17-Nov-2017 06:43 AM
1234843
पिछले कुछ समय से हॉकी में भारत की महिला और पुरुष टीमों का जैसा प्रदर्शन सामने आ रहा है, उसे देखते हुए इस खेल में भारत के सुनहरे अतीत की याद आना स्वाभाविक है। हाल ही में ढाका में हुए एशिया कप में पुरुष हॉकी टीम ने खिताबी जीत हासिल की थी। अब जापान के कागामिगहारा में हुए महिला एशिया कप हॉकी के फाइनल में भारतीय टीम ने जो कामयाबी हासिल की है, वह कई लिहाज से अहम है। अव्वल तो चीन के साथ फाइनल मैच में दोनों टीमों के बीच जबर्दस्त टक्कर रही और इसमें भारतीय खिलाडिय़ों ने साबित किया कि अब उनसे पार पाना आसान नहीं है।
भारत ने जापान के काकामिगहरा में खेले गए फाइनल में चीन को पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हराकर 13 बरस बाद एशिया कप जीता। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम इस महाद्वीप की चैंपियन हो गई है और इस नाते उसे अगले साल होने वाली विश्वकप हॉकी प्रतियोगिता में जगह मिल गई। आठ साल पहले इसी प्रतियोगिता के खिताबी मुकाबले में चीन ने भारत को हराया था। यानी इस जीत के साथ भारत ने अपना वह हिसाब भी चुकता किया है। भारत ने रैंकिंग में स्पेन को 11वें स्थान पर धकेलकर 10वां स्थान हासिल किया। रैंकिंग में टॉप तीन टीमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। विश्व और यूरोपीय चैंपियन नीदरलैंड्स टॉप पर है, जबकि इंग्लैंड दूसरे और अर्जेंटीना तीसरे स्थान पर है। पुरुष टीमों की रैंकिंग में भारत छठे स्थान पर बना हुआ है।
हालांकि एशिया कप में यह स्वर्णिम जीत हासिल करने में भारत की महिला हॉकी टीम को तेरह सालों का लंबा इंतजार करना पड़ा, लेकिन अब इसने उम्मीदें बढ़ा दी हैं। यों एशिया कप के लीग मैचों में भी भारतीय टीम ने यह साबित किया कि उसका जीतना कोई संयोग का मामला नहीं है, बल्कि उसके लिए पूरी टीम ने हर मोर्चे पर मेहनत की और मैदान में संगठित योजनाबद्ध खेल का प्रदर्शन किया और अपने ग्रुप में शीर्ष पर बनी रही। भारतीय खिलाडिय़ों ने एशिया कप के लीग राउंड में भी चीन को 4-2 के अंतर से शिकस्त दी थी और इस तरह उनके हौसले पहले से ही बुलंद थे। लेकिन फाइनल मुकाबले में कांटे की टक्कर के रोमांच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि निर्धारित समय में दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर रह गईं। यहां तक कि पेनल्टी शूटआउट में पांच-पांच मौके मिलने के बावजूद दोनों टीमें चार गोल की बराबरी पर रहीं। आखिर सडेन डेथÓ के तहत चीनी खिलाड़ी गोल नहीं कर सकीं और भारत की ओर से रानी के अचूक निशाने के बूते अंतिम नतीजा 5-4 से भारत के पक्ष में रहा।
दरअसल, एक दौर में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में भारत का जलवा लंबे समय तक कायम रहा, लेकिन बाजार के साए में क्रिकेट के जुनून और चकाचौंध में बाकी खेलों सहित हॉकी के मैदान में भी भारत पिछड़ता गया। हॉकी में नए प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की खोज से लेकर उनके प्रशिक्षण और प्रोत्साहन का सवाल हाशिये पर रहा। जब क्रिकेट की टीम किसी प्रतियोगिता में जीत हासिल करती है तो खिलाडिय़ों पर तोहफों और पैसों की बरसात हो जाती है, लेकिन हॉकी या दूसरे खेलों में शानदार कामयाबी पर भी ऐसा नहीं देखा जाता। अलबत्ता इस बार एशिया कप में महिला टीम की जीत के बाद हॉकी इंडिया ने सभी खिलाडिय़ों को एक-एक लाख रुपए पुरस्कार देने की घोषणा की है। हाल में हॉकी में भारत की महिला और पुरुष टीमों ने जो जज्बा दिखाया है उसे और मजबूत करने के लिए हॉकी इंडिया और खेल महकमे को विशेष रुचि दिखानी होगी और नई प्रतिभाओं को सामने लाने की गंभीर कोशिशें करनी होंगी।
-आशीष नेमा