सब को लुभाने का जतन
17-Feb-2018 07:27 AM 1234792
मप्र में इस साल नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको देखते हुए सरकार मतदाताओं को लुभाने का हर जतन करेगी। इसका प्रभाव वर्ष 2018-19 के बजट में भी देखने को मिलेगा। सरकार लोकलुभावन बजट तैयार करने में जुट गई है। 8 फरवरी को कैबिनेट की बैठक में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने कैबिनेट के सामने 2018-19 के प्रस्तावित बजट का प्रेजेंटेशन दिया। फिलहाल यह करीब दो लाख करोड़ रुपए का है। प्रेजेंटेशन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी मंत्रियों ने वित्त विभाग से कहा कि हर विधानसभा में दो सड़क तो बनानी ही है। इसके अलावा सभी फ्लैगशिप स्कीमों में ठीक से बजट रखा जाए। उल्लेखनीय है कि मप्र का विधानसभा सत्र 26 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र के पहले दिन नवनियुक्त राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा। बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा। फरवरी माह में 26, 27 एवं 28 तारीख को सदन की तीन बैठकें होंगी। जबकि मार्च माह में 7,8,9, 12,13,14, 15,16,20, 21,22, 23,26,27 एवं 28 तारीख को 15 बैठकें होंगी। इस प्रकार, 31 दिवसीय सत्र में कुल पन्द्रह बैठकें आयोजित होंगी। विधानसभा के सोलहवें सत्र के दौरान आगामी वित्तीय वर्ष 2018 - 2019 का बजट प्रस्तुत किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए मप्र का बजट दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा। वित्त विभाग ने बजट से जुड़े काम शुरू कर दिए हैं। सभी विभागों से बजट अनुमान मंगाए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष के लिए वित्त मंत्री जयंत मलैया ने 1 लाख 85 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। इसके बाद राज्य सरकार 5 हजार करोड़ रुपए का पहला और लगभग 16 हजार करोड़ रुपए का दूसरा अनुपूरक बजट ला चुकी है, इसके साथ ही तीसरे अनुपूरक बजट की तैयारियां भी शुरू हो गई है। इन सबको मिलाकर इसी वित्तीय वर्ष में कुल बजट दो लाख करोड़ रुपए से ऊपर का हो गया है। इधर, नए बजट के लिए योजना आयोग द्वारा जिलों की योजनाओं के लिए बजट में 10 से 15 फीसदी इजाफा करने की सिफारिश की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक चुनावी वर्ष होने के कारण राज्य सरकार निर्माण क्षेत्रों से जुड़े विभागों जैसे लोक निर्माण, जल संसाधन के बजट में 10 से 20 फीसदी का इजाफा कर सकती है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में पहले ही निर्देश दे दिए हैं। इसके साथ ही मई में कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर की पहली किस्त भी देना है। वहीं अन्य विभाागों के बजट में भी इजाफा करने की संभावना है। इस वजह से माना जा रहा है कि इस साल मप्र के बजट का आकार बढ़ेगा और यह दो लाख करोड़ रुपए के ऊपर पहुंच जाएगा। हालांकि जीएसटी और पेट्रोल-डीजल से वैट की दरें कम करने के बाद राज्य सरकार के सामने कम राजस्व संग्रहण की चुनौती आ रही है। जीएसटी के बाद हर महीने केंद्र सरकार राज्य के हिस्से का पूरा पैसा नहीं दे पा रही है। जुलाई के बाद केंद्र की तरफ से हर महीने राज्य सरकार को 1600 करोड़ रुपए मिलना थे, लेकिन किसी भी महीने पूरा पैसा राज्य को नहीं मिल पाया है। चुनाव नवंबर में संभावित है। सरकार का पूरा फोकस अप्रेल से अक्टूबर तक के खर्चे पर है। नए बजट में सीएम की घोषणाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जा रहा है। इसमें अध्यापकों को शिक्षा विभाग में संविलयन करने, पंचायत सचिवों का सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं और अन्य कर्मचारी वर्ग की सौगातों को शामिल किया गया है। इसके अलावा कोर विभागों की जनता से सीधी जुड़ी योजनाओं का बजट बढ़ाया जा रहा है। सरकार आम आदमी को लुभावने सपने दिखाएगी। केंद्र का बजट भले ही फीका रहा हो, लेकिन सरकार की कोशिश है कि राज्य का बजट लोक लुभावना रहे। इसके तहत गरीबों को आवास, किसानों को छूट सहित महिलाओं के लिए सौगातें बढ़ाई जाएंगी। 10 से 15 फीसदी बढ़ेगा विभागों का बजट गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए राज्य सरकार ने 1 लाख 85 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा था। उसके बाद कुल 15 हजार करोड़ से ज्यादा के दो सप्लीमेंट्री बजट आ चुके हैं। इससे इस वित्तीय वर्ष में ही सरकार का कुल बजट दो लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया है। सरकार के खर्चे बढऩे और राजस्व संग्रहण कम होने से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल विभागों के बजट में सिर्फ 10 से 15 फीसदी बढ़ोतरी ही की जाएगी। इसमें नगरीय विकास, ग्रामीण विकास, कृषि, लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा जैसे कुछ विभागों को ज्यादा बजट दिया जा सकता है। उसके लिए वित्त विभाग ने विभागों से 2018-19 के लिए बजट प्रस्ताव कोष एवं लेखा के एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सॉफ्टवेयर के जरिए मांगे हैं। इस संबंध में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने विभागों को निर्देश भी दिए हैं। वित्त विभाग भी ऑनलाइन बजट आवंटन करेगा। हालांकि, यह प्रक्रिया पिछले वर्ष भी अपनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन आखिरी समय में पुरानी पद्धति ही अपनानी पड़ी। -भोपाल से अजय धीर
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