01-Nov-2017 09:27 AM
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सहकारिता विभाग अब लोक परिवहन के क्षेत्र में उतरेगा। परिवहन की सहकारी समिति बनाकर ई-रिक्शे चलवाए जाएंगे। इसकी शुरुआत भोपाल, इंदौर सहित संभागीय मुख्यालय से होगी। भोपाल में इनके दायरे रंगों के हिसाब से तय होंगे यानी एक रंग के ई-रिक्शों के लिए एक क्षेत्र निश्चित होगा। समितियों को ई-रिक्शा खरीदने में मदद करने सदस्यों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से कर्ज भी दिलाया जाएगा। इसके लिए अगले सप्ताह तक सहकारिता विभाग नियमों को तय करके जिलों को भेज देगा।
सूत्रों के मुताबिक भोपाल में ई-रिक्शा को बीआरटीएस से लिंक किया जाएगा। अभी दिक्कत है कि बीआरटीएस स्टैंड से लोगों को कॉलोनियों तक जाने के लिए लिंक वाहन नहीं मिलते हैं। इसे देखते हुए तय हुआ है कि इन्हें बीआरटीएस से जोड़ा जाएगा। जोन (कलस्टर) भी इसी हिसाब से बनाए जाएंगे। एक जोन में एक ही रंग के ई-रिक्शा ही चलेंगे, जैसे राजधानी के अरेरा कॉलोनी क्षेत्र के लिए हरे रंग के ई-रिक्शे तय होंगे, तो न्यू मार्केट क्षेत्र के लिए नारंगी रंग रहेगा। जोन के हिसाब से ही ई-रिक्शे के दायरे भी तय होंगे। मौजूदा रिक्शों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। यदि वे ई-रिक्शा चलाने चाहते हैं, तो अपनी सहकारी समिति भी बना सकते हैं।
सहकारिता विभाग ने तय किया है कि 30 नवंबर तक संभागीय मुख्यालयों के साथ जिलों में एक परिवहन सोसायटी का गठन किया जाएगा। इसके लिए उप पंजीयकों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। वे मौजूदा रिक्शा चालकों या युवाओं को जोड़कर समिति बना सकते हैं। समिति में कम से कम 20 सदस्य होंगे। इनके नाम पर ही बैंकों से ऋण दिलाया जाएगा। इसके बाद ई-रिक्शों को सड़क पर उतारने में मार्च-अप्रैल तक का समय लग सकता है।
सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग ने दावा किया है कि सहकारिता के जरिए रोजगार के नए रास्ते खोले जाएंगे। इसके लिए विभाग ने नवाचार के जो नए क्षेत्र खोजे हैं, उन्हें जमीन पर उतारना शुरू कर दिया है। ई-रिक्शा प्रोजेक्ट पहले संभागीय मुख्यालय और फिर जिला मुख्यालय में लागू किया जाएगा। इसके लिए न सिर्फ सहकारी समितियां बनाई जाएंगी, बल्कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत कर्ज भी दिलाया जाएगा।
ई-रिक्शा संचालन सहकारी समिति ने पर्यावरण के अनुकूल छोटे मार्गों और खासकर मुख्य मार्गों की मौजूद संभावनाओं को तलाशा है। ई-रिक्शा परिवहन समिति जबलपुर द्वारा 10, सागर द्वारा 2, रीवा द्वारा 3 और गंधवानी जिला धार द्वारा 5 ई-रिक्शा का संचालन किया जा रहा है। धार जिला ई-रिक्शा सहकारी समिति के डायरेक्टर ऋषभ पाटनी और अध्यक्ष सदाशिव पटवा ग्रामीण क्षेत्र में ई-रिक्शा संचालन के सफल अनुभव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर बता चुके हैं। गाइडिंग हेंडस ट्रांसपोर्ट को-आपरेटिव्ह सोसायटी धार द्वारा मुख्य मार्ग को गांव से जोडऩे वाले मार्ग रिक्शा का सफल संचालन किया जा रहा है।
सहकारी पर्यटन समितियों ने पिछले एक वर्ष में उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। अब तक 31 सहकारी पर्यटन समितियां अस्तित्व में आ चुकी हैं। ईको पर्यटन के तहत पर्यावरण संरक्षण के प्रति आम नागरिकों में संवेदनशीलता बढ़ाने में इन समितियों को कामयाबी मिल रही है। छिन्दवाड़ा पर्यटन सहकारी समिति खासकर पातालकोट के ग्रामीण युवाओं द्वारा एडवेंचर स्पोट्र्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। झाबुआ में कड़कनाथ मुर्गा-मुर्गी पालन में सहकारी समितियों ने भी तेजी से सफलता हासिल की है।
सहकारिता से अंत्योदय के रोडमेप पर अमल शुरू
सहकारिता से अंत्योदय के लिए सहकारिता विभाग द्वारा तैयार रोडमेप पर अमल शुरू हो चुका है। शुरूआत में ही सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं। सहकारिता के नये क्षेत्रों में 300 से अधिक सहकारी समितियां गठित कर क्रियाशील की गई हैं। समितियां रोजगार के नये स्रोत तलाश कर अंत्योदय की अवधारणा को हकीकत में बदलने का काम कर रही हैं। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग के अनुसार सहकारिता विभाग समग्र ग्रामीण विकास के तहत गांव में खेती के साथ अन्य उपलब्ध वैकल्पिक रोजगार के साधन के लिए प्रयासरत है। विभाग द्वारा त्रि-स्तरीय समग्र विकास योजना बनाई गई है। ग्रामीण स्तर पर स्थानीय समितियां, जिला स्तर पर जिला समिति और राज्य स्तर पर फेडरेशन बनाया जाएगा। ग्रामीण स्तर की समितियां अपने ही क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले कच्चे माल के आधार पर उत्पादन करेंगी। इन समितियों को कच्चा माल और आवश्यक पूंजी जिला समिति उपलब्ध करवायेगी। जिला समिति को आवश्यक धन प्रदेश स्तर पर फेडरेशन के माध्यम से सहकारी बैंक प्रदान करेंगे।
- रजनीकांत पारे