दोगुना हुआ खनन
01-Jan-2018 09:31 AM 1234804
मध्यप्रदेश में रेत, बजरी और भूमि से निकलने वाले खनिजों के अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2014 से पहले प्रदेश में जहां अवैध खनन का कारोबार 20,000 करोड़ रूपए का था, वह अब बढ़कर 40,000 करोड़ रूपए हो गया है। यह इस बात का संकेत है की अवैध खनन के कारोबार पर सरकार की सख्ती का कोई असर नहीं पड़ रहा है। खनिज विभाग का दावा है कि प्रदेश में खनिजों के परिवहन पर निगरानी के लिए सभी 51 जिलों में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिट पास (ई-टीपी) की व्यवस्था को लागू किया गया है। अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की जानकारी मासिक-पत्रक के रूप में एमआईएस रिपोर्ट के रूप में प्राप्त की जा रही है, लेकिन विभाग को अवैध खनन के आंकड़ों की पूरी जानकारी नहीं है। मध्यप्रदेश में खनन कारोबार का पिछले 11 सालों में इस कदर विस्तार हुआ है कि राज्य के हर हिस्से में खदानों का खनन हो रहा था जिसके चलते अवैध उत्खनन का ग्राफ बढ़ गया है। माफिया ने अपने पैर फैला लिए है। 28 जिलों में है एकछत्र राज कोल इंडिया की रिपोर्ट को आधार माने तो मध्यप्रदेश में 11 साल में करीब 78 लाख 26 हजार 863 क्यूबिक मीटर गौण खनिज और 356 हजार 778 क्यूबिक मीटर प्रमुख खनिज का अवैध खनन हुआ है। कोल मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में मप्र के अवैध खनन की जो तस्वीर प्रस्तुत की है उससे यही लगता है कि प्रदेश में संगठित तरीके से अवैध खनन हो रहा है। रेत और पत्थर के अवैध खनन के लिए कुख्यात ग्वालियर-चंबल अंचल हो या फिर मालवांचल या विंध्य या महाकौशल, हर क्षेत्र में वैध खनन की आड़ में अवैध खनन हो रहा है। प्रदेश में करीब 28 जिलों में तो खनन माफियाओं का एकछत्र राज है। इन पर न तो सरकार हाथ डाल पा रही है और न ही जिम्मेदार अधिकारी। खनिज विभाग के अफसर तो इनकी जानकारी लेना तो दूर किसी प्रकार मुंह खोलने को भी तैयार नहीं होते। यही वजह है कि कई जिलों में अवैध उत्खनन के मामले में खनन माफियाओं पर लगाए गए अर्थदंड के अरबों रूपए वसूल नहीं हो पा रहे हैं। हालत यह है कि प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों में 50 से 100 प्रकरण लंबित हैं, जिसमें खनन माफिया पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। छतरपुर, रीवा, ग्वालियर में 100 से अधिक प्रकरण लंबित हैं, जबकि जबलपुर, बालाघाट, डिंडोरी, पन्ना, टीकमगढ़, सतना, सीहोर, रायसेन और देवास जिले में करीब 50 से 100 के बीच अवैध उत्खनन के प्रकरण लंबित हैं। वहीं अन्य जिलों में पचास से कम हैं। बीते वित्तीय वर्ष में खनिज के अवैध परिवहन के लगभग 14 हजार प्रकरण दर्ज किए गए थे। खनिज विभाग द्वारा जारी आधिकारिक ब्यौरे में बताया है कि बीते एक वर्ष में राज्य के खनिज राजस्व में 64 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में वर्ष 2016-17 में खनिज राजस्व के रूप में 3746 करोड़ 11 लाख रुपये की आय हुई है, जबकि वर्ष 2015-16 में 3610 करोड़ 56 लाख रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी। विभाग का दावा है कि राज्य में खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर रोक लगाई गई है। वर्ष 2016-17 में अवैध परिवहन के 11 हजार 885, अवैध भंडारण के 648 और अवैध खनन के 827 प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की गई। इन प्रकरणों में अर्थदंड के रूप में करीब 35 करोड़ रुपये दोषियों से जमा कराए गए। बीते तीन साल में रेत और गिट्टी का अवैध कारोबार बढ़कर लगभग 40 हजार करोड़ रुपए प्रति वर्ष होने का अनुमान है। पत्थर और रेत के इस काले कारोबार से हो रही अंधी कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले ग्वालियर में ही लगभग 2 करोड़ रुपए का पत्थर और 35 लाख रुपए की रेत प्रतिदिन निकाली जा रही है। इस पूरे काले कारोबार से सरकार को इस वर्ष सिर्फ 22 करोड़ रुपए रॉयल्टी के रूप में मिले हैं। ऐसा ही हाल प्रदेश के अन्य जिलों का है। प्रदेश सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ भले ही कई कदम उठाए हैं, लेकिन उसका असर माफिया पर पड़ता नहीं दिख रहा है। सरकार के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं। माइनिंग प्लान से किया जाता है धोखा माइनिंग क्वांटिटी किसी ने 20 हजार पर क्यूबिक मीटर एक साल के लिए ली गई हो। अगर किसी ने कॉन लगा दिया तो एक दिन में ही 20 हजार क्यूबिक मीटर गिट्टी निकाल देगा। माइनिंग प्लान मंजूरी पर बड़ा धोखा दिया जा रहा है। खनन की ज्यादा मात्रा की अनुमति दे दी जाए तो खनिज को चोरी करने का मौका मिल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि माइनिंग के लिए प्रदेश सरकार को प्लान पर फोकस करना जरूरी है। लीज धारक को लगभग 1 लाख क्यूबिक मीटर गिट्टी निकालने की अनुमति दी जा सकती है। माइनिंग प्लान में मात्रा अधिक हो जाने पर रॉयल्टी की राशि में दो से चार गुनी तक बढ़ोतरी हो सकती है। माइनिंग लीज धारक के पास पत्थर निकालने की वैध अनुमति होने पर चोरी करने का बहाना नहीं रहेगा। -सुनील सिंह
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^