15-Jun-2013 06:56 AM
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मायानगरी मुंबई ही नहीं दक्षिण की फिल्मी दुनिया में भी अपराध ने दस्तक दे दी है। ऐसी अभिनेत्रियों की कमी नहीं है जो शरीर को सीढ़ी बनाकर सफलता के पायदान पर चढ़ती जा रही हैं और सफलता

के इस नशे में अपराध की दुनिया में भी अपनी जगह बना चुकी हैं। हाल ही में मशहूर अभिनेत्री लीना मारिया को जालसाजी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया तो रंगीन दुनिया का खतरनाक सच सामने आ गया। लीना ने लगभग ढाई सौ करोड़ की जालसाजी अपने प्रेमी के साथ मिलकर की और लगातार दुनिया की आंखों में धूल झोंक रही थी। जिन अधिकारियों को उसके कारनामों की भनक थी उनके सामने लीना बिस्तर की तरह बिछ गई। उसके खूबसूरत जिस्म के जाल में कई अधिकारी फंसते चले गए और इस 25 वर्षीय अभिनेत्री ने अपने प्रेमी बालाजी के साथ मिलकर अकेले चेन्नई में 20 करोड़ रुपए की जालसाजी कर डाली।
बेंगलुरु निवासी बालाजी रंगीन मिजाज और अपराधी प्रवृति का बताया जाता है। लोगों को ठगना उसका पेशा रहा है। लाखों की काली कमाई करने के लिए खुद को आईएएस अधिकारी बताता था। कई बार किसी बड़े अधिकारी को प्रभावित करने के लिए खुद को कभी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करुणानिधि का पोता बताता, तो कभी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पुत्र निखिल गौड़ा का नजदीकी दोस्त। लीना को भी बालाजी के झांसे में फंसते देर नहीं लगी। उसने धीरे-धीरे उसे अपने रंग-ढंग में ढाल लिया। अब लीना ने अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरी करने के लिए बालाजी के साथ मिलकर ठगी करनी शुरू कर दी। वह बकरा तलाशता और लीना उसका शिकार कर लेती। उसकी एक अदा पर लाखों रुपये निछावर करने वालों की कमी नहीं थी। कभी मुंबई, कभी चेन्नई, तो कभी दिल्ली में दोनों की रात रंगीन होने लगी। फिल्म अभिनेत्री से लीना लेडी नटवार लालÓ बन गई। सूत्रों के मुताबिक, बालाजी और लीना अब लाखों से करोड़ों कमाने के चक्कर में थे। योजना के तहत बालाजी ने चेन्नई के एक फाइव स्टार होटल में केनारा बैंक के एक बड़े अधिकारी से मुलाकात की। उसके साथ अदाकारा लीना भी थी। उसे देखकर अधिकारी के मुंह में पानी आ गया। बालाजी ने उससे खुद को आईएस अफसर बताया था। लीना हीरोइन थी, उन दोनों से अधिकारी को प्रभावित होते देर नहीं लगी। उसी समय अगली मीटिंग कहां और कब होनी है, तय हो गई। बालाजी ने मौके का लाभ उठाते हुए जाली दस्तावेज के आधार पर एक फर्म खोलने का बड़ा प्रोजेक्ट पेश कर दिया और केनरा बैंक के उस अधिकारी से 30 करोड़ रुपये लोन देने की गुजारिश की। इस मिशन में लीना ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जहां, जब और जैसे जरूरत पड़ी, उसे बैंक के बड़े अधिकारियों के पास जाने में गुरेज नहीं रहा। नतीजतन केनरा बैंक ने एक सप्ताह में ही 19 करोड़ रुपये का लोन बालाजी के नाम पास कर दिया। इससे पहले लीना और बालाजी मिलकर कुछ अन्य लोगों को भी कई करोड़ का चूना लगा चुके थे। ऐसे में अब चेन्नई में ज्यादा दिन रहना उनके लिए खतरे से खाली नहीं था। दोनों दिल्ली भाग आए। चेन्नई केनरा बैंक को इस बीच पता चला कि बालाजी कोई आईएएस अफसर नहीं बल्कि एक जालसाज है। लीना के साथ मिलकर उसने बैंक को ठगा है, तो अधिकारी सन्न रह गए। 12 मार्च 2013 को लीना और बालाजी उर्फ चंद्रशेखर रेड्डी के खिलाफ चेन्नई थाना कोतवाली में धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 406 (विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज करा दिया गया। पुलिस दो महीने तक बालाजी और लीना की तलाश करती रही। इस बीच इसी मामले में एक बैंक मैनेजर को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई, तो फरेब का रहस्य और गहराने लगा। मई, 2013 के प्रथम सप्ताह में पता चला कि लीना अपने बॉयफ्रेंड के साथ दिल्ली के एक फार्म हाउस में छिपकर रह रहे हैं। चेन्नई पुलिस ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार से संपर्क किया। उन्होंने डीसीपी (साउथ) भाला शंकर जायसवाल को मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया। मामला बड़ा और करोड़ों के घोटाले से जुड़ा था, इसलिए क्राइम ब्रांच के तेज-तर्रार अफसरों की एक टीम बनाई गई।
27 मई की शाम क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि लीना साउथ दिल्ली के असोला स्थित खारी फार्महाउस में रहती है। बालाजी भी वहीं मौजूद है। बालाजी पुलिस को देखते ही अपनी कार से फरार हो गया। फार्महाउस असोला गांव के महेंद्र सिंह का है। आरोपियों ने साढ़े चार लाख रुपये महीने के किराए पर लिया हुआ था। दोनों यहां करीब एक महीने से नौ लग्जरी गाडिय़ों के बेड़े के साथ रह रहे थे। फार्म हाउस के अंदर खड़ी आधा दर्जन से ज्यादा लग्जऱी गाडिय़ों को देखकर पुलिस की आंखें फटी की फटी रह गर्इं। इसके बाद पुलिस ने वसंत विहार के एक शॉपिंग मॉल से लीना को गिरफ्तार कर लिया।