बदल गए केजरीवाल
17-Oct-2017 08:35 AM 1234786
कुछ माह पहले तक अपनी बेबाकी के कारण विवादों में रहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं। दावा तो किया जा रहा है कि वे पूरी तरह बदल गए हैं। तो क्या ये केजरीवाल की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है या तूफान से पहले की शांति है। इस पर अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि वो शांत हैं क्योंकि जनता बोल रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के बाद बड़े आक्रामक होकर अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में इस्तेमाल होने वाली इवीएम मशीन के खिलाफ मोर्चा खोला था, लेकिन उसके तुरंत बाद दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार ने उनको थोड़ा शांत होने पर मजबूर कर दिया था। रही सही कसर उन्हीं की पार्टी के बागी नेता कपिल मिश्रा ने पूरी कर दी थी। कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए, जिसका जवाब देने के बजाए केजरीवाल ने चुप्पी साध ली। केजरीवाल को जानने वाले कहते हैं यह केजरीवाल की तरफ से अल्प विराम था। वो चुप नहीं हुए थे। वो सही मौके की तलाश में थे। आज जब जीएसटी, नोटबंदी के बाद जनता खुद परेशान हो गई है, खुद सरकार की पार्टी के नेता ही प्रधानमंत्री के खिलाफ बोल रहे हों, ऐसे में अब केजरीवाल को लगा कि मौका सही है, इसलिए अल्प विराम को हटा दिया है। बीते एक हफ्ते से भाजपा के अंदर ही अर्थव्यवस्था में मंदी आई है या नहीं इसको लेकर विवाद चल रहा है। पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने सवाल उठाए तो पार्टी की तरफ से जवाब उनके बेटे और मोदी सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा ने दिया। खुद अरुण जेटली सफाई देने मैदान में उतरे। जिस पर अरुण शौरी ने भी जवाब दिया। इसी में केजरीवाल को लगा की मौका भी है और मुद्दा भी। इसलिए टाइमिंग देख कर उन्होंने चुप्पी तोडऩे का फैसला किया। पिछले तीन महीने पर ट्वीटर पर भी केजरीवाल शांत ही रह रहें है। पार्टी के दूसरे नेताओं को रिट्वीट करने के अलावा उन्होंने न तो नरेन्द्र मोदी पर कोई बड़ा वार किया है, और न ही दिल्ली के एलजी के साथ कोई बड़ी जंग मोल ली। बस एक बार सुर्खियों में आए जब चेन्नई जा कर कमल हासन से मुलाकात की, लेकिन उसके बाद भी कोई ऐसा बयान नहीं दिया जिससे चर्चा में बने रहते। इधर कपिल मिश्रा भी बीते दिनों शांत हुए हैं। अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद पहले मिश्रा हर दूसरे दिन प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। कभी सीबीआई तो कभी एंटी करप्पशन विभाग में सबूत देने का दावा करते थे, लेकिन कुछ दिनों से वो भी शांत पड़ गए हैं। कपिल मिश्रा आज भी दावा कर रहे है कि वो अपने आरोपों को अंजाम तक जरूर पहुंचाएंगे, लेकिन साथ ही वो अब भी केजरीवाल को चुप ही बता रहे हैं। उनके मुताबिक जिस दिन वो कपिल मिश्रा के भ्रष्टाचार का जवाब देंगे उस दिन वो मांनेंगे कि केजरीवाल ने चुप्पी तोड़ दी है। कपिल मिश्रा ने ये भी कहा कि, केजरीवाल ने चुप्पी तोड़ी जरूर है, लेकिन अंदाज अब उनका मालिकों वाला है, और जनता को वो आज सेवक समझने लगे है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, शांत रहने के आलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था। पंजाब चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने उन्हें एकजुट विपक्ष का हिस्सा भी नहीं बनने दिया था। राष्ट्रपति चुनाव की बैठक में उनको निमंत्रण भी नहीं दिया था। ऊपर से उनकी पार्टी के ही नेता उनके खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठ गए थे। तो मरता क्या न करता। केजरीवाल के लिए ये आगे की तैयारी भी है। भले ही गुजरात और हिमाचल के आने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पाटी तैयारी में न दिख रही हो, लेकिन इस शांत महौल में पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए वहां काफी मेहनत कर रही है। केजरीवाल ने पिछले दिनों अपने काम करने का तरीका भी बदला है। इसलिए अब वो बिना विभाग के मुख्यमंत्री भी नहीं रहे है। इतना ही नहीं अब वो उस विपक्ष के नेता के साथ भी मंच को साझा करते दिख रहे है, जिन्हें कभी अपना धुर विरोधी बताया करते थे। केजरीवाल में यह बदलाव में कोई गहरी राजनीति है। विवाद से दूर नहीं केजरीवाल भले ही चुप हैं लेकिन विवाद कम नहीं हो रहा है। उन्होंने अभी हाल ही में खुद को दिल्ली का मालिक बताकर सियासी बवाल मचा दिया है। इस बयान को लेकर विपक्ष ने केजरीवाल की जमकर लानत मलानत की है। भाजपा ने केजरीवाल को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि इस बयान से केजरीवाल और उनकी पार्टी एक्सपोज हो गई है, क्योंकि ये वही लोग थे जो सेवक और जनता के नौकर बनने का वादा करके कुर्सी पर काबिज हुए और फिर मालिक बन बैठे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल को अन्ना के दिनों की याद दिलाई और कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को किस तरह धोखा दिया ये उनके बयान से साफ हो गया है। केजरीवाल की नीयत कभी सेवक बनने की रही ही नहीं थी, इस बयान से पता चल गया कि वो और उनकी पार्टी सत्ता की कितनी लालची है। -माया राठी
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^