिता को मात्र तीन वर्ष की उम्र में कांटे-चाकू से खाने की आदत पड़ गई थी। वह बताती हैं कि उन्होंने बहुत कम उम्र में ही औरत की मर्यादा और उसके आचरण के बारे में सीख लिया था और इसका फायदा उन्हें मिस इंडिया प्रतियोगिता के दौरान मिला।
अंकिता शौरी की ही बात को आगे बढ़ाते हुए 2011 की मिस इंडिया (अर्थ) हसलीन कौर कहती हैं कि उनका पालन—पोषण उस स्थिति में हुआ, जिसमें उनका आत्मविश्वास दूसरों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। वह कहती हैं कि उन्होंने ढेर सारे ऐसे लोगों के साथ समय बिताया है, जिनकी संस्कृति और भाषा बिल्कुल जुदा थी। यही वजह है कि हसलीन को अपनी बात कहने में जरा भी संकोच नहीं होता है और यही वजह है कि हसलीन ने 2011 में सुंदरता का ताज जीता। 2003 की मिस इंडिया निकिता आनंद का मानना है कि डिफेंस से नाता होता होने के कारण भावनाओं पर नियंत्रण रखने की कला ने उन्हें जीवन में काफी सफलता दी है, जो आम लडक़ी के लिए पाना काफी मुश्किल है। 2013 की मिस इंडिया प्रतियोगिता की उपविजेता शोभिता धुलिपाला के विचार भी इससे काफी मेल खाते हैं। शोभिता कहती हैं कि उनके पिता नेवी में थे। इसके चलते उन्होंने करीब 5 देशों की यात्रा की, जिससे उन देशों की संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिला। यही कारण है कि कम उम्र में ही शोभिता आम लड़कियों से ज्यादा मेच्योर हो गई थीं। मिस इंडिया—2013 प्रतियोगिता में जज रही प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर रितु कुमार कहती हैं कि डिफेंस परिवार से आने वाली लड़कियों का आत्मविश्वास, बढिय़ा फिगर, स्मार्टनेस दूसरों से कहीं ज्यादा होता है। अनुशासन, खेलों की ओर झुकाव और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा से उनका आत्मविश्वास उनकी मंजिल को आसान बना देता है।
आलोक निगम