15-Jun-2013 07:15 AM
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प्रतिभा वही होती है जिसे जब अवसर मिले तो सफलता की नई इबारत लिख दे। भारतीय क्रिकेट टीम के तूफानी सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया। ब्रिटेन में चल रही चैंपियंस ट्राफी में भारतीय टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाने का यदि किसी को श्रेय दिया जा सकता है तो वह शिखर धवन ही है। दो लगातार मैचों मे शानदार शतक लगाकर शिखर धवन ने दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों को झूमने पर मजबूर कर दिया है। ब्रिटिश मीडिया में उनके सम्मान में कसीदे पढ़े जा रहे हैं। ब्रिटिश अखबार दि गार्डियनÓ ने लिखा कि उसने अपने शानदार स्ट्रोकप्ले से प्यार से गेंद को कार्डिफ मैदान पर चारों तरफ भेजा, जिसमें हिंसा का कोई संकेत नहीं था। धवन में कुछ अलग है। इसी तरह डेली टेलीग्राफÓ लिखता है कि वह ताकत के साथ ड्राइव करता है और उसका पुल शॉट प्रभावी होता है। आज धवन सफलता की जो नई इबारत लिख रहें हैं उसके पीछे संघर्ष की लंबी दास्तां है। उसने सफलता का ये मुकाम मेहनत से हासिल किया है। इसी वर्ष मार्च में आस्टे्रलिया के खिलाफ मोहाली टैस्ट में गौतम गंभीर के न होने और वीरेंद्र सहवाग केखराब फॉर्म में होने के कारण शिखर धवन को पारी शुरू करने का मौका मिला। इस मौके का धवन ने भरपूर फायदा उठाया। पहले ही टैस्ट में 187 रन बनाकर उन्होंने शानदार आगाज किया। पहले ही टैस्ट में आस्टे्रलिया जैसी टीम के सामने ऐसा कर पाना आसान भी नहीं था।
खेल के दौरान उनके कानों में चमकते सोने के कुंडल और जीत के बाद मूंछों को ताव देना क्रिकेट प्रेमियों को खूब रास आता है। शिखर इस टूर्नामेंट में 108.4 के स्ट्राइक रेट से दो सौ रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। इसके साथ ही शिखर धवन तीसरे ऐसे खिलाड़ी भी बन गए हैं जिन्होंने पहला टैस्ट शतक और वन-डे शतक सौ से कम बॉल में बनाया। भारतीय क्रिकेट लंबे समय से ऐसे सलामी बल्लेबाज की तलाश में थी, इस कमी को शिखर धवन ने पूरा कर दिया। घरेलू क्रिकेट में असफलताओं से सबक लेकर जमकर मेहनत की और नया मुकाम हासिल किया। तब जाकर पहुंचे शिखर पर धवन!