01-Nov-2017 08:01 AM
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फीफा ने अपना काम कर दिया, उसे जिंदा रखना अब हमारा कर्तव्य है। भारत में दम तोड़ रही फुटबॉल की लोकप्रियता को फीफा ने नया आयाम दे दिया है। दूसरे खेलों को पंसद करने वाले भी 6 से 28 अक्टूबर के बीच हिंदुस्तान में हुए जूनियर फुटबॉल विश्व कप के रंग में रंगे दिखाई दिए। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए आहवान किया। विश्व के फुटबॉल जगत में इस समय भारत की चर्चा हो रही है। फीफा अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप की हिंदुस्तान ने ऐतिहासिक सफल मेजबानी करके फीफा आयोजकों का मन मोह लिया है।
भारतीय टीम ने अमेरिका, कोलंबिया और घाना के खिलाफ शानदार खेल दिखाया। भारत के लिए पहली बार विश्व कप में खेलना और अपने घरेलू दर्शकों के समक्ष गोल करना, महान उपलब्धि है। भारत के लिए विश्व कप में पहला गोल करने वाले खिलाड़ी जैक्सन सिंह की हर ओर तारीफ हो रही है। भारत के लिए फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी भविष्य में बहुत ही अहम साबित होगी। सिलसिला अगर ऐसा ही बरकरार रहा तो भारत निश्चित तौर पर विश्व फुटबॉल में एक अहम स्थान हासिल करेगा। फीफा अंडर- 17 का फाइनल भारतीय फुटबॉल का मक्का माना जाने वाले शहर कोलकाता में हुआ। कोलकाता के विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन में शनिवार को फाइनल के लिए इंग्लैंड व स्पेन आमने-सामने थीं। फीफा अंडर-17 के इस विश्व कप के रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड, स्पेन को 5-2 के अंतर से करारी शिकस्त देकर, जूनियर फुटबॉल का नया बादशाह बना। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही इंग्लैंड ने न सिर्फ स्पेन के खिताब जीतने की ख्वाहिश को चौथी बार तोड़ा, बल्कि इसी साल मई में हुई अंडर-17 यूरोपियन चैंपियनशिप के फाइनल में मिली हार का भी बदला ले लिया। कोलकाता में हुए फाइनल मैच को देखने के लिए दर्शकों की दीवानगी देखने लायक थी। हर वर्ग के लोग टिकटों को हासिल करने के लिए लाइनों में लगे थे। क्या खास, क्या आम सभी मैच देखने के लिए उतावले दिखाई दिए। बंगालियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। दरअसल बंगाल और फुटबॉल का संबंध चोली और दामन की तरह माना जाता है। भारत में फुटबॉल का जन्म पश्चिम बंगाल से हुआ ही माना जाता है।
फीफा आयोजन समिति ने फीफा अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप के सफल आयोजन के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया है। साथ ही फुटबॉल के भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं। दरअसल भारतीय फुटबॉल के लिए यह क्षण किसी खिताब जीतने से कम नहीं है। क्रिकेट के दीवाने भारत में फीफा का आयोजन किसी करिश्मे से कम नहीं है। इस समय क्रिकेटप्रेमियों पर भी फुटबॉल को लेकर जुनून और बुखार चढ़ा हुआ है। हिंदुस्तान में क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों को उतनी अहमियत नहीं मिली। यही वजह है कि अब क्रिकेटमय भारत में फुटबॉल को लोकप्रिय करने की कोशिशें शुरू की जा रही हैं। फीफा आयोजन समीति के लोग भी मानते हैं कि भारत में फुटबॉल को जगाने की बेहद जरूरत है। उनका इशारा भारत में फुटबॉल की दीवानगी को हवा देने की तरफ है।
हमारे यहां समूचे दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में फुटबॉल हमेशा से लोकप्रिय रहा है। पर, क्रिकेट पर प्रत्यक्ष रूप से इस लोकप्रियता पर ग्रहण लगने का आरोप लगता रहा है। देश में इस समय कई हिस्सों में फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र खुल चुके हैं। इंग्लैंड में पूर्व कम्युनिटी कोच बिल एडम्स ने भी दिल्ली में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है जिसमें इस समय करीब 200 बच्चे फुटबॉल का ककहरा सीख रहे हैं। एक रिसर्च पर गौर करें तो हिंदुस्तान में 8 करोड़ से ज्यादा दर्शक फुटबॉल देखते हैं और उनमें से 55 फीसदी घरेलू लीग देखना पसंद करते हैं। इस संख्या में पिछले कुछ सालों में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है।
-आशीष नेमा