03-Oct-2017 08:37 AM
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अगर करीब 14 साल से सत्ता पर काबिज कोई सरकार अब जाकर विकास का रोडमैप तैयार करे तो उसे आप क्या कहेंगे? यह सवाल उठाया है सांसद कमलनाथ ने। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी हाल ही में मंत्रियों और अधिकारियों की जो 14 समितियां बनाई है उस पर उन्होंने सवाल खड़ा किया है। उनका सवाल बाजिब भी है। क्योंकि सरकार ने जो समितियां अभी बनाई है उनसे संबंधित कई प्रयास पहले भी हो चुके हैं। फिर इन समितियों की जरूरत क्यों पड़ी?
दरअसल, सरकार पिछले एक दशक से विकास के कई बड़े दावे करती आ रही है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है। आलम यह है की बिजली, सड़क और पानी की समस्या ने सरकार को बैकफुट पर ला खड़ा कर दिया है। अब इससे पार पाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है, ताकि चुनावी वर्ष में जनता को ऐसा लगे की सरकार उसके लिए कुछ कर रही है। पिछले कई साल से मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को राह पर लाने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोशिश अब परवान चढ़ी है। उन्होंने प्रदेश के चहुंमुखी विकास का रोडमैप तैयार कर मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की 14 अलग-अलग समितियां बनाकर उन्हें काम पर लगा दिया है। इन समितियों को 15 अक्टूबर तक रोडमैप तैयार करने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने 27 सितम्बर को जैसे ही यह कार्य मंत्रियों को सौंपा वे फिर वापस लौटकर मंत्रालय नहीं पहुंचे। जो इस बात का संकेत हैं कि मंत्रियों के सिर पर भी तलवार लटकी है।
दरअसल, 14 साल से सत्ता में काबिज भाजपा सरकार के खिलाफ इस बार एंटीइंकंबेंसी दिख रही है। सरकार की पेशानी पर बल पड़ गया है। ऐसे में एंटीइंकंबेंसी से पार पाने के लिए सरकार ने पुरानी बोतल में नई शराब भर कर मंत्रियों और अधिकारियों को क्षेत्र में सक्रिय करने की रणनीति बनाई है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों-अधिकारियों के 14 ग्रुप बनाने की घोषणा की है। ये ग्रुप 15 अक्टूबर तक विभिन्न विषयों पर सिफारिश करेंगे। 17 अक्टूबर को इनका कैबिनेट में प्रस्तुतिकरण होगा और एक नवंबर को मुख्यमंत्री इसे जनता के सामने घोषित करेंगे। इसमें एक, दो और पांच साल की रणनीति होगी। साथ ही यह भी तय किया गया कि एक नवंबर को प्रदेश का 61वां स्थापना दिवस उत्सव की तरह मनाया जाएगा। वहीं प्रदेश में विकासयात्रा भी दो चरण में निकाली जाएगी। पहला चरण 1 नवंबर से 30 नवंबर और दूसरा 1 जून से 30 जून 2018 तक होगा। इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन करेंगे।
सरकार ने अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए अपने 13 साल के विकास कार्यों का ब्योरा प्रदेशवासियों के सामने नए अंदाज में रखने का फैसला किया है। इसके लिए मंत्रियों और अधिकारियों से रोडमैप तैयार करने के लिए कहा गया है। सभी मंत्रियों से कहा गया है कि वे अक्टूबर से होने वाले सम्मेलन सहित अन्य कार्यक्रमों में प्रभार के जिले या गृह जिले में जरूर हिस्सा लेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिन 14 समितियों का गठन किया है उनमें भ्रष्टाचार मुक्त मध्य, गदंगी मुक्त मध्यप्रदेश, आतंकवाद मुक्त मध्यप्रदेश, गरीबी मुक्त मध्यप्रदेश, स्वास्थ्य एवं कुपोषण समिति, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, अ.जा., अ.ज.जा. एवं घुमक्कड़ जाति कल्याण, हर घर में बिजली, हर घर में शुद्ध पेयजल, कृषि आय दोगुना, महिला सशक्तिकरण एवं स्वसहायता समूहों का सुदृढ़ीकरण, गौवंश संरक्षण एवं फसल सुरक्षा समिति, सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण समिति आदि शामिल है।
समितियों के सुझाव पर होगा विकास योजनाओं का एलान
समितियों के सुझाव के आधार पर 1 नवंबर को सरकार विकास योजनाओं पर कोई बड़ा ऐलान करेगी। बैठक में ये भी तय किया गया है कि 1 से 30 नवम्बर के बीच सरकार विकास यात्रा निकालेगी। जिसमें मुख्यमंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री और जनप्रतिनिधि शिलान्यास और उद्घाटन के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। 1 दिसम्बर से महिला सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। 16 से 21 दिसम्बर के बीच डिजिटल इंडिया सम्मेलन आयोजित होंगे। इससे पहले अक्टूबर महीने में राजमाता विजयाराजे सिंधिया के जन्मदिन के मौके पर 12 तारीख को लाडली लक्ष्मी सम्मेलन होंगे। इन अभियानों से आम जनता को जोडऩे के लिए भी सरकार के स्तर पर अभियान चलाए जाएंगे।
द्यभोपाल से रजनीकांत पारे