सीएस बनने लॉबिंग
07-Dec-2017 06:49 AM 1234889
छत्तीसगढ़ राज्य की प्रशासनिक मशीनरी में हलचल बढ़ गई है। मुख्य सचिव विवेक ढांड की सेवानिवृत्ति में भले ही चार महीने बाकी हों, लेकिन ब्यूरोक्रेसी में इस पद के लिए खींचतान शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के करीबी दो अफसरों, 1983 बैच के आईएएस अजय सिंह और 1985 बैच के आईएएस एन बजेंद्र कुमार अग्रिम पंक्तियों में बताए जा रहे हैं। उच्च प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि सरकार वरिष्ठता को नजरअंदाज करके मुख्य सचिव की नियुक्ति करने पर विचार नहीं कर रही है। ऐसे में एसीएस अजय सिंह के नाम पर मुहर लग सकती है। विवेक ढांड फरवरी 2018 में रिटायर हो रहे हैं। इस बीच, चर्चा यह है कि ढांड को रेरा का चेयरमैन बनाया जा सकता है। ऐसे में फरवरी से पहले ही मुख्य सचिव की नियुक्ति की जानी है। इस लिहाज से देखें तो मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने तीन नए एसीएस बनाकर संकेत दे दिए हैं कि जल्द ही नए मुख्य सचिव की ताजपोशी कर दी जाएगी। 1987 बैच के सीके खेतान, आरपी मंडल और ब्हीवी सुब्रमण्यम को मंगलवार को एसीएस बनाया गया। मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल अजय सिंह के बैच वाले एसीएस एमके राउत 30 नवंबर को रिटायर हो गए हैं। इसके बाद सिंह को वरिष्ठता के आधार पर टक्कर देने वाले एसीएस एन बैजेंद्र कुमार प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। हालांकि चर्चा है कि अजय सिंह फरवरी 2020 में रिटायर होंगे, वहीं बैजेंद्र कुमार जुलाई 2020 तक रिटायर होंगे। ऐसे में सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बैजेंद्र कुमार भी पांच महीने मुख्य सचिव की कुर्सी पर रह सकते हैं। सचिवालय के आला अधिकारियों ने बताया कि मुख्य सचिव के नेतृत्व में अगला विधानसभा और लोकसभा चुनाव होगा। ऐसे में सरकार भी किसी ऐसे अफसर को बाहर से नहीं लाना चाहती, जिससे सामंजस्य बिठाने में दिक्कत आए। सीएस विवेक ढांड के रिटायरमेंट के बाद 1983 बैच के आईएएस अजय सिंह मुख्यसचिव पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। यदि विवेक ढांड का एक्सटेंशन नहीं हुआ तो इस पद के लिए उनका नंबर लगना तय माना जा रहा है। अजय सिंह के बाद वरिष्ठता में हाल ही में एनएमडीसी के सीएमडी बनाए गए एन. बैजेंद्र कुमार हैं। उनकी छत्तीसगढ़ वापसी सरकार के निर्णय पर ही तय होगी। वहीं एसीएस एमके राउत भी जल्द रिटायर हो रहे हैं। दूसरी ओर वरिष्ठ आईएएस सुनील कुजूर पहले ही साइड लाइन चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ कैडर के लगभग एक दर्जन अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसमें एन बैजेंद्र कुमार, मनोज पिंगुआ, निधि छिब्बर, गौरव द्विवेदी, मनविंदर कौर द्विवेदी और अमित कटारिया प्रमुख हैं। इसमें गौरव द्विवेदी और मनविंदर कौर द्विवेदी की वापसी होने वाली है, लेकिन अभी तक रिलीव नहीं हुए हैं। प्रदेश में आईएएस कैडर के 193 पद स्वीकृत हैं। हाल ही में डीओपीटी ने राज्य के लिए 15 आईएएस का कोटा बढ़ाया है। इससे पहले प्रदेश में 178 आईएएस का पद था। इन पदों के लिए प्रदेश में सिर्फ 158 आईएएस ही कार्यरत है। ऐसे में प्रदेश को 35 आईएएस की कमी झेलनी पड़ रही है। गरियाबंद कलेक्टर और 2006 बैच की आईएएस श्रुति सिंह उत्तर प्रदेश कैडर में जाना चाहती है। इसके लिए उन्होंने आवेदन भी लगाया है। श्रुति यूपी की हैं और वे होम कैडर में जाना चाहती है। केंद्र से स्वीकृति मिलते ही उन्हें यूपी के लिए रिलीव कर दिया जाएगा। इससे पहले आईएएस रविकांत गुप्ता को रिलीव किया गया है। ढांड को मिल सकता है 6 महीने का एक्सटेंशन छत्तीसगढ़ सरकार को अधिकारियों की सरकार कहा जाता है और इस विश्वसनीयता को लाने के पीछे अधिकारियों के वेल प्लानिंग ही कारण रही है। कहते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार में अधिकारियों की दखल राजनीतिक दखल से भी ज्यादा है। इसके पीछे अधिकारियों के सबसे बड़े केंद्र में चीफ सेकेट्री की महती भूमिका है। हो भी क्यों न आखिर प्रदेश में प्रशासन की बागडोर को थाम कर चलाने के लिए चीफ सेक्रेट्री विवेक ढांड ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। यही कारण है मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सबसे करीबी माने जाते हैं। अब मार्च 2018 में सेवा निवृत्ति का समय भी नजदीक आ रहा है लेकिन सरकार उन्हें 6 महीने का एक्सटेंशन जरूर देगी क्योंकि नवंबर-दिसंबर में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने है। चुनाव के समय उनकी काफी जरूरत होगी। मंत्रालय में पदस्थ हायर लेवल ब्यूरोक्रेट्स में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि उन्हें 6 महीने का एक्सटेंशन जरूर मिलेगा और इसके लिए नियम का प्रावधान भी है। दरअसल उत्तर प्रदेश समेत दो राज्यों में चीफ सेक्रेट्री को इस तरह का एक्सटेंशन दिया जा चुका है। -रायपुर से टीपी सिंह के साथ संजय शुक्ला
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