बिटकॉइन का जाल
01-Jan-2018 10:18 AM 1235026
कहते हैं कि रुपया जिसके हाथ में हो उसी का होता है, लेकिन अब चल रही है एक ऐसी करेंसी, जो किसी के हाथ नहीं आती, फिर भी सुरक्षित रहती है। हाथ ना आने वाली ये करेंसी है बिटकॉइन। बिना किसी सेंट्रल बैंक या संस्था के नियंत्रण वाली ये वर्चुअल करेंसी इतनी तेजी से फैल रही है कि क्या आरबीआई और क्या सरकार, सभी इसको लेकर उधेड़बुन में पड़े हैं। सरकार ने अब इस पर लोगों से राय भी मांगी है कि आखिर इस जादुई करेंसी को बैन किया जाए या इसे मान्यता दे दी जाए। बिटकॉइन पहली और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी है, यानि सामान्य करेंसी की तरह ये छपती नहीं, जिस पर किसी सेंट्रल बैंक का नियंत्रण भी नहीं होता है। बिटकॉइन की शुरूआत भी रहस्यमय तरीके से 2009 में हुई, जब सातोशी नाकोमोतो के नाम से किसी व्यक्ति या ग्रुप ने इसे लॉन्च किया, लेकिन लोकप्रिय होने के बाद जैसे वो गायब हो गया, लेकिन ये अपने इंटरनल लॉजिक से आज भी चल रहा है। एक ओपन डाटाबेस पर इसे कई लोग मिलकर कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए ये करेंसी तैयार करते हैं, इस पर ट्रांजैक्शन करने का अधिकार दूसरों को देते हैं। इन्हें माइनर्स कहा जाता है। बैंकों की तरह कई कंपनियां बिटकॉइन के एक्सचेंज और वॉलेट चलाती हैं। भारत में भी 20 से ज्यादा स्टार्टअप्स इस काम में लगे हैं। बिटकॉइन की कीमत बहुत तेजी से गिरती और चढ़ती रही है। बिटकॉइन ऐसे कंप्यूटर कोड होते हैं जिन पर हर ट्रांजैक्शन के साथ एक डिजिटल सिग्नेचर जुड़ता जाता है। फिर भी इससे बिना अपनी पहचान बताए ट्रांजैक्शन किया जा सकता है। इसलिए ये कारोबारियों के साथ आजादी पसंद लोगों, युवा टेक्नो एंथुजियास्ट, सट्टेबाजों और क्रिमिनल्स में काफी पाप्युलर है। हाल में रैनसमवेयर साइबर अटैक करने वालों ने भी पीडि़तों से बिटकॉइन में ही फिरौती मांगी थी। समानांतर करेंसी की चुनौती के तौर पर ये दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों के लिए भी चिंता का विषय बन चुकी है। आरबीआई भी बिटकॉइन में ट्रेड करने वाले तमाम लोगों को प्रेस रिलीज जारी कर दो बार इसके खतरों के बारे में चेता चुका है। उसके बाद भी लोग इसमें बड़ी संख्या में निवेश कर रहे हैं। ऐसे लोगों में कई बड़ी हस्तियां हैं। क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन में भारी उतार चढ़ाव का असर अभिनेता अमिताभ बच्चन पर भी पड़ा है जिनको इसमें निवेश से अचानक हुआ सारा फायदा कुछ ही दिन में साफ हो गया। बिटकॉइन में हाल में तेजी के चलते उससे जुड़ी एक गुमनाम सी कंपनी में बच्चन की छोटी हिस्सेदारी को 10 करोड़ डालर से अधिक का लाभ हुआ था लेकिन इस करेंसी की विनिमय दर में पिछले कुछ दिन में आयी गिरावट से वह लाभ उससे भी कहीं तेजी से गायब हो गया। बीएसई के रिकार्ड के अनुसार जून 2014 से ही बच्चन इस कंपनी स्टेंपेडे कैपिटल में एक प्रतिशत या इससे अधिक शेयरधारकों वाली सूची में हैं हालांकि इसकी मात्रा में बदलाव होता रहा है। इसके अनुसार 20 जून 2014 को बच्चन की कंपनी में 3.39 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जो कि उस समय की कीमत के अनुसार लगभग नौ करोड़ रुपये की हो सकती है। इस समय इस हिस्सेदारी की कीमत आधी होकर लगभग 4.7 करोड़ रुपये रह गई है। आज स्थिति यह है कि बिटकॉइन के जाल में बड़ी संख्या में भारतीय फंसते जा रहे हैं जिससे निकलने का कोई चांस नहीं है। अमिताभ के 640 करोड़ रुपये डूबे अभिनेता अमिताभ बच्चन ने बिटकॉइन की कीमतों में आई तेजी से 100 मिलियन डॉलर (640.3 करोड़ रुपये) बनाए थे, लेकिन कीमतों में आई गिरावट से यह पैसा कम समय में डूब गया। भारत के लाखों लोग बिटकॉइन जैली वर्चुअल करंसी में पैसा लगा करोड़पति बनने के सपने देख रहे हैं, फिलहाल अमिताभ बच्चन देश का पहला बड़ा नाम है जो इससे जुड़ा है। उन्होंने 3-4 साल पहले बिटकॉइन में छोटा निवेश किया था। बिटकॉइन की कीमतों में पिछले कुड दिनों से बड़ी उठापटक जारी है। अमिताभ ने हैदराबाद की स्टैमपेड कैपिटल के शेयर्स लिए हुए हैं। यह ट्रेडिंग कंपनी खुद को रिसर्च पर आधारित वैश्विक ट्रेड हाउस बताती है, साथ ही हर नैनो सेकंड में करोड़ों रुपये का ट्रेड करती है। अपने रेग्युलेटरी कागजातों में कंपनी ने बच्चन को इंडिविजुअल नॉन-प्रमोटर शेयर होल्डर बताया है। -विकास दुबे
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