03-Oct-2017 08:29 AM
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राजनीति में वह सबसे बड़ा खिलाड़ी होता है जो किसी भी अच्छे कार्य का श्रेय अपने पक्ष में कर ले। ऐसी ही श्रेय की राजनीति विगत दिनों गुना संसदीय क्षेत्र के चंदेरी में हैंडलूम पार्क को लेकर दिखी। दरअसल, कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र में बन रहा हैंडलूम पार्क अभी अधूरा है, लेकिन 27 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे लोकार्पित कर दिया। इससे प्रदेश की खासकर गुना संसदीय क्षेत्र की राजनीति गर्मा गई। कहा जा रहा है कि श्रेय लेने के लिए भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री से इस अधूरे हैंडलूम पार्क का लोकार्पण करा दिया, जबकि इसकी परिकल्पना से लेकर निर्माण तक में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का अहम योगदान है।
बताया जाता है कि चंदेरी में पेयजल के गंभीर संकट को देखते हुए 2005-06 स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (चंदेरी गुना संसदीय क्षेत्र का ही हिस्सा है) के ध्यान में लाई गई। उन्होंने पेयजल संकट का समाधान ढूंढना शुरू किया तो उन्हें औद्योगिक अधोसंरचना उन्नयन योजना (आईआईयूएस- इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन स्कीम) का पता चला। इसमें यह प्रावधान है कि किसी इलाके में संचालित होने वाली कुल योजना लागत का 15 फीसदी हिस्सा वहां के आधारभूत ढांचे और पेयजल व्यवस्था आदि पर खर्च किया जा सकता है। सो आईआईयूएस के तहत चंदेरी में बुनकरों के लिए एक हैंडलूम पार्क विकसित करने की योजना बनाई गई। 2008 में केंद्र से हैंडलूम पार्क की योजना मंजूर हो गई। 2009 में जब केंंद्र्र में फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार बनी तो सिंधिया को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में ही राज्य मंत्री बना दिया गया और यहां से हैंडलूम पार्क की योजना ने रफ्तार पकड़ ली क्योंकि मूल रूप से यह योजना उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ही थी। इसके तहत सबसे पहले तो चंदेरी के लिए राजघाट बांध से पीने का पानी लाया गया। फिर हैंडलूम पार्क का काम शुरू हुआ, जो कि देश ही नहीं शायद एशिया में भी अपनी तरह का पहला पार्क है जहां एक परिसर में सभी सुविधाएं दी जा रही हैं।
हैंडलूम पार्क की योजना चूंकि केंद्र की है इसलिए इसमें उसकी भागीदारी 75 फीसदी की है। राज्य सरकार के जिम्मे कुल लागत का 10 फीसदी हिस्सा आया था जबकि 15 फीसदी रकम उन लोगों को देनी थी जिन्हें इसका इस्तेमाल करना है, लेकिन इन लोगों ने अपने हिस्से की रकम दी नहीं इसलिए वह भी राज्य सरकार के जिम्मे आ गई। इस तरह कुल लागत की 25 फीसदी हिस्सेदारी और 10 एकड़ जमीन राज्य सरकार ने दी। इस तरह कुल 43 करोड़ रुपए की लागत से केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने हैंडलूम पार्क तैयार किया है। इसमें कुल 24 ब्लॉक बनाए गए हैं। ये बुनकरों के लिए सभी सुविधाओं से लैस वर्क स्टेशन हैं। अभी इसमें कुछ काम बाकी है। उसमें एक मार्केटिंग सेंटर, डिजाइन स्टूडियों, फूड जोन, पार्क, ये सब सुविधाएं अभी पूरी तरह विकसित नहीं हो पाई हैं। इनका काम होना है। हालांकि लूम लगा दिए गए हैं और बुनकर समूह चाहें तो वहां से काम शुरू कर सकते हैं, लेकिन आधी-अधूरी सुविधाओं में कोई वहां क्यों जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर इसका लोकार्पण क्यों किया गया?
कांग्रेस सेवादल के गुना जिला अध्यक्ष मोहम्मद उमर अंसारी कहते हैं, मुख्यमंत्री ने राजनीतिक कारणों से जल्दबाजी में अधूरे हैंडलूम पार्क का उद्घाटन किया। ताकि इसका श्रेय सिंधिया को न मिल सके। इसके अलावा उनका कोई और मकसद नहीं था, लेकिन क्षेत्र की जनता जानती है कि काम किसने किया और श्रेय कौन ले रहा है।Ó कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी तो इससे आगे की बात करते हैं। उनके शब्दों में मुख्यमंत्री को लगातार चिंता सता रही है कि सिंधिया कांग्रेस की तरफ विधानसभा में उनके लिए सीधी चुनौती (मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर) बन सकते हैं। इसलिए वे सिंधिया को लक्ष्य कर रहे हैं। उनके कामों का श्रेय लेने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।Ó
हालांकि भाजपा की स्थानीय इकाई के नेता अरुण सोमानी इससे पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रखते। वे कहते हैं, ये सही है कि हैंडलूम पार्क की अवधारणा सिंधिया की है। इसके लिए प्रयास भी उन्होंने ही किए, लेकिन मुख्यमंत्री इसका श्रेय ले रहे हैं, यह आरोप सही नहीं है। मुख्यमंत्री तो किसान सम्मेलन के लिए चंदेरी आ रहे थे। कार्यकर्ताओं ने उनसे हैंडलूम पार्क का उद्घाटन कर देने का आग्रह किया और वे तैयार हो गए। उन्हें अगर श्रेय ही लेना होता तो कार्यक्रम के निमंत्रण पत्रों में सिंधिया का नाम क्यों होता?Ó हालांकि पार्क में अभी काफी काम बाकी होने की बात वे भी साफगोई से स्वीकार करते हैं।
निशाने पर सिंधिया
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने 350 सीटों के लक्ष्य को पाने के लिए मप्र की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य सत्तारूढ़ भाजपा को दिया है। इनमें तीन सीटें यानी गुना, छिंदवाड़ा और रतलाम लोकसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में है। इन सीटों को जीतना भाजपा के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है। गुना, छिंदवाड़ा और रतलाम लोकसभा सीट में गुना से इस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद हैं। यह सीट परंपरागत रूप से सिंधिया परिवार का कोई प्रतिनिधि ही जीतता रहा है। छिंदवाड़ा से कमलनाथ सांसद हैं, जहां कभी यह नारा बुलंद हुआ था, कमल नहीं कमलनाथ चाहिए।Ó जबकि रतलाम सीट पर कांतिलाल भूरिया का कब्जा है। भाजपा सरकार और संगठन ने सबसे पहले गुना पर अपना जोर लगा दिया है। वह इसलिए कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में माना जा रहा है कि वे 2019 से पहले 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव में ही भाजपा के लिए चुनौती बन सकते हैं। सो इसको देखते हुए भाजपा ने सिंधिया के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रभात झा और मंत्री जयभान सिंह पवैया सिंधिया पर आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं वहीं अब क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का श्रेय लेने में जुट गए हैं। इसी में से एक है चंदेरी हैंडलूम पार्क का लोकार्पण।
- भोपाल से अजयधीर