नवाजुद्दीन का ठाकरे बन जाना..
01-Jan-2018 09:51 AM 1234844
बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर से रियल लाइफ स्टोरी बेस्ड फिल्म में नजर आने वाले हैं। उनकी इस फिल्म का नाम है ठाकरेÓ। इस फिल्म का टीजर यूट्यूब पर रिलीज कर दिया गया। नवाजुद्दीन सिद्दीकी की यह फिल्म शिवसेना के संस्थापाक बाला साहेब ठाकरे के जीवन पर आधारित है। ये फिल्म जनवरी 2019 में रिलीज होगी। मगर इस फिल्म में बाला साहेब ठाकरे का किरदार निभाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से आते हैं। ऐसे में आप सभी जानते है की महाराष्ट्र में गैर मराठाओं को लेकर विवाद रहा है। खास कर के उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को लेकर। मगर देखिए आज उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर का शख्स बाला साहेब का किरदार निभा रहा है। ये वाकई में बहुत बड़ी बात है। ये बड़ी बात क्यों है इसे भी जान लीजिए। लगभग 46 साल तक सार्वजनिक जीवन में रहे शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे ने कभी न तो कोई चुनाव लड़ा और न ही कोई राजनीतिक पद स्वीकार किया। यहां तक कि उन्हें विधिवत रूप से कभी शिवसेना का अध्यक्ष भी नहीं चुना गया था, लेकिन इन सबके बावजूद महाराष्ट्र की राजनीति और खासकर मुंबई में उनका खासा प्रभाव था। उनका राजनीतिक सफर भी बड़ा अनोखा था। वो एक पेशेवर कार्टूनिस्ट थे और शहर के एक अखबार फ्री प्रेस जर्नल में काम करते थे। बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। बाला साहेब ठाकरे ने 1966 में शिवसेना का निर्माण किया और मराठी मानुस का मुद्दा उठाया। उस समय नौकरियों का अभाव था और बाला साहेब ठाकरे का दावा था कि दक्षिण भारतीय लोग मराठियों की नौकरियां छीन रहे हैं। उन्होंने मराठी बोलने वाले स्थानीय लोगों को नौकरियों में तरजीह दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन भी किया। वहीं उत्तर भारतीयों को लेकर भी कई बार विवाद हुआ। आज भी राज ठाकरे खुलकर उत्तर भारतीयों को मुंबई में मराठी समुदाय के लोगों की नौकरी छीनने को लेकर बयान देते हैं। मगर यही नहीं बाला साहेब को हिन्दू सम्राट भी कहा जाता है। वर्ष 1992 में जब अयोध्या का विवादित ढांचा गिराया गया था तब भारतीय जनता पार्टी या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने तो खुलकर जिम्मेदारी नहीं ली। सभी लोगों ने यहां तक कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवकों का इससे कोई लेना देना नहीं है, लेकिन बाला साहेब ठाकरे से जब यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमारे लोगों ने ये गिराया है और मुझे उसका अभिमान है। उन्होंने एक समय यहां तक कह दिया था, हिंदू अब मार नहीं खाएंगे, उनको हम अपनी भाषा में जवाब देंगे। ऐसे में जब एक मुसलमान उनकी जिंदगी पर बन रही फिल्म में उनका किरदार निभा रहा है तो ये वाकई में अद्भुत है। हालांकि मैं तो हमेशा ही कहता हूं कि कला और कलाकार का कोई मजहब नहीं। कला ही सबको जोड़ती है और देखिए आज इस फिल्म का निर्माण शिवसेना के नेता संजय राउत कर रहें है उन्होंने ही इस फिल्म को लिखा भी है। नवाज भी इस फिल्म और किरदार को लेकर काफी खुश हैं।
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