07-Dec-2017 08:21 AM
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प्रदेश मिशन 2018 की तैयारी में जुटी भाजपा के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने मंत्रियों और विधायकों की उनके क्षेत्र में खराब स्थिति है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बार-बार विधायकों से वन टू वन कर उन्हें अपनी परफारमेंस सुधारने की हिदायत दे रहे हैं। बार-बार की हिदायत के बाद भी विधायक संभल नहीं रहे हैं इसलिए पार्टी विधायकों के लिए टिकट वितरण में फार्मूले 5W1H का सहारा ले रही है। विधायकों से सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सीएम वन टू वन चर्चा भी कर रहे हैं और खऱाब पर्फार्मेंस पर फटकार भी लगा रहे हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव से साल भर पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान. सर्वे रिपोर्ट पर विधायकों से वन-टू-वन चर्चा कर रहे हैं। खास बात ये है, कि टिकट वितरण के लिए पत्रकारिता के 5ङ्ख1॥ फार्मूला इस्तेमाल किया जा रहा है और सटीक जवाब देने के लिए अलग से रैंकिंग की जा रही है। विधायकों से ये भी पूछा जा रहा है, कि विधायक बनने के बाद उनकी संपत्ति कितनी बढ़ी। हालांकि सीएम से सीधे संवाद को विधायक कामकाज में सुधार का जरूरी हिस्सा बता रहे हैं।
सीएम विधायकों को नसीहत भी दे रहे हैं, कि पेंडिंग घोषणाओं को पूरा कराएं, नई घोषणाएं करने से बचें। बहुत जरूरी हो तभी नए वादे करें। अब देखना होगा, कि इन फार्मूलों से बीजेपी को कितनी सफलता मिलती है। अगले साल होने वाले विधानसभा के आम चुनावों के चलते सरकार अभी से चुनावी मोड में आ गई है। सरकार और भाजपा संगठन द्वारा अभी से अपने विधायकों की गोपनीय रिपोर्ट तैयार करवा कर उनके कामकाज की समीक्षा कर उन्हें चेतावनी देने का काम जारी है। इसके लिए स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधायकों से वन टू वन चर्चा कर उनके कामकाज की रिपोर्ट बताई जा रही है।
हाल ही में सीएम ने सभी विधायकों से चर्चा की और उन्हें कामकाज सुधारने की नसीहत देते हुए टिकट तक काटने की चेतावनी दी। सीएम ने कहा कि मेरे पास सबकी गुप्त रिपोर्ट है। काम करो नहीं तो आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट नहीं दिया जाएगा और जनता के साथ अच्छा व्यवहार रखें। सीएम के साथ बातचीत के लिए प्रत्येक विधायक को 15 से लेकर 25 मिनट का समय दिया गया था।
मुख्यमंत्री के पास एक-एक विधायक का रिपोर्ट कार्ड था। रिपोर्ट के आधार पर एक-एक विधायक से चर्चा हुई, कुछ विधायकों को सीएम ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि सबकी रिपोर्ट है, काम नहीं करोगे तो अगली बार टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने क्षेत्र में और अधिक सक्रियता बढ़ाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री का फोकस इस बात पर रहा कि अगले बार होने वाले विधानसभा चुनाव में विधायकों का परफॉरमेंस और बेहतर हो।
चर्चा के पहले एक-एक विधायक के क्षेत्र का सर्वे सीएम ने कराया। इसमें विधायकों के काम-काज, क्षेत्र में आमजन के लिए कितना समय देते हैं और कितना नहीं, व्यवहार कैसा है इत्यादि। इन पांच जिलों के आधा दर्जन विधायक ऐसे रहे जिनका परफॉरमेंस संतोषजनक नहीं रहा। सीएम ने नसीहत दी कि काम-काज को सुधारें। चर्चा के दौरान विधायकों से और बेहतर किए जाने के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने जनता के साथ अच्छे व्यवहार करने के लिए भी कहा। विधायकों ने सीएम के द्वारा की गई घोषणाओं को समय पर पूरा कराए जाने का आग्रह किया। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि यह वित्तीय वर्ष समाप्त होते-होते अधिकांश घोषणाएं पूरी हो जाएंगी।
- भोपाल से रजनीकांत पारे