ये 2024 की तैयारी है!
16-Sep-2017 11:10 AM 1234858
बात कैबिनेट फेरबदल की हो तो रोमांच क्रिकेट टीम की घोषणा से ज्यादा होता है। जाहिर है इससे राजनीति का नया खेल पता चलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पांच साल के कार्यकाल के मध्यकाल को पार करने के बाद तीसरी बार मंत्रिमंडल में फेरबदल कर राजनीति का ऐसा खेल खेला है, जिसे देखकर लगता है ये 2024 की तैयारी है। मोदी और शाह के नेतृत्व में फेरबदल चाहे सरकार में हो, या फिर संगठन में सब के सब अगले पांच साल के लिए हैं। जो लोग सरकार और संगठन में नहीं फिट हो पाएंगे उनके लिए आलीशान राजभवन का ऑप्शन तो है ही। ये बात अलग है कि इसी बीच 2019 आएगा और गुजर जाएगा। जानकारों का कहना है कि फिलहाल कमजोर विपक्ष को देखते हुए भाजपा को उम्मीद है की 2019 उसके लिए आसान है। इसलिए वह अभी से 2024 की तैयारी में जुट गई है। वर्तमान कैबिनेट विस्तार इसी का एक नमूना है। जिन चार राज्य मंत्रियों निर्मला सीतारमण, पियूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट दर्जे के साथ प्रमोशन दिया गया सभी राज्यसभा से हैं और उनकी अपनी कोई राजनीतिक जमीन नहीं है। यह अच्छी बात है कि चार नौकरशाहों को मंत्री बनाया गया, लेकिन उन्हें दिए गए कार्यभार का कोई अनुभव नहीं है। साथ ही यह इस बात का संकेत है कि सरकार के पास सक्षम लोगों की कमी है। जिसके चलते उसे राजनीतिक खेमे की बजाय सेवानिवृत नौकरशाहों की शरण में जाना पड़ा। शायद यही वजह है कि प्रशासनिक सेवा के जो चार अधिकारी मंत्री बनाए गए हैं उनका रिकार्ड बहुत अच्छा है। आरके सिंह भले भाजपा के बड़े नेता नहीं हैं, लेकिन बिहार में उनको बेहद सक्षम अधिकारी माना जाता है। इसी तरह सत्यपाल सिंह, अल्फोंस कन्नाथनम, हरदीप सिंह पुरी की छवि भी बेहतर काम करने वाले अधिकारी की है। उप-राष्ट्रपति बनाए गए वेंकैया नायडू मोदी के वरिष्ठतम मंत्रियों में शुमार थे। उनके जिम्मे हाउसिंग और शहरी विकास मंत्रालय को अब एक राज्य मंत्री संभालेंगे। हरदीप सिंह पुरी विदेश सेवा के एक सफल अधिकारी थे। अब उनका परीक्षण तेज शहरीकरण और स्मार्ट सिटी की चुनौतियों पर किया जाएगा। इसी तरह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय को भी कैबिनेट मंत्री की जगह राज्य मंत्री देखेंगे। गौरतलब है कि नोटबंदी के फैसले ने इस मंत्रालय के लिए कड़ी चुनौतियां पेश की हैं। नायडू के एक अन्य मंत्रालय सूचना और प्रसारण (आईबी) को पहले अस्थाई रूप से स्मृति ईरानी के अधीन किया गया था, अब वह दोनों टेक्सटाइल और आईबी जैसे गैरसंबंधित मंत्रालयों की कमान संभालेंगी। इसी तरह वित्त मंत्रालय के दो राज्य मंत्रियों की जगह पर दो अन्य नए मंत्री दिए गए हैं जिन्हें मंत्रालय का कोई अनुभव नहीं है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया जब अर्थव्यवस्था नाजुक दौर से गुजर रही है और उसे एक प्रोफेश्नल और एक्सपर्ट नेतृत्व की जरूरत है। नितिन गडकरी हाईवे, रोड ट्रांसपोर्ट और शिपिंग मंत्रालय को सफलतापूर्वक चला रहे थे और अब उन्हें इसके साथ नमामि गंगे और जल-संसाधन मंत्रालय भी संभालना होगा। यह कार्यभार पहले उमा भारती के पास था और वह साफ तौर पर जिम्मेदारियों को निभाने में विफल पाई गईं। इसके बावजूद उनकी छुट्टी नहीं की गई और उन्हें पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है। इसी तर्ज पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्या पाल को राज्य मंत्री बनाते हुए ह्यूमन रिसोर्स और वॉटर रिसोर्स का कार्यभार दिया गया है। वहीं पेट्रोलियम और नैचुरल गैस मंत्रालय को बखूबी संभालने वाले राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अब बतौर कैबिनेट मंत्री यह काम करेंगे। इसके अलावा उनके सुपुर्द केन्द्र सरकार की फ्लैगशिप योजना स्किल डेवलपमेंट को भी किया गया है। वहीं पुरी और अलफोंस कन्ननथनम को सीधे राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। राजनीति में उनकी पारी एक प्रयोग के तौर पर है। अंत में निर्मला सीतारमण को डिफेंस मंत्रालय की जिम्मेदारी मोदी सरकार में सबसे अहम बदलाव है। 2019 चुनावों के पहले यह महिला सशक्तीकरण का इशारा है और साफ संकेत देने की कोशिश है कि भाजपा में सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध है। राजनीति में अपनी जगह बनाने में सफल निर्मला को कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय के कार्यकाल में कोई विशेष उपलब्धि हाथ नहीं लगी। यहां वह स्वतंत्र प्रभार वाली राज्य मंत्री थीं। वहीं बीते तीन साल तक कैबिनेट दर्जे के साथ रेल मंत्रालय चलाने वाले सुरेश प्रभु को अब निर्मला का मंत्रालय दिया गया है। प्रभु ने तीन साल के दौरान रेल को सुधारने की कवायद की, लेकिन लगातार हो रहे रेल हादसों ने सरकार को इस बदलाव के लिए मजबूर कर दिया। लिहाजा, एक बात साफ है कि अगले 20 महीनों तक मोदी सरकार के लिए मायने नहीं रखता कि कौन व्यक्ति किस मंत्रालय की कमान संभाल रहा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने मिशन 350 की शुरुआत कर चुके हैं। मोदी कैबिनेट में प्रमोशन पाए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (केरल), पीयूष गोयल (तमिलनाडु) और निर्मला सीतारमण (कर्नाटक) को पहले ही अमित शाह की तरफ से चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। मंत्री पद किसी की जागीर नहीं अपने तीन साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार अपने कैबिनेट में फेरबदल कर मंत्रियों को यह कड़ा संदेश दिया है कि कोई ये न समझे कि मंत्री पद उसकी जागीर हो गई है और यह कुर्सी पूरी तरह से प्रदर्शन आधारित ही है। अगर प्रदर्शन अच्छा रहा तो तरक्की मिलेगी, वरना बाहर करने में देर नहीं लगाई जाएगी। फेरबदल में चार मंत्रियों को तरक्की दी गई तो कलराज मिश्रा, महेंद्र नाथ पांडेय, राजीव प्रताप रूडी, संजीव बालियान, फग्गन सिंह कुलस्ते और बंडारू दत्तात्रेय की मंत्रालय से छुट्टी कर दी गई। कई मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए। इस तरह पीएम ने मंत्रियों को साफ संदेश दिया है कि कुर्सी पर बने रहने के लिए काम तो करना ही होगा, बल्कि अच्छा काम करना होगा। आखिर टूट गया मोदी का मिथ कहा जा रहा है कि जिन नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है ये ऐसे लोग थे जिनका संघ या फिर मोदी की कोटरी में कोई माई-बाप नहीं था। इसका सबसे नायाब उदाहरण उमा भारती थीं। जिनकी नाकामी और फिर हटने की चर्चा सरेआम थी, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से सीधे इंकार कर दिया और जब इस्तीफे के बारे में उनसे पूछा गया तो इशारे में ही उन्होंने अमित शाह पर कई तंज कसे, लेकिन मोदी-शाह जोड़ी उनका कुछ नहीं कर सकी। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले वृंदावन में संघ के वरिष्ठों के साथ अमित शाह की बैठक बताती है कि प्रधानमंत्री स्वतंत्र तौर पर फैसला नहीं ले सके और कुल मिलाकर संघ का शिकंजा सरकार पर मजबूत होता जा रहा है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात इस विस्तार में घटक दलों को शामिल न कर ये संदेश दिया गया है कि उनकी जरूरत अब बहुत ज्यादा नहीं रही और भाजपा अपनी ताकत के बल पर सब कुछ करने में सक्षम है। दरअसल एनडीए में शामिल घटक दलों को भाजपा ने या तो इतना कमजोर कर दिया है या फिर उनकी सत्ता का लालच इतना बढ़ गया है कि वो चाह कर भी उससे अलग नहीं हो सकते। इस मामले में नीतीश कुमार का जेडीयू और शिवसेना दो सबसे बड़े घटक दल हैं। जिन पर गौर करना जरूरी है। नीतीश को भाजपा ने वहां लाकर फंसा दिया है जहां से अब उनके पास भाजपा की बात मानने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है। -दिल्ली से रेणु आगाल
FIRST NAME LAST NAME MOBILE with Country Code EMAIL
SUBJECT/QUESTION/MESSAGE
© 2025 - All Rights Reserved - Akshnews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^