18-Aug-2017 10:02 AM
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राजनीतिक आकाओं का दम भरने वाले रेत माफिया की उस समय नींद उड़ गई जब होशंगाबाद जिले की 4 रेत खदानों पर पुलिस और प्रशासन ने दबिश देकर अवैध रेत ढो रहे 65 से ज्यादा वाहन और करीब 20 स्टॉक जब्त किए। इससे राजधानी तक हल्ला मच गया। आधी रात को ही रेत ले जा रहे डम्पर इधर-उधर छुपने लगे। होशंगाबाद जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से नर्मदा, तवा, सहित अन्य नदियों में अवैध खनन करने वाले माफिया अचानक गायब हो गए हैं। इस छापामार कार्रवाई में यह बात सामने आई है कि माफिया बंद खदानों में खनन कर रहे हैं। यह काम माफिया, प्रशासन और नेताओं की मिलीभगत से चल रहा है।
ज्ञातव्य है कि सरकार ने नर्मदा और एनजीटी ने तवा नदी में रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। उसके बावजूद नदियों से रेत उत्खनन, परिवहन और स्टॉक जोरों पर हो रहा है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कलेक्टर अविनाश लवानिया और एसपी अरविंद कुमार सक्सेना के नेतृत्व में वज्र सहित हथियारों से लैस 200 पुलिसकर्मियों ने खदानों पर दबिश दी। पुलिस प्रशासन को देख माफिया के गुर्गे जगह-जगह भागने लगे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेर लिया और सड़क पर दौड़ रहे डंपरों, ट्रैक्टर-ट्रालियों को जगह-जगह रोक लिया गया। रेत ठेकेदारों के नाके उनके कारिदें बंद कर भाग निकले। करोड़ों की अवैध रेत स्टॉक और 65 डंपर, ट्रैक्टर ट्रॉली और जेसीबी, पोकलेन जब्त की गई है। कई जगह पर अवैध रेत के पहाड़ मिले हैं। कार्रवाई में डिप्टी कलेक्टर मनोज उपाध्याय, एसडीओपी एसएन चौधरी, टीआई महेंद्र सिंह चौहान, राजेंद्र बर्मन होशंगाबाद,बाबई तहसीलदार भी मौजूद रहे।
बताया जा रहा है कि क्षेत्र में नर्मदा और तवा की खदानों में सालों से अवैध खनन हो रहा था। इस अवैध खनन को प्रशासन का भी सपोर्ट मिला हुआ था। यही कारण है कि माफिया निर्बाध होकर नदियों को खोद रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को कई बार इसकी सूचना दी जा चुकी थी। हालांकि जिले में पदस्थ नवागत पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना के पास जैसे ही इसकी शिकायत मिली उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर मिले इनपुट के आधार पर योजना बनाई और कलेक्टर सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ खदानों पर धावा बोल दिया। खदानों पर छापामार कार्रवाई को इतना गोपनीय रखा गया कि पुलिसकर्मियों को भी कार्रवाई की सूचना नहीं दी गई। एसपी कलेक्टर के साथ जब पुलिसकर्मी सीधे स्पॉट पर पहुंचे तब जाकर कार्रवाई का खुलासा हुआ।
जिले में अवैध खनन पिछले सालों में किस कदर हुआ है इसकी तस्वीर खदानों के आसपास देखने को मिल रही है। जगह-जगह अवैध रेत के स्टॉक देखे जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जिले में जो पूर्ववर्ती अफसर तैनात हैं उनकी नजर इस अवैध खनन पर क्यों नहीं पड़ी। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत तो पूर्व में भी लगातार की गई है, लेकिन प्रशासन ने कभी इतनी गंभीरता नहीं दिखाई। एसपी अरविंद सक्सेना ने बताया कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई होगी। खदानों में कितने खनन की अनुमति मिली है और कितना खनन किया गया इसकी भी जांच होंगी। कहां-कहां मशीनें चल रही थी इसका भी भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यानी माफिया के खिलाफ अभियान और तेज होगा।
शराब माफिया पर भी जोरदार प्रहार
रेत माफिया पर बड़ी कार्रवाई के बाद एसपी अरविंद सक्सेना ने नेतृत्व में पुलिस ने जिले के बालागंज क्षेत्र में पिछले कई सालों चल रहे शराब के अवैध कारोबार को मटियामेट किया। बालागंज के आधा दर्जन मकानों पर छापामार कार्रवाई कर अवैध शराब का कारोबार पकड़ा गया। घरों के अंदर कमरे, आंगन और बरामदे में छुपाकर शराब रखी हुई थी। एसपी की कार्रवाई के दौरान लाखों रूपए की अवैध शराब बरामद हुई है। इसके अलावा एक हजार लीटर से अधिक महुआ लाहन झाडिय़ों में मिला। साथ ही जिस जगह शौचालय के लिए गड्ढे बनवाए गए थे उन्हीं गड्ढों में शराब माफियाओं ने शराब की खेप छुपा रखी थी। सक्सेना ने बताया कि पिछले कई दिनों से बालागंज क्षेत्र में अवैध शराब को लेकर सूचना मिल रही थी। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद दबिश देकर शराब बरामद की गई है। शराब माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा।
- बिंदू माथुर