03-Oct-2017 08:31 AM
1234788
दरअसल, टेररिस्तान करार दिये जाने से भी पाकिस्तानी सुधरना नहीं चाह रहा है। उसके हुक्मरान किसी भी तरह आतंकवाद का साथ नहीं छोडऩा चाहते। हद तो यह देखिए की वे पाकिस्तान को आतंक पीडि़त देश बताकर सहानुभूति पाना चाह रहे हैं, जबकि इसके लिए वे खुद दोषी है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान फिर भी गाल बजा रहा है। कहीं सच में ऐसी बात तो नहीं कि अब वो बातों के भूत नहीं रहे। क्योंकि उन्हें तो सर्जिकल स्ट्राइक की भाषा भी अब समझ में नहीं आ रही। अव्वल तो वे सर्जिकल स्ट्राइक को मानने से भी इंकार कर देते हैं। पाकिस्तान ने ताजा-ताजा एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। अब इस बात से किसी को क्या शिकायत हो सकती है। मगर, जब वो ये बताता है कि उसने भारत के खिलाफ पुख्ता तैयारी की है तो क्या समझा जाये? मामला इतना ही रहता तो भी कोई बात नहीं, हाफिज सईद की तैयारियां किस और बढ़ रही हैं?
पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी का दावा है कि उनके मुल्क ने कम दूरी की मारक क्षमता वाले कई हथियार तैयार किए है। ये हथियार खासतौर पर भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए बनाये गये हैं। अब्बासी का कहना है कि शॉर्ट रेंज वेपन पाकिस्तान ने भारत के कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन के मद्देनजर किया है। असल में कोल्ड स्टार्ट फौरन फौजी कार्रवाई की सामरिक रणनीति होती है। इसमें जंग होने की स्थिति में सभी सेनाएं मिल कर कम से कम वक्त में हमले को अंजाम देती हैं। इस रणनीति में इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि दुश्मन के न्यूक्लियर वेपन इस्तेमाल करने से पहले ही उस पर धावा बोल दिया जाये। शॉर्ट रेंज हथियारों के दावे के बीच पाकिस्तान की नौसेना ने एंटी-शिप मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया है। हवा से समुद्र में मार करने वाली इस मिसाइल का परीक्षण उत्तर अरब सागर में किया गया और इस दौरान पाक नौसेना प्रमुख मोहम्मद जकौल्ला भी मौजूद रहे। मुश्किल ये नहीं कि पाकिस्तानी फौज ने क्या और किस हद तक तैयारी की है, अहम बात ये है कि उसके इरादे कितने खतरनाक हैं?
फौजी शासन खतरा
पाकिस्तान में फौजी शासन को ही लोकतंत्र के लिए खतरा माना जाता रहा है। फर्ज कीजिए पाकिस्तान में ऐसा इंतजाम किया जाता है कि हाफिज सईद चुनाव लड़ता है और जीत भी जाता है। कल्पना कीजिए स्थिति कितनी विस्फोटक हो सकती है। पाक पीएम अब्बासी की दलील है कि जब पचास साल से न्यूक्लियर हथियार सुरक्षित हाथों में हैं तो आगे भी रहेंगे। क्या अब्बासी इस बात की भी गारंटी लेंगे कि हाफिज सईद भी उनकी बातों पर खरा उतरेगा? अरे परवेज मुशर्रफ ने तो सिर्फ करगिल दिया था, हाफिज के बारे में तो सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। जिस मुल्क में ऐसे खतरनाक खेल चल रहे हों वो टेररिस्तान कहे जाने से कितना डरेगा,
एक कान से सुन कर दूसरे से निकाल देगा।
-अवधेश कुमार